World Chess Championship: चेन्नई के गुकेश बने सबसे युवा विश्व चैंपियन

World Chess Championship: चेन्नई के गुकेश बने सबसे युवा विश्व चैंपियन

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Friday, December 13, 2024

Updated On: Friday, December 13, 2024

Gukesh D world chess championship
Gukesh D world chess championship

18 वर्षीय गुकेश,  गैरी कास्पारोव, मैग्नस कार्लसन और व्लादिमीर क्रैमनिक जैसे शतरंज के दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए सबसे युवा विश्व चैंपियन बन गए है।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Friday, December 13, 2024

भारत के युवा खिलाड़ी गुकेश डी. (Gukesh D.) ने इतिहास रच दिया है। 18 वर्षीय गुकेश, गैरी कास्परोव, मैग्नस कार्लसन और व्लादिमीर क्रैमनिक जैसे शतरंज के दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए सबसे युवा विश्व चैंपियन बन गए है। सिंगापुर में खेले गए FIDE विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024, गेम 14 में उन्होंने डिंग लिरेन को मात देकर विश्व चैंपियन बने।

काले मोहरे से बने विश्व चैंपियन

गुकेश ने 12 दिसंबर को काले मोहरों से शुरू किया और गेम जीता भी। विश्व चैम्पियनशिप का यह गेम पांचवें घंटे तक खींचा। लंबे चले गेम में गुकेश के विरोधी खिलाड़ी डिंग दबाव में आ गए। गेम की कमेंटरी कर रहे कमेंटेटरों ने भी कहा कि डिंग दबाव में छोटी-छोटी गलती कर रहे हैं। डिंग की गलती का गुकेश ने सधी चाल और सही रणनीति से गेम को जीत लिया। गुकेश ने डिंग से 7.5-6.5 के अंतिम स्कोर के साथ विश्व चैंपियनशिप का खिताब छीन लिया।

रचा इतिहास

डिंग को मात देते ही गुकेश डी. शतरंज के विश्व चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए। डी गुकेश ने यह विश्व चैंपियनशिप का यह खिताब 18 साल 14 दिन की उम्र में जीता। इससे पहले यह रिकॉर्ड रूस के ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव के नाम था। कास्परोव ने 22 वर्ष की उम्र (साल 1985) में यह खिताब अपने नाम किया था।

डटे रहे गुकेश

शतरंज के कई विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि हम टाईब्रेक की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन गुकेश डटे रहे और डिंग को हराने में सफल रहे। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हमने 2024 विश्व शतरंज चैंपियनशिप के ज्यादातर खेलों में देखा है। डिंग लिरेन घड़ी पर पीछे चल रहे थे। 23वीं चाल के बाद विश्व चैंपियन के पास घड़ी पर 23 मिनट कम थे। गुकेश ने विश्व चैंपियन बनने के लिए शुरुआती चरण में कुछ नए खेल और चाल भी दिखाए।

जीत का श्रेय अपने प्रशिक्षक को

विश्व चैंपियन बनने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गुकेश ने कहा कि मैं (अभी) सबसे पहले अपने प्रशिक्षक गजेवस्की को धन्यवाद देना चाहूंगा। वे अभी यहां मौजूद भी हैं।  उन्होंने आगे कहा कि वह पिछले दो सालों से मेरे प्रशिक्षक हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जो मेरे लिए अथक परिश्रम करते हैं। उन्होंने शुरुआत से ही मुझे कई ऐसे टिप्स दिये, जो मुझे खेलों को और निखारने में सहायता मिला।

कौन हैं गुकेश

चेन्नई के रहने वाले गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को हुआ था। उनके पिता डॉ रजनीकांत एक डॉक्टर मां पद्मा माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। गुकेश 7 साल की उम्र से शतरंज खेलने लगा था। 12 साल की उम्र में वे ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम कर लिया था। तब वे शतरंज की दुनिया के तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए थे।

गुकेश को कितनी मिलेगी पुरस्कार राशि

विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 गेम में 2.5 मिलियन डॉलर की पुरस्कार राशि तय की गई थी। इसके प्रत्येक क्लासिकल गेम की जीत पर खिलाड़ी को $200,000 (लगभग 1.69 करोड़ रुपये) पुरस्कार राशि मिलेगी। गुकेश ने कुल तीन गेम जीते। इस तरह गुकेश को $600,000 (लगभग 5.07 करोड़ रुपये) की राशि मिलेगी।

उनके प्रतिद्वंदी डिंग लिरेन ने दो गेम जीते। इस तरह डिंग ने $400,000 (लगभग 3.38 करोड़ रुपये) जीते है। पुरस्कार राशि में शेष $1.5 मिलियन दोनों खिलाड़ियों को बराबर-बराबर बांटी मिलेगी। इस तरह गुकेश की पुरस्कार राशि $1.35 मिलियन (लगभग 11.45 करोड़ रुपये) और लिरेन की $1.15 मिलियन (लगभग 9.75 करोड़ रुपये) मिलेगी।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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