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बिहार : कितने दिन बीजेपी के साथ रहेंगे Nitish Kumar
बिहार : कितने दिन बीजेपी के साथ रहेंगे Nitish Kumar
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, February 22, 2025
Updated On: Saturday, February 22, 2025
बिहार की राजनीति में एक बड़ा सवाल उभरकर सामने आ रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) क्या एक बार फिर पाला बदलने को बेताब हैं ? यह सवाल हाल के दिनों में कई बयानों और घटनाओं की जद में लोगों के मन में उठ रहा है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Saturday, February 22, 2025
दिल्ली में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) नहीं आए. इसके बाद से ही बिहार की राजनीति में यह सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन (NDA Alliance) से दूर जाने वाले हैं. इस सवाल को इसलिए भी बल मिल रहा है कि बीजेपी का जोश हाई है और नीतीश कुमार का स्वास्थ्य नीचे गिर रहा है. हाल के दिनों में जिस प्रकार से जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष सजंय झा से भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की नजदीकियां सार्वजनिक मंचों पर दिख रही है, उससे नीतीश कुमार कहीं घबरा तो नहीं गए हैं ?
दिल्ली में भाजपा की सरकार से भी है इसका कनेक्शन
27 साल बाद दिल्ली में जिस प्रकार से भाजपा ने अकेले दम पर सरकार बनाई है, उसके बाद से बिहार की राजनीति गरमा गई है. बिहार की राजनीतिक इतिहास में अब तक भाजपा की ओर से कोई मुख्यमंत्री नहीं बना है. दो दशक तक भाजपा को केवल नीतीश कुमार की सरपरस्ती में उपमुख्यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा है.
दिल्ली में सत्ता हासिल करने के बाद बिहार भाजपा नेताओं को नई उर्जा मिली है. जिस प्रकार से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पर्यवेक्षक बनाया गया है, उसके भी सियासी मायने बिहार की राजनीति में लगाए जा रहे हैं. बिहार के पार्टी कार्यकर्ताओं में यह उम्मीद जग गई कि एक आम कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच सकता है.
नीतीश के लिए कोई नई बात नहीं
राजनीति में नीतीश कुमार का बार-बार पाला बदलना कोई नई बात नहीं है. हाल ही में, जब उन्होंने एक बार फिर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में वापसी की, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि इस बार वह भाजपा के साथ कितने दिन तक टिके रहेंगे ?
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर विचारधाराओं से ज्यादा सत्ता संतुलन पर निर्भर रहा है. 2013 में उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ा, फिर 2017 में वापस लौटे और 2022 में एक बार फिर महागठबंधन का दामन थाम लिया. 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले वह दोबारा भाजपा के साथ आ गए. ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि वह इस बार कितने समय तक गठबंधन में बने रहेंगे.
क्या है भविष्य की संभावनाएं
अगर भाजपा पूरी ताकत से बिहार में खुद को मजबूत करती है, तो नीतीश कुमार के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है. प्रशांत किशोर के कारण भी राजनीतिक बिसात बनती बिगड़ती जा रही है. ऐसे में नीतीश कुमार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसी साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. नीतीश कुमार किसी भी कीमत में सीएम की कुर्सी खोना नहीं चाहते. उनके मन में यह बात है कि जिधर नीतीश उधर ही सरकार. लालू यादव की पार्टी राजद की ओर से कई बार संकेत भी मिला है.
नीतीश कुमार की राजनीति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि वह कब तक भाजपा के साथ रहेंगे. उनके पिछले फैसले बताते हैं कि जब भी उन्हें सियासी गणित में बदलाव की जरूरत महसूस होगी, वह नया रास्ता अपनाने में देर नहीं करेंगे.