Jammu-Kashmir Election: एआईपी और जेईआई गठबंधन से किसे होगा चुनावी नुकसान

Jammu-Kashmir Election: एआईपी और जेईआई गठबंधन से किसे होगा चुनावी नुकसान

AIP and JEI alliance in jammu kashmir election
AIP and JEI alliance in jammu kashmir election

15 सितंबर को कश्मीर घाटी में इंजीनियर रशीद की आवामी इत्तेहाद पार्टी और प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के बीच गठबंधन का ऐलान हुआ है। इस गठबंधन से नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को चुनावी नुकसान होने वाला है।

जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव धीरे-धीरे दिलचस्प होता जा रहा है। घाटी में पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीडीपी (PDP) का दबदबा हुआ करता था। इस चुनाव में इन दोनों दलों के अलावा, सांसद इंजीनियर रशीद की आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी), प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी, सज्जाद गनी लोन की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) की कुछ क्षेत्रों में ही सही अच्छी पकड़ मनी जा रही है।

इसलिए कहा जा रहा है कि यह विधानसभा चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के लिए आसान नहीं होने जा रहा है। उस पर कल यानी 15 सितंबर को घाटी में इंजीनियर रशीद की आवामी इत्तेहाद पार्टी और प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के बीच गठबंधन का ऐलान हुआ है। यह गठबंधन भी कहीं न कहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की राह को मुश्किल बनाने वाली है।

एआईपी (AIP) और जेईआई (JEI) में गठबंधन

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होना है। पहले चरण के मतदान से तीन पहले अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) की बीच गठबंधन की घोषणा हुई है। यह निर्णय 15 सितंबर को दोनों पार्टियों के बीच संयुक्त बैठक में लिया गया है।

इस बैठक में लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद, एआईपी के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी के अलावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। वहीं जमात-ए-इस्लामी से इस बैठक में गुलाम कादिर वानी और पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे।

पूरे कश्मीर में एआईपी को समर्थन

इस बैठक के बाद दोनों दलों की ओर से बयान जारी किया गया और बताया गया कि क्षेत्र के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर यह गठबंधन किया गया है। एआईपी के प्रवक्ता इनाम नबी ने कहा कि उनकी पार्टी कुलगाम और पुलवामा जिलों में जमात-ए-इस्लामी समर्थित उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। वहीं जमात-ए-इस्लामी पूरे कश्मीर घाटी में एआईपी उम्मीदवारों का समर्थन करेगी।

जेईआई नहीं लड़ रही चुनाव

जमात-ए-इस्लामी पर भारत सरकार ने सर्वप्रथम 2019 में प्रतिबंध लगाया था। फिर 2024 में इस प्रतिबंध को आगे के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रतिबंध के कारण जेईआई चुनाव नहीं लड़ सकती। लेकिन इस विधानसभा चुनाव में उसने घाटी में खड़े कई निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है। साथ ही कई पूर्व जमाती भी चुनाव मैदान में हैं।

इस कारण अब कुलगाम और पुलवामा में निर्दलीय उम्मीदवारों को जेईआई के साथ-साथ एआईपी का भी समर्थन मिलेगा, इससे उनकी स्थिति मजबूत हो जाएगी।

एनसी (NC) और पीडीपी (PDP) को होगा नुकसान

इस गठबंधन से नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को चुनावी नुकसान होने के सबसे ज्यादा आसार हैं। अब तक कश्मीर घाटी में एनसी और पीडीपी के बीच सीधी लड़ाई होती थी लेकिन अब एआईपी और जेकेपीसी जैसे दलों का कई जिलों में अच्छा जनाधार है।

अब जब एआईपी और जेईआई के गठबंधन होने से इन दोनों दलों को और अधिक नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है। कहा यही जा रहा है कि इसी कारण पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी उपप्रमुख उमर अब्दुल्ला दो सीट से चुनाव मैदान में उतर गए हैं।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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