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Saraswati Puja at Home : जानें घर पर कैसे करें सरस्वती पूजा स्टेप बाई स्टेप
Saraswati Puja at Home : जानें घर पर कैसे करें सरस्वती पूजा स्टेप बाई स्टेप
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, January 28, 2025
Updated On: Friday, January 31, 2025
अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाने वाली देवी सरस्वती की पूजा घर (Saraswati Pooja at Home) पर भी की जा सकती है। पुष्प-प्रसाद अर्पण के साथ-साथ एकाग्र होकर देवी सरस्वती की प्रार्थना और मंत्र का उच्चारण सही तरीके से करना चाहिए।
Authored By: स्मिता
Updated On: Friday, January 31, 2025
Saraswati Puja at Home: मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) ज्ञान और शिक्षा की देवी के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धा और भक्ति प्रकट करने का दिन है। यह पारंपरिक रूप से वसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है। वसंत के आगमन के साथ ज्ञान और रचनात्मकता की भी प्रतीक है यह पूजा। हम मां सरस्वती की मूर्ति के पास किताबें, कलम, कॉपी और संगीत वाद्ययंत्र भी रखते हैं। हम प्रतीक स्वरुप देवी से यह वंदना करते हैं कि वे बौद्धिक और कलात्मक क्षमताओं से हमें समृद्ध करें। यह पूजा सामूहिक रूप से मनाने के साथ-साथ घर पर भी हम देवी की पूजा-अर्चना करते हैं। इस आलेख में हम मां सरस्वती की घर पर पूजा-अर्चना करने की विधि (Saraswati Pooja at Home) जानते हैं।
कब है सरस्वती पूजा (Saraswati Puja 2025)
ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। उदया तिथि को मान्यता देने के कारण यह मुख्य रूप से 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। इसका विशिष्ट मुहूर्त सुबह 07:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक है।
सरस्वती पूजा के लिए जरूरी सामग्री (Saraswati Puja Samagri)
ये सभी सामग्री सरस्वती पूजा के लिए जरूरी हैं। पूजा के लिए एक साफ और पवित्र स्थान तैयार करें। सुंदर दिखने के लिए पूजा-स्थान को रंगोली और ताजे फूलों से सजायें।
- देवी सरस्वती की मूर्ति या चित्र
- मूर्ति को आसन पर बैठाने और उन्हें परिधान स्वरुप देने के लिए लिए दो छोटे-छोटे वस्त्र
- पूजा की थाली
- पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक सफेद फूल
- फूलों की माला भी ली जा सकती है
- प्रसाद अर्पित करने के लिए फल, मिठाई और अक्षत
- देवी को अर्पित करने के लिए चंदन
- अगरबत्ती और घी का दिया
कैसे करें सरस्वती पूजा स्टेप बाई स्टेप (How to perform Saraswati Puja at Home)
- तैयारी: पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें। एक छोटी चौकी पर देवी सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- आह्वान: देवी सरस्वती की उपस्थिति का आह्वान करने के लिए मंत्र और प्रार्थनाएं पढ़ें। उच्चारण सही होना बहुत जरूरी है।
- प्रसाद: देवी को श्रद्धापूर्वक फूल, फल, मिठाई और अक्षत अर्पित करें।
- धूप और दीप प्रज्ज्वलन: देवी को अंतर्मन से ध्यान करते हुए दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- आरती: प्रार्थना करते हुए देवी की आरती करें।
- पुस्तकें और वाद्ययंत्र: ज्ञान और कला के प्रतीक के रूप में मूर्ति के पास पुस्तकें और संगीत वाद्ययंत्र रखें।
- विसर्जन: यदि मिट्टी की मूर्ति का उपयोग कर रहे हैं, तो पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों पर विचार करते हुए सम्मानपूर्वक मूर्ति विसर्जन करें।
सरस्वती पूजा के दौरान बचें इन सामान्य गलतियों से (common mistakes to avoid during Saraswati Puja)
- अपर्याप्त तैयारी: सुनिश्चित करें कि पूजा स्थल साफ़, अच्छी तरह से सजाया हुआ और पूजा के लिए अनुकूल हो।
- गलत मंत्र उच्चारण: मां सरस्वती को ध्यान करते हुए मंत्रों का सही उच्चारण सुनिश्चित करें।
- बासी वस्तुओं का उपयोग: केवल स्वच्छ और ताज़ी सामग्रियां ही चढाएं। बासी या सिंथेटिक विकल्प से बचें।
- ध्यान भटकाने वाली सामग्री: ध्यान और श्रद्धा बनाए रखने के लिए मोबाइल फ़ोन जैसी ध्यान भटकाने वाली चीज़ों को दूर रखें।
- आरती की गलत प्रक्रिया: आरती की सही प्रक्रिया का पालन करें। बहुत तेज हाथ झुलाते हुए आरती नहीं करें।
- ज़रूरी अनुष्ठानों को न छोड़ें: आह्वान और विसर्जन जैसे महत्वपूर्ण चरणों को न छोड़ें।
आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने वाली पूजा
घर पर सरस्वती पूजा करने से जीवन में ज्ञान, रचनात्मकता और देवी का आशीर्वाद मिलता है। पूजा को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव वाला बनाने के लिए परंपरा और आधुनिकता दोनों को अपनाएं। इधर-उधर से मन को हटाकर पूजा पर ध्यान केंद्रित करें। सरस्वती पूजा केवल एक अनुष्ठान नहीं है, यह ईश्वर से जुड़ने और ज्ञान प्राप्त करने का भी एक अवसर है। परिजनों सहित सभी को सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं दें।
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