Ladakh Violence: सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं सोनम की पत्नी गीतांजलि, पति की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Friday, October 3, 2025

Updated On: Friday, October 3, 2025

सुप्रीम कोर्ट में सोनम की पत्नी गीतांजलि ने Ladakh Violence मामले में पति की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए और न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की.

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने उनके खिलाफ लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए कहा कि हिरासत आदेश की प्रति तक नहीं दी गई और अब तक उनसे संपर्क भी नहीं कराया गया है. वांगचुक को हाल ही में लद्दाख में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया था.

Authored By: Ranjan Gupta

Updated On: Friday, October 3, 2025

Ladakh Violence: लद्दाख में छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हालिया प्रदर्शनों में भड़की हिंसा के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. इस गिरफ्तारी के खिलाफ अब उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. 2 अक्टूबर को दायर अपनी याचिका में उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की. आंगमो का आरोप है कि न तो उन्हें हिरासत आदेश की प्रति दी गई है और न ही पति से संपर्क का अवसर. उल्लेखनीय है कि वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लेकर राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया है.

हिंसक प्रदर्शन के बाद सोनम गिरफ्तार

लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर वहां बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 90 लोग घायल हो गए. इसी घटनाक्रम के बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी गिरफ्तारी को लेकर उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आंगमो ने वकील सर्वम रीतम खरे के जरिए दाखिल अपनी याचिका में वांगचुक की हिरासत पर सवाल उठाते हुए तत्काल रिहाई की अपील की है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगाने का फैसला न सिर्फ अनुचित है बल्कि कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन भी है. आंगमो ने आरोप लगाया कि उन्हें अब तक हिरासत आदेश की कॉपी नहीं दी गई है और न ही उनका अपने पति से कोई संपर्क हो पाया है.

कैसे भड़का आंदोलन?

दरअसल, लद्दाख में अलग राज्य की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन जारी है. सोनम वांगचुक ने इस मुद्दे को लेकर 35 दिनों तक धरने की घोषणा की थी. 10 सितंबर से वे और लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) के 15 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठ गए. भूख हड़ताल के दौरान मंगलवार को LAB के दो कार्यकर्ताओं की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस स्थिति के बाद बुधवार को लेह बंद का आह्वान किया गया. बंद के दौरान बड़ी संख्या में युवा सड़कों पर उतरे और मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने भाजपा दफ्तर और हिल काउंसिल मुख्यालय में घुसने की कोशिश की. हालात बिगड़ने पर पुलिस और सुरक्षाबलों ने बल प्रयोग किया. इसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया और दोनों ओर से पथराव होने लगा. प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय भाजपा कार्यालय में आग भी लगा दी.

आखिर क्या है मांग?

गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन किया गया था. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत इसे दो हिस्सों में बांटा गया जम्मू-कश्मीर और लद्दाख. जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, जबकि लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया. इस बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर में नई विधानसभा का गठन हो चुका है, लेकिन लद्दाख में लगातार राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग उठती रही है. इन्हीं मांगों को लेकर शुरू हुआ यह आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है, जिसके चलते हालात और ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं.

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About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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