दिल्ली में वायु प्रदूषण का क्या है सॉल्यूशन, DSS के डेटा ने किसे ठहराया जिम्मेदार?

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Thursday, November 27, 2025

Last Updated On: Thursday, November 27, 2025

Air Pollution in Delhi: DSS डेटा के अनुसार वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत और समाधान पर विस्तार से जानकारी.
Air Pollution in Delhi: DSS डेटा के अनुसार वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत और समाधान पर विस्तार से जानकारी.

दिल्ली में हर साल दीपावली के बाद हवा जहरीली हो जाती है, लेकिन इस बार DSS के ताज़ा डेटा ने प्रदूषण की असली वजहों को लेकर बड़ा खुलासा किया है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सरकार से ठोस समाधान की मांग की है. पराली, वाहन, उद्योग आखिर दिल्ली की हवा को सबसे ज्यादा कौन बिगाड़ रहा है? जानिए पूरा विश्लेषण.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Thursday, November 27, 2025

Air Pollution in Delhi: दिल्ली में दीपावली के बाद से फैली जहरीली हवा ने एक बार फिर लाखों लोगों की सांसें भारी कर दी हैं. हर साल की तरह इस बार भी सवाल वही है कि आखिर प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह क्या है? आम धारणा पराली जलाने को जिम्मेदार मानती है, लेकिन आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के नए आंकड़े कुछ अलग कहानी बयां करते हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी बढ़ते प्रदूषण पर सख्त रुख दिखाते हुए साफ कहा है कि “सिर्फ बातें नहीं, ठोस कदम उठाने होंगे.” ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली की हवा को असली नुकसान कौन पहुंचा रहा है, और समाधान की राह कैसी दिखती है? पूरा मामला समझिए, डेटा और कोर्ट के रुख के साथ.

सुप्रीम कोर्ट के CJI ने क्या कहा?

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने हालात बिगाड़ दिए हैं. लोग बीमार पड़ रहे हैं. सांस लेने में तकलीफ बढ़ गई है. सुप्रीम कोर्ट के CJI सूर्यकांत भी इससे अछूते नहीं रहे. बुधवार को SIR मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने खुद इस बात का जिक्र किया.

CJI ने कहा कि वे मंगलवार शाम करीब एक घंटा टहलने निकले थे. लेकिन लौटकर उनकी तबीयत खराब हो गई. उन्होंने साफ कहा, हमें जल्द कोई ठोस हल निकालना होगा. CJI ने यह भी कहा कि हवा की समस्या सिर्फ बयानबाज़ी से नहीं, बल्कि मजबूत और सख्त कदमों से दूर होगी.

सुनवाई के दौरान वकील ने बताया कि AQI तय करने का काम एक एक्सपर्ट कमेटी करती है. इस पर CJI सूर्यकांत ने कहा कि वे यह भी जांचेंगे कि सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाई है या नहीं, और अगर बनी है तो वह क्या समाधान सुझा रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि यह मामला अब सोमवार को फिर सुना जाएगा. कोर्ट यह देखना चाहती है कि हवा साफ करने के लिए सरकार और एजेंसियों ने आखिर अब तक क्या कदम उठाए हैं. CJI ने कहा, यह NCR के हर नागरिक की समस्या है. उन्होंने यह भी कहा कि जज किसी जादुई छड़ी से हवा तुरंत साफ नहीं कर सकते. पहले कारणों को समझना जरूरी है. और कारण कई हैं, सिर्फ एक नहीं. समाधान भी एक्सपर्ट ही देंगे, ऐसी उम्मीद है कि सरकार ने कुछ कदम उठाए होंगे.

क्या कहते हैं DSS के आंकड़े?

अक्सर माना जाता है कि पराली जलाने का धुआं दिल्ली की हवा को सबसे ज्यादा खराब करता है. लेकिन IITM पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के ताज़ा आंकड़ों ने सबको चौंका दिया. DSS पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत काम करता है.

DSS के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान सिर्फ 1.5% था. जबकि वाहनों से निकलने वाला धुआं 19.6% प्रदूषण के लिए जिम्मेदार था यानी सभी स्रोतों में सबसे बड़ा योगदान. बुधवार को यह अंतर और बढ़ गया. उस दिन दिल्ली में वाहनों का योगदान 21.6% तक पहुंच गया, जो बाकी सभी स्रोतों से ज्यादा था.

कारण और सॉल्यूशन पर एक नजर

दिल्ली का वायु प्रदूषण एक सीधी समस्या नहीं है. यह कई कारणों का मिश्रण है. सोर्स अपॉर्शनमेंट स्टडीज बताती हैं कि दिल्ली का लगभग एक-चौथाई पीएम 2.5 प्रदूषण ट्रांसपोर्ट सेक्टर से आता है. यानी गाड़ियां, बसें और ट्रक हवा को सबसे ज्यादा खराब करते हैं.

इसके अलावा, दिल्ली-NCR के औद्योगिक इलाके, कोयले से चलने वाले पावर प्लांट और घरों में होने वाली बायोमास बर्निंग भी बड़े कारण हैं. शहर में चल रहा लगातार निर्माण काम, सड़क की धूल और खुले में कचरा जलाना भी प्रदूषण को और बढ़ाते हैं.

DSS की रिपोर्ट भी यही दिखाती है कि पराली से कहीं ज्यादा जिम्मेदार वाहन हैं. ऐसे में समाधान भी इन्हीं सेक्टरों को ध्यान में रखकर निकालना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि वह सरकार का पूरा प्लान देखना चाहेगी.

दिल्ली में हवा की स्थिति

दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है. GRAP-3 हटाए जाने के बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 349 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सुबह से ही आसमान पर घनी धुंध छाई रही. बुधवार शाम 4 बजे AQI 327 था, जो बढ़कर 349 तक पहुंच गया. आनंद विहार में AQI 390 दर्ज हुआ, जो ‘सीवियर’ कैटेगरी (400+) के बिल्कुल पास है. वजीरपुर में AQI 406 चला गया, जो सीधे ‘सीवियर’ श्रेणी में आता है. मतलब वहां हवा बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है.

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About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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