Prayer and Tears in Temple : मंदिर में प्रार्थना करते समय क्यों आ जाते हैं आंखों में आंसू

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, August 6, 2025

Last Updated On: Wednesday, August 6, 2025

Temple में प्रार्थना करते हुए भावुक भक्त की आंखों में आंसू.
Temple में प्रार्थना करते हुए भावुक भक्त की आंखों में आंसू.

मंदिर में प्रार्थना करते हुए कुछ भक्तगण की आंखों में आंसू आ जाते हैं. यह मन के मैल के धुलने और ईश्वर से जुड़ने का प्रतीक है. इस बारे में क्या कहते हैं आध्यात्मिक गुरु?

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Wednesday, August 6, 2025

सभी धर्मों में प्रार्थना का महत्व बताया जाता है. (Prayer and Tears in Temple) प्रार्थना महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अभ्यास है, जो भक्तगण को ईश्वर से जुड़ने, प्रभु के सामने अपनी इच्छा-कामना प्रकट करने और सांत्वना एवं मार्गदर्शन पाने का एक माध्यम है. यह दुख के समय संबल प्रदान करता है और प्रभु के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का भी माध्यम है. आपने देखा होगा कि मंदिर में पूजा करते समय कुछ लोगों की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं. इस आलेख में जानते हैं (Prayer and Tears in Temple) इसकी वजह.

आध्यात्मिक जुड़ाव (Spiritual Significance)

विदेशी लेखक ई.एम. सिओरन अपनी किताब “सैंट्स एंड टीअर्स” में बताते हैं, किसी भी धर्म के पूजास्थल पर प्रार्थना करने के दौरान आंखों में आंसू निकलने लगते हैं. ये लोगों की भक्ति, कृतज्ञता और आध्यात्मिक जुड़ाव की प्रबल भावनाओं से उत्पन्न होते हैं. ये आंसू आत्मा के आनंद, प्रेम और ईश्वर के प्रति समर्पण की स्वाभाविक अभिव्यक्ति हो सकते हैं. इससे मन शुद्ध होता है और आत्मा परमात्मा से जुड़ा हुआ महसूस करती है. यह एक सकारात्मक प्रक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए.

ईश्वर के प्रति भावनात्मक लगाव (Emotional Attachment)

मंदिर में प्रार्थना करने के दौरान कभी-कभी भक्तों की आंखों में आंसू आ जाते हैं. यह प्रेम, आनंद, कृतज्ञता और ईश्वर से जुड़ाव की भावना प्रकट करते हैं. ये भावनाएं इतनी अधिक होती हैं कि वे आंसुओं के रूप में प्रकट हो जाती हैं.

आध्यात्मिक रूप से जाग्रत होने का प्रतीक (Spiritual Importance)

कुछ लोगों ने अपने अनुभवों के आधार पर बताया है कि आंसू निकलना आपके आध्यात्मिक रूप से जाग्रत होने का भी प्रतीक हो सकता है. यह ईश्वर के साथ गहरे जुड़ाव का संकेत दे सकता है. यह अनुभव आप बार-बार भी कर सकते हैं.

मन के विकारों से मिलती है मुक्ति

इनके माध्यम से आप मन के विकारों से मुक्त हो सकते हैं.
आंसुओं को शुद्धिकरण के एक रूप में भी देखा जा सकता है. आत्मा दबी हुई भावनाओं और नकारात्मकता को मुक्त करती है. नकारात्मकता से मुक्त होने पर आप स्वयं को ईश्वर के और नजदीक पाते हैं. अधिक गहन संबंध का मार्ग प्रशस्त होता है.

कृतज्ञता और समर्पण

आंसू ईश्वर से प्राप्त आशीर्वाद या ईश्वर से जुड़ने के अवसर के लिए गहरी कृतज्ञता की अभिव्यक्ति हो सकते हैं. कुछ संस्कृति में इन्हें किसी उच्च शक्ति के प्रति समर्पण के संकेत के रूप में देखा जाता है. इससे व्यक्ति अपने अहंकार को त्याग देता है और स्वयं को ईश्वर का अनुयायी मान लेता है.

क्या कहते हैं आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj about Tears)

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, प्रार्थना के दौरान आंसू ईश्वरीय कृपा और ईश्वर से जुड़ाव का प्रतीक है. जरूरी नहीं कि ये दुःख या पीड़ा का संकेत हों. वे बताते हैं कि जब कोई भक्त पूजा के दौरान देवता से गहराई से जुड़ता है, तो उसका हृदय और आत्मा ईश्वर में विलीन हो जाते हैं. इससे भावनात्मक रूप से आंसू बहने लगते हैं. इन आंसुओं को आत्मा की शुद्धि और भक्त की भक्ति का प्रमाण माना जाता है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।


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