चंपई क्यों हैं हेमंत सोरेन से नाराज, ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखकर बताया

चंपई क्यों हैं हेमंत सोरेन से नाराज, ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखकर बताया

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Monday, August 19, 2024

champai soren former chief minister of jharkhand
champai soren former chief minister of jharkhand

चंपई सोरेन जेएमएम छोड़ेंगे या नहीं, अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर एक भावुक पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दिया है।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Monday, August 19, 2024

झारखंड (Jharkhand) में विधानसभा चुनाव की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन राजनीतिक तापमान तेजी से चढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) के भाजपा में जाने की अटकलें लग रही थी। अभी कोई आधिकारिक बयान या फिर घोषणा नहीं हुई है। मगर उनका झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का साथ छोड़ना लगभग तय हो गया है। यह फिर वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से काफी नाराज हैं। इसका इशारा उन्होंने ही किया है।

पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल फोटो से जेएमएम का झंडा और पार्टी का नाम हटाया। फिर ‘एक्स’ पर एक लंबा और भावुक पोस्ट भी लिखा। उनके पोस्ट से स्पष्ट हो गया है कि हेमंत सोरेन से काफी नाराज है। उनका अब पार्टी छोड़ना लगभग तय हो चुका है। वे कभी भी, कोई भी राजनीतिक कदम उठा सकते हैं।

‘एक्स’ पर चंपई का पत्र

चंपई सोरेन (Champai Soren) ने ‘एक्स’ पर शाम एक लंबा पत्रनुमा पोस्ट लिखा है। उन्होंने लिखा है, ‘आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।

31 जनवरी को एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के बाद इंडिया गठबंधन ने मुझे झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की सेवा करने के लिए चुना। अपने कार्यकाल के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन (3 जुलाई) तक मैंने पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ राज्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।

इसी बीच, हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था।
पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप सीएम के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।

क्या लोकतंत्र में इससे अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? अपमान का यह कड़वा घूंट पीने के बावजूद मैंने कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण सुबह है, जबकि दोपहर में विधायक दल की बैठक होगी, तो वहां से होते हुए मैं उसमें शामिल हो जाऊंगा। लेकिन, उधर से साफ इंकार कर दिया गया।

कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। बैठक के दौरान मुझ से इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया।

पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता। इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया।

मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला, राजनीति से सन्यास लेना। दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना।

उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।’

चंपई पहुंचे दिल्ली

चंपई सोरेन भावुक पत्र लिखने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। वे आज शाम दिल्ली पहुंचे हैं। यहां राजनीतिक गलियारों में यही अटकल लगाई जा रही है कि आज देर रात या फिर कल भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ जेएमएम के 6 विधायक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

भाजपा (BJP) ने शामिल होने से किया इंकार

पूर्व मुख्यमंत्री आज देर शाम जब दिल्ली पहुंचे तो पत्रकारों ने उनसे कई सवाल किया। भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मैं जहां हूं, वहीं हूं। दिल्ली आने के सवाल पर उन्होंने इसे निजी दौरा बताया। उन्होंने कहा, मेरा बीटा यहां राहत है। मैं उसी से मिलने यहां आया हूं। पत्रकारों के काफी कुरेदने पर उन्होंने बस इतना कहा कि आप लोगों को बाद में बताऊंगा।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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