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Importance of Spirituality : मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है अध्यात्म
Importance of Spirituality : मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है अध्यात्म
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, February 17, 2025
Updated On: Monday, February 17, 2025
Importance of Spirituality : अध्यात्म मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है. इसे अपनाने से कई तरह की बीमारियां भी दूर रहती हैं. यहां यह जानना जरूरी है कि धार्मिक कर्मकांड अध्यात्म नहीं हैं. प्रार्थना, योग-ध्यान हमें अध्यात्म की ओर ले जाते हैं. जानते हैं अध्यात्म के महत्व को.
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, February 17, 2025
Importance of Spirituality: अध्यात्म (Spirituality) चिंतनशील अभ्यास और विचारों को प्रेरित करता है. चिंतनशील अभ्यास किसी विशिष्ट फ़ोकस पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है. यह चित्त को एकाग्र करता है. अध्यात्म करुणा, सहानुभूति और ध्यान बढ़ाने के साथ-साथ मन को शांत करता है. मस्तिष्क शोधकर्ता रिचर्ड डेविडसन के शोध के अनुसार, ध्यान मस्तिष्क के ग्रे मैटर के घनत्व को बढ़ाता है, जो दर्द के प्रति संवेदनशीलता को कम कर सकता है. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा सकता है. कठिन भावनाओं को नियंत्रित करने और तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकता है. विशेष रूप से माइंडफुलनेस मेडिटेशन अवसाद, घबराहट, कैंसर, फाइब्रोमायल्जिया, पुराने दर्द, रुमेटीइड गठिया, टाइप 2 मधुमेह, क्रोनिक थकान सिंड्रोम और हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए मददगार साबित हुआ है. इस तरह अध्यात्म मन और शरीर दोनों के लिए लाभकारी (Importance of Spirituality) है.
बाधाओं का सामना करने में मदद करता है अध्यात्म (Importance of Spirituality)
अध्यात्म धार्मिक कर्मकांड का पालन करना नहीं, बल्कि प्रार्थना, योग-ध्यान और जर्नलिंग भी इसके अंतर्गत आ सकता है. यहां जर्नलिंग का मतलब है अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को नियमित रूप से लिखना. प्रार्थना रिलैक्स करने के साथ-साथ आशा, कृतज्ञता और करुणा की भावनाओं को भी जगा सकती है. इन सभी का समग्र कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. योग एक सदियों पुरानी आध्यात्मिक प्रथा है, जिसका उद्देश्य शारीरिक मुद्राओं, नैतिक व्यवहारों और सांस के विस्तार के माध्यम से अभ्यासकर्ता के भीतर शुद्धता का भाव पैदा करना है. योग के व्यवस्थित अभ्यास से सूजन और तनाव कम होता है, अवसाद और चिंता कम होती है. रक्तचाप कम होता है और भलाई की भावना बढ़ती है. जर्नलिंग आंतरिक जीवन के बारे में अधिक जागरूक बनने और अपने अनुभव और अपने आस-पास की दुनिया से अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद कर सकता है. माइंड जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि कठिन समय के दौरान लिखने से जीवन की चुनौतियों में अर्थ खोजने और बाधाओं का सामना करने में मदद मिल सकती है.
जीवन को बेहतर बनाने में अध्यात्म के फायदे (Benefits of Spirituality)
1. सामाजिक बनाता है अध्यात्म (Spirituality makes us social)
कई आध्यात्मिक कार्य समाज में भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं. व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर नहीं पूरे समाज के स्तर पर जीवन को देखने लगता है. आध्यात्मिक संगति, जैसे कि पूजा स्थल या ध्यान समूह में जाना आदि अपनेपन, सुरक्षा और सामजिक होने की भावना प्रदान कर सकते हैं. मजबूत रिश्ते खुशहाली बढ़ाने और लंबी उम्र पाने में सहायक सिद्ध हुए हैं. यही कारण है कि माइंड जर्नल के एक अध्ययन में चर्च में उपस्थिति और बेहतर स्वास्थ्य, मनोदशा और खुशहाली के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया.
2. आध्यात्मिक शक्ति कठिनाइयों को दूर करने में करती है मदद (Spirituality for difficulties)
अगर आपके पास अध्यात्म है, तो आप कठिन परिस्थितियों से भी मुकाबला करने में सक्षम होंगे। कुछ लोग आध्यात्मिकता के बल पर हिंसा, आघात, युद्ध और कारावास के दिनों को भी हंसी-खुशी काट लेते हैं. आध्यात्मिक लोग “चुनौती का सामना करने और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के तरीके खोज पाते हैं. वे असफल होने के बावजूद आगे बढ़ते जाते हैं. ”
एक मजबूत आध्यात्मिक दृष्टिकोण रखने से जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी जीवन का सच्चा अर्थ जानने में मदद मिल सकती है. अपने जीवन का मूल्यांकन करने और धीरे-धीरे इसे बेहतर बनाने में व्यक्ति सक्षम हो सकता है.
3. स्वस्थ विकल्प का अधिक चुनाव (Spirituality for healthy options)
किसी विशेष आध्यात्मिक परंपरा का पालन करने से अप्रत्यक्ष स्वास्थ्य लाभ हो सकता है. क्योंकि आप अपने शरीर और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करते हैं. किसी भी तरह के अनहेल्दी व्यवहार से अध्यात्म आपको बचा लेता है. जो लोग किसी आस्था का पालन करते हैं, उनके धूम्रपान या शराब पीने, अपराध करने या हिंसक गतिविधि में शामिल होने की संभावना कम होती है. वे सीटबेल्ट पहनने और विटामिन लेने जैसी बढ़िया आदतों को अपनाने की अधिक संभावना रखते हैं.
आध्यात्मिकता लंबी आयु पाने में मदद कर सकती है (Spirituality for Longevity)
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार, मजबूत आध्यात्मिक जीवन वाले लोगों की मृत्यु दर में 18% की कमी आई. अध्यात्म की राह पर चलने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में हेल्दी खाते हैं और क्रोध-घबराहट जैसे नकारात्मक विचारों से दूर रहते हैं. इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से वे दूर रह सकते हैं. आध्यात्मिक लोग क्षमाशील भी होते हैं. अधिकांश शोधकर्ता इस बात से सहमत हैं कि धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों और बेहतर स्वास्थ्य परिणामों के बीच एक सकारात्मक संबंध है.
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