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सियासी पारा चढ़ने लगा जम्मू-कश्मीर में, एक दल से दूसरे दलों में जाने की हो रही है शुरुआत
सियासी पारा चढ़ने लगा जम्मू-कश्मीर में, एक दल से दूसरे दलों में जाने की हो रही है शुरुआत
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, August 19, 2024
Updated On: Monday, August 19, 2024
विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान हो गया। जम्मू-कश्मीर में अब नेता अपने पुराने दल को छोड़कर नई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। चाहत बस एक है कि नई पार्टी उन्हें टिकट दें और जीत पक्की होने की गारंटी मिले।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Monday, August 19, 2024
धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। यह केंद्रीय चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। शांति पूर्ण मतदान कराना सबके लिए चैनाती है। सुरक्षा बलों से कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। जनता में नया उत्साह है। वहीं, दूसरी ओर कई नेता अपने नए ठिकाने की तलाश में हैं।
पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली हो रहे हैं भाजपाई
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। रविवार को वे जम्मू में भारतीय जनता पार्टी के साथ आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि कई दूसरे नेता भी इसी रास्ते पर हैं। बहुत जल्द कई दलों के नेता भाजपा ज्वाइन करने वाले हैं।
क्या गुलाब नबी आजाद (Gulab Nabi Azad) कांग्रेस में वापस आएंगे ?
चर्चा जोरों पर है कि लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद गुलाम नबी आजाद के समर्थक उनके साथ रहना नहीं चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने से कहा, “मैं कुछ दिनों में फिर से कांग्रेस में शामिल होऊंगा। आजाद साहब ने मुझे बहुत सम्मान दिया, लेकिन शायद लोगों ने हमें इन चुनावों (लोकसभा चुनाव 2024) में स्वीकार नहीं किया… मैं चाहता हूं कि वह (गुलाम नबी आजाद) भी कांग्रेस में लौट आएं, मुझे बहुत खुशी होगी।”
सवाल एक देश एक चुनाव (One Nation One Election) को लेकर भी
जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव में दो निशान नहीं होगा। सरकार बनने के बाद एक ही निशान यानी तिरंगा ही मुख्यमंत्री की टेबल पर सामने होगा।
कहा जा रहा था कि देश में नई चुनावी व्यवस्था लागू होगी। लेकिन, अब इस पर सवाल उठ रहा है। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से एक देश, एक चुनाव का बोला। उन्होंने कहा कि देश के सारे चुनाव एक साथ होने चाहिए क्योंकि बार बार होने वाले चुनाव देश की प्रगति को रोकते हैं। प्रधानमंत्री ने इसके लिए सभी दलों के साथ आने की अपील भी की। लेकिन अगले ही दिन क्या हुआ? चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को दो राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा की और दो राज्य छोड़ दिए।
जीत के लिए पूरी तरह से तैयार है भाजपा (BJP)
आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की बैठक पर जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, “भाजपा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतर गई है। पूरी ताकत के साथ हम जम्मू और कश्मीर घाटी में चुनाव लड़ेंगे। मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता दिल खोलकर भाजपा को वोट देगी.।भाजपा अधिकांश सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी, 7-8 सीट जो निर्दलीय सीट हैं उनपर हो सकता है कि भाजपा उनके साथ तालमेल बनाकर चुनाव लड़े।