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समोसा के कारण बिठाई गई सीआईडी जांच, हिमाचल में क्या कर रही है सुक्खू सरकार
समोसा के कारण बिठाई गई सीआईडी जांच, हिमाचल में क्या कर रही है सुक्खू सरकार
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, November 8, 2024
Updated On: Friday, November 8, 2024
हिमाचल प्रदेश में एक अनोखी घटना के कारण सुक्खू सरकार की ओर से सीआईडी जांच बिठाई गई है। मामला एक साधारण समोसा का है, लेकिन इसने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। मामला तब सामने आया जब हिमाचल प्रदेश सचिवालय में एक समोसे की खरीद को लेकर 10 गुना ज्यादा बिल भेजा गया। इसे लेकर प्रशासन ने गंभीरता दिखाई और मामले की सीआईडी जांच शुरू कर दी गई।
दरअसल, सचिवालय में चाय-नाश्ते के खर्चों में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। इनमें एक समोसे का बिल 10 गुना बढ़ाकर दिखाया गया था। जैसे ही यह मामला चर्चा में आया, सरकार ने तुरंत संज्ञान लेते हुए सीआईडी को जांच सौंपी। सुक्खू सरकार के इस कदम को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस तरह के मामूली मामलों में सीआईडी जांच जरूरी थी, जबकि कई बड़े मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। विपक्ष ने इसे एक प्रकार की राजनीतिक नौटंकी बताया है और कहा कि जनता के असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है।
सीएम के स्नैक्स की फिक्र
भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि उसे सूबे के विकास कार्यों की बजाय सीएम के स्नैक्स की फिक्र है। मामले के अनुसार यह घटनाक्रम तब हुआ जब 21 अक्टूबर को सीआईडी मुख्यालय शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिरकत करने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के दौरे के लिए शहर के लक्कड़ बाज़ार स्थित एक रेस्टोरेंट से समोसे और केक के तीन डिब्बे मंगवाए गए। लेकिन, ये नाश्ते सीएम की जगह उनकी सुरक्षा टीम को परोस दिए गए। सीआईडी के डिप्टी एसपी रैंक के एक अधिकारी ने इस गड़बड़ी की जांच की।
आईजी ने कहा था समोसे के लिए !
जांच रिपोर्ट के अनुसार, आईजी रैंक के एक अधिकारी ने एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) को सीएम के लिए नाश्ता खरीदने का निर्देश दिया। फिर एसआई ने एक सहायक एसआई (एएसआई) और एक हेड कांस्टेबल को होटल से नाश्ता लाने का काम सौंपा। उन्होंने तीन सीलबंद डिब्बे में नाश्ते लाए और एसआई को इसके बारे में बताया। डिब्बे लाने वाले पुलिस कर्मी ने जांच अधिकारी को बताया कि उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से इस बारे में सलाह ली कि क्या ये स्नैक्स मुख्यमंत्री के लिए थे। मगर उन्हें बताया गया कि ये आइटम उनके लिए बनाए गए मेनू का हिस्सा नहीं थे, जिससे भ्रम की स्थिति और बढ़ गई।
जांच में पता चला कि सिर्फ एसआई को ही पता था कि ये डिब्बे खास तौर पर मुख्यमंत्री के लिए थे। जब इन्हें महिला इंस्पेक्टर को सौंपा गया तो उन्होंने किसी वरिष्ठ अधिकारी से पुष्टि नहीं की और इन्हें नाश्ते के लिए जिम्मेदार मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (एमटी) सेक्शन को भेज दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि समन्वय की यह कमी इस गलती का एक महत्वपूर्ण कारण थी।
प्रश्न का जवाब देने के बजाय धन्यवाद
इस बीच इस विवाद पर जब शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मीडिया ने पूछा तो उन्होंने ने प्रश्न का जवाब देने के बजाय धन्यवाद कहके प्रश्न टाल दिया। उधर, इस मामले के बाद विपक्षी दल भाजपा के तीखे तेवर देखने को मिले हैं। भाजपा ने इस घटनाक्रम पर सरकार को निशाने पर लिया है। भाजपा विधायक एवं मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता परेशान है और हंसी की बात तो यह है की सरकार को मुख्यमंत्री के समोसे की चिंता है। ऐसा लगता है कि सरकार को किसी भी विकासात्मक कार्यों की चिंता नहीं है केवल मात्र खानपान की चिंता है।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)