हेमंत सोरेन (Hemant Soren) बने झारखंड के 13 वें मुख्यमंत्री, किन शर्तों पर चंपई से मिली उन्हें कुर्सी

हेमंत सोरेन (Hemant Soren) बने झारखंड के 13 वें मुख्यमंत्री, किन शर्तों पर चंपई से मिली उन्हें कुर्सी

Authored By: Gunjan Shandilya

Published On: Thursday, July 4, 2024

hemant soren cheif minister of jharkhand

झारखंड में हेमंत सोरेन के जमानत पर जेल से बाहर आते ही अटकले लगने लगी थी कि वे फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। अब इन अटकलों पर विराम लग गया है। वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गए हैं। सोरेन राज्य के 13 वें मुख्यमंत्री बने।

झारखंड में हेमंत सोरेन के जमानत पर जेल से बाहर आते ही अटकले लगने लगी थी कि वे फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। इन अटकलों पर अब विराम लग गया है। हेमंत सोरेन ने आज शाम 5 बजे तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कल रात उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को विधयाकों के समर्थन वाला पत्र सौंपा। हालांकि सूत्र बताते हैं कि वे खुद मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहते थे। अपने बदले वे अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन उन्हें इसका विरोध झेलना पड़ा।

इंडी गठबंधन (Indi Alliance) में दिन भर चली गहमागहमी

कल झारखंड में राजनीतिक गहमागहमी दिन भर चलता रहा। खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस (Congress) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायकों की बैठकें हुई। शाम के तीनों दलों के विधायक कांके रोड स्थित सोरेन के घर पर इकट्ठा हुए। इस बैठक में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। फिर हेमंत सोरेन को नेता का प्रस्ताव रखा। चंपई सोरेन के इस प्रस्ताव को विधायकों ने स्वीकार कर लिया।

चंपई का इस्तीफ़ा तो हेमंत का दावा

बैठक में हेमंत सोरेन विधायकों के नेता चुने जाने के बाद वरिष्ठ नेताओं के साथ हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन राजभवन पहुंचे। राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पहले चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया। फिर हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा किया। उन्होंने राज्यपाल को अपने विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि चंपई सोरेन का इस्तीफ़ा और हेमंत सोरेन का सरकार बनाने का दावा वाला पत्र एक साथ राजभवन पहुंचा।

चंपई का विरोध

जेएमएम के एक वरिष्ठ नेता नाम नहीं लेने के शर्त पर बताते हैं कि हेमंत सोरेन के जेल से आने के बाद वे मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। उन्होंने शिबू सोरेन से अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की सहमति ले लिये थे। उसके बाद हेमंत सोरेन पत्नी के नाम का प्रस्ताव चंपई सोरेन के सामने रखे। बताया जाता है कि चंपई सोरेन इसका विरोध कर दिया। इसकी उम्मीद हेमंत सोरेन को नहीं था।

चंपई सोरेन (Champai Soren) ने क्या कहा

हेमंत सोरेन ने कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव चंपई के सामने रखा तो उन्होंने नाराजगी जताई। चंपई ने हेमंत सोरेन के सामने अपनी नाराजगी एक पंक्ति में जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘आप फिर से सीएम बनें तो हमें कोई एतराज नहीं होगा।’ इतना कहते ही हेमंत सोरेन समझ गए। उन्होंने तत्काल चंपई सोरेन की बात मां ली। इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा में तय हुआ कि हेमंत सोरेन फिर से प्रदेश का कमान संभालेंगे।

चंपई सोरेन की शर्तें

जेएमएम (JMM) में सत्ता परिवर्तन दिखने में आसान लग रहा है। लेकिन हेमंत को फिर से मिली कुर्सी उतनी आसानी से भी नहीं मिली है। बताया जाता है कि चंपई ने कुर्सी छोड़ने के लिए कई शर्ते रखी थी। इसमें पहला शर्त यही थाकि मुख्यमंत्री की कुर्सी सिर्फ आपके लिए खाली होगा। फिर उन्होंने सरकार और पार्टी में बड़ी जिम्मेवारी भी मांगा है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि संभव है कि चंपई को सरकार में समन्वय समिति का संयोजक बनाया जा सकता है। साथ ही संभावना यह भी है कि हेमंत सोरेन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देंगे। फिर चंपई को झामुमो का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

About the Author: Gunjan Shandilya
समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव। विभिन्न मंचों पर विषयों को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता। नई पत्रकारिता शैलियों और प्रौद्योगिकियों के साथ कदम से कदम मिलाने में निपुण।

Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य राज्य खबरें