शराबबंदी के बावजूद बिहार में जहरीली शराब से अब तक 47 मौतें, क्या कर रही है नीतीश सरकार

शराबबंदी के बावजूद बिहार में जहरीली शराब से अब तक 47 मौतें, क्या कर रही है नीतीश सरकार

Authored By: सतीश झा

Published On: Friday, October 18, 2024

many people died due to toxic alcohol in bihar

बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब के सेवन से हो रही मौतें एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। हाल ही में, राज्य में जहरीली शराब पीने से 47 लोगों की मौत होने की खबर सामने आई है, जिसने एक बार फिर नीतीश सरकार की शराबबंदी नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कदम शराब के दुष्प्रभावों से समाज को बचाने और खासकर महिलाओं की मांग पर उठाया था। हालांकि, इसके बावजूद राज्य में अवैध शराब का कारोबार जारी है, जो जहरीली शराब की घटनाओं का मुख्य कारण बन रहा है। कहा जा रहा है कि शराब में मिथाइल अल्कोहल की मात्रा में गड़बड़ी हो गई थी, जिसके कारण लोगों को जान गंवाना पड़ा है।

क्या होता है मिथाइल अल्कोहल

रसायन मामले के जानकारों के अनुसार, शराब इथाइल अल्कोहल से बनती है। यह जहरीली नहीं होता है। इसे इथनॉल भी कहा जाता है जबकि मिथाइल बहुत ही घातक होता है। ये इथाइल जैसा होता है लेकिन गुण बिल्कुल उलटा होता है। मिथनॉल जहरीला होता है और जब शरीर में जाता है तो कोशिकाओं को मार डालता है। ये शरीर में जहां से गुजरता है, वहां की कोशिशाओं को मार देता है। इससे शरीर सुन पड़ जाता है और आंखों की रोशनी भी चली जाती है।

47 की मौत, 450 हिरासत में

बिहार में सारण-सिवान जिले में अब तक जहरीली शराब पीने से 47 लोगों की मौत हो चुकी है। सिवान में 32, सारण में 13 और गोपालगंज में दो की मौत हुई है। अवैध शराब व्यापार से जुड़े 450 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

47 people died due to toxic alcohol in bihar

जिलाधिकारी ने कही ये चौंकाने वाली बात

इस मामले में सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि हम लोगों को जो घटनास्थल से शराब मिली थी, उसका लैब टेस्ट करवाया गया। उसमें 80 प्रतिशत मिथाइल अल्कोहल पाई गई है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी घातक होती है। शराब के जहरीले होने का मुख्य कारण इसमें मिथाइल अल्कोहल का पाया जाना होता है।

डीएम ने कहा कि स्प्रिट कहां से आया है, इसकी जानकारी हमलोग प्राप्त कर रहे हैं। मौका-ए-वारदात से हमने एक पॉलिथीन और एक बोतल बरामद किया था। बोतल के ड्राप लेट्स को लेकर हमने एक्साइज विभाग भेजा था। उसका प्रतिवेदन हमें मिला है। जांच में पाया गया कि उसमें 80 प्रतिशत मिथाइल अल्कोहल है। एक और हानिकारक तत्व पाया गया है।

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24 घंटे में हमने 250 छापेमारी

सारण के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि पिछले 24 घंटे में हमने 250 छापेमारी की है। करीब साढ़े सोलह सौ लीटर शराब पूरे जिले से बरामद हुई है। इसके अलावा साढ़े तेरह हजार से ऊपर एक तरह का घोल बरामद करके विनष्ट किया गया है। साथ ही 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हमारा अभियान लगातार जारी है।

सामाजिक लोगों की चिंता

समाज और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शराबबंदी नीति को प्रभावी बनाने के लिए सरकार को जमीनी स्तर पर कड़े कदम उठाने होंगे और अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक सशक्त योजना तैयार करनी होगी। साथ ही, समाज में जागरूकता फैलाने और अवैध शराब के खतरे से लोगों को अवगत कराने के लिए सरकार को व्यापक अभियान चलाना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें। नीतीश सरकार के सामने चुनौती है कि वह कैसे इस समस्या का स्थायी समाधान निकालती है और शराबबंदी नीति को सफल बनाती है, ताकि ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

About the Author: सतीश झा
समसामायिक मुद्दों पर बीते दो दशक से लेखन। समाज को लोकदृष्टि से देखते हुए उसे शब्द रूप में सभी के सामने लाने की कोशिश।

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