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Haryana Assembly Election: क्या भाजपा को शिकस्त देने कांग्रेस-आप का होगा गठबंधन
Haryana Assembly Election: क्या भाजपा को शिकस्त देने कांग्रेस-आप का होगा गठबंधन
Authored By: Gunjan Shandilya
Published On: Saturday, September 7, 2024
Updated On: Saturday, September 7, 2024
हरियाणा में चार दलों का दो गठबंधन बन चुका है। अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की चर्चा है। लेकिन बात फाइनल तक नहीं पहुंची हैं। भाजपा अकेले चुनावी मैदान में है।
एक समय था, जब हरियाणा की राजनीति के दो ध्रुव होते थे। कांग्रेस और ओम प्रकाश चौटाला का इंडियन नेशनल लोकदल (इनलो)। लेकिन आज प्रदेश की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस दो बड़ी शक्ति है। वहीं इनलो, जजपा, बसपा और आप जैसी कई छोटी शक्तियां भी हरियाणा में राजनीतिक प्रभाव बनाए हुए है। इस विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है।
लेकिन कांग्रेस (Congress) आलाकमान आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरना चाहती है। हालांकि अभी भी दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारें पर पेंच फंसा हुआ है। वहीं इनलो और मायावती की बसपा लोकसभा चुनाव से पहले ही गठबंधन में है। करीब साढ़े चार सालों तक भाजपा की गठबंधन सरकार में शामिल जजपा विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। लोकसभा चुनाव से पहले जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया था।
कांग्रेस और आप का गठबंधन!
लोकसभा चुनाव कांग्रेस और आम आदमी पार्टी यहां इंडी गठबंधन में लड़ी थी। लेकिन चुनाव बाद दोनों पार्टी के नेताओं ने बयान दिया कि विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पर कांग्रेस आलाकमान आप के साथ गठबंधन कर भाजपा को हैट्रिक लगाने से हर हाल में रोकना चाहता है। कहा यह भी गया कि हरियाणा में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कांग्रेस ने एक सीट दिया था। विधानसभा चुनाव में आप कांग्रेस से 10 सीट मांग रही है। जबकि हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में वापसी कर सकती है।
गठबंधन पर ब्रेक!
अब खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस आप को हरियाणा में सात सीटें देने पर राजी है। जबकि आप ने 10 सीट से कम पर तैयार नहीं है। इसलिए हरियाणा में राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा है कि कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन पर सहमति नहीं बन रही है। इसमें सीटों की संख्या पर न होना सबसे प्रमुख कारण है। आम आदमी पार्टी के सूत्र बताते हैं कि दिल्ली से पार्टी की ओर से संदेश आया है कि नेता और कार्यकर्ता 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करे। उम्मीदतः 8 सितंबर को आप की पहली सूची जारी हो सकती है।
गठबंधन से हुड्डा नाराज
वहीं कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा आम आदमी पार्टी के साथ गठबबंधन नहीं चाहते हैं। यह ठीक दिल्ली की ही तरह है, जब लोकसभा चुनाव में दिल्ली के कई वरिष्ठ नेता आप के साथ गठबंधन को तैयार नहीं थे। लेकिन पार्टी आलाकमान चाहती थी कि इंडी गठबंधन दिल्ली में रहे। इसका गठबंधन का दिल्ली में कोई लाभ नहीं हुआ। यही स्थिति हरियाणा में बनता दिख रहा है। यहां कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेता भूपेन्द्र हुड्डा ही आप के साथ गठबंधन नहीं चाहते हैं। वे आलाकमान को बता चुके हैं कि पार्टी अकेले सत्ता में आ जाएगी। आज से कल तक में गठबंधन पर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ेगी या अकेले।
दलित वोटों पर नजर
ऐसे तो हरियाणा की राजनीति पर जाट समुदाय का वर्चस्व है। लेकिन यहां दलित वोटों की संख्या अच्छी खासी है। इसलिए इनलो और जजपा दोनों अपने जाट वोट बैंक के साथ दलितों के वोट का तड़का लगाकर चुनाव जितने की रणनीति बनाई है। इसलिए इनलो ने बसपा के साथ गठबंधन किया है तो वहीं जजपा ने दलित नेता एवं सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से। इन दोनों गठबंधन को इसका कितना लाभ मिलता है, यह चुनाव नतीजा ही बताएगा।
पांच अक्टूबर को चुनाव
हरियाणा में विधानसभा का चुनाव एक ही चरण में है। 5 अक्टूबर को यहां मतदान होगा। मतदान के तीन दिन बाद चुनाव का नतीजा 8 अक्टूबर को आएगा। 5 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं भाजपा ने अभी अपने 67 उम्मीदवारों के नाम जारी किए हैं। कांग्रेस ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं की है।