जब अपनों ने अपने के लिए निकालीं तलवारें, उत्तराखंड में क्या होगा नया सियासी संग्राम

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, September 1, 2025

Last Updated On: Monday, September 1, 2025

Uttarakhand Political Crisis 2025 उत्तराखंड का सियासी संघर्ष और आंतरिक विवाद.
Uttarakhand Political Crisis 2025 उत्तराखंड का सियासी संघर्ष और आंतरिक विवाद.

उत्तराखंड की राजनीति में एक नया मोड़ देखने को मिला है. भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के नेतृत्व वाली सरकार पर खुलकर सवाल खड़े किए हैं. राजनीतिक हलकों में रावत के इस बयान को भाजपा के भीतर असंतोष और धामी सरकार के खिलाफ अंदरूनी नाराज़गी का संकेत माना जा रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की राजनीति में नया सियासी संग्राम देखने को मिल सकता है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Monday, September 1, 2025

Uttarakhand Political Crisis 2025: एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता भाजपा (BJP) की छवि को धूमिल कर रही है. उन्होंने पुलिस (Utrakhand Police) की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ मामलों में आठ महीने बीत जाने के बाद भी एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं की गई है, यह बेहद गंभीर लापरवाही है.

रावत (Trivendra Singh Rawat) ने आगे कहा कि भाजपा की छवि किसी भी हाल में प्रभावित नहीं होनी चाहिए. हालांकि उन्होंने किसी विशेष मामले का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह ज़रूर कहा कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है और सरकार को अपने कामकाज में सुधार करना चाहिए.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में BJP के पास 47 विधायक और 5 सांसद हैं. ऐसे में जनता का विश्वास बनाए रखना पार्टी की पहली जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के भरोसे पर हर कीमत पर खरी उतरेगी.

विश्लेषकों का मानना है कि हरक सिंह रावत का कांग्रेस में लौटना और भाजपा के भीतर उठ रहे सवाल, राज्य में आगामी चुनावी समीकरणों को और पेचीदा बना सकते हैं. रावत ने कांग्रेस (Congress) नेता हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) के हालिया आरोपों का भी खंडन किया. हरक सिंह रावत ने दावा किया था कि वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा के लिए 30 करोड़ रुपये का चंदा जुटाया था, जिसमें खनन से जुड़ा एक करोड़ रुपये भी शामिल था.

पूर्व मुख्यमंत्री ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि कांग्रेस नेता जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा पारदर्शिता और विकास के मुद्दों पर काम करती है और विपक्ष केवल झूठे आरोप लगाकर राजनीति करने में लगा हुआ है.

उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है. कभी भाजपा के कद्दावर नेता रहे हरक सिंह रावत अब फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उनके कदम से राज्य की सियासत में नई समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं. इसी बीच, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बार फिर भाजपा नेतृत्व को असहज कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे, उस समय भाजपा को 27 करोड़ रुपये का चंदा चेक के जरिए मिला था. करीब 5 महीने पहले भी उन्होंने संसद में “उत्तराखंड में बेरोकटोक अवैध खनन” का मुद्दा उठाकर धामी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था.

इधर, भाजपा के भीतर भी विवाद गहराता दिख रहा है. देहरादून जिला भाजपा अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल की शिकायत पर पुलिस ने फेसबुक पर चल रहे तीन पेजों के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन पेजों पर पार्टी और नेताओं को निशाना बनाए जाने की बात सामने आई है.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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