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नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो का विस्तार: बोड़ाकी तक तीन वर्षों में तैयार होगा नया रूट, मल्टीमॉडल हब से बढ़ेगी शहर की रफ्तार
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Published On: Saturday, July 26, 2025
Last Updated On: Saturday, July 26, 2025
नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक 2.6 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट के विस्तार की औपचारिक शुरुआत कर दी है. यह रूट न सिर्फ जिले को नई कनेक्टिविटी देगा, बल्कि बोड़ाकी को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब में बदल देगा. 2028 तक इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है.
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Last Updated On: Saturday, July 26, 2025
Greater Noida Metro Expansion: नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) ने ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो विस्तार की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है. इस परियोजना के तहत करीब 2.6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक बिछाया जाएगा, जो अगले तीन वर्षों में बनकर तैयार हो सकता है. इसके साथ ही बोड़ाकी में बनने वाला बड़ा मेट्रो स्टेशन मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) का रूप लेगा, जिससे शहर में आवागमन और आर्थिक गतिविधियां नई ऊंचाई पर पहुंचेंगी.
ग्रेटर नोएडा को मिलेगा नया मेट्रो रूट
वर्तमान में एनएमआरसी की एक्वा लाइन नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा के डिपो स्टेशन तक चलती है. अब इससे आगे ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो ले जाई जाएगी. इस रूट पर दो नए स्टेशन बनेंगे – जुनपत और बोड़ाकी. खास बात यह है कि बोड़ाकी में बनने वाला स्टेशन जिले का सबसे बड़ा मेट्रो स्टेशन होगा, जो विभिन्न परिवहन सुविधाओं को जोड़कर यात्री आवाजाही को सहज बनाएगा.
क्यों महत्वपूर्ण है बोड़ाकी रूट ?
बोड़ाकी में ही बड़ा रेलवे टर्मिनल और अंतरराज्यीय बस अड्डा भी प्रस्तावित है. इसके साथ ही होटल और अन्य यात्री सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी. इससे बोड़ाकी मल्टीमॉडल हब के रूप में उभरेगा, जो ट्रेनों, बसों, मेट्रो और स्थानीय ट्रांसपोर्ट के माध्यम से लाखों यात्रियों को जोड़ने का काम करेगा. स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट जिले को राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण सेंटर बनाएगा.
तीन वर्षों में पूरा होगा निर्माण कार्य
एनएमआरसी अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अब डिजाइन सलाहकार के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अगस्त के पहले सप्ताह में इसके लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी की जाएगी. अगले डेढ़-दो महीने में डिजाइन एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा, जो प्राथमिक रिपोर्ट चार महीने में सौंपेगी. इसके बाद निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और उम्मीद है कि मार्च-अप्रैल 2026 तक निर्माण कार्य का ठेका दे दिया जाएगा. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इस रूट को पूरा करने में लगभग तीन वर्ष का समय लगेगा. यानी 2028 के अंत तक इस रूट पर मेट्रो के संचालन की उम्मीद की जा रही है.
खर्च और फंडिंग का मॉडल
इस परियोजना की कुल लागत करीब 416.34 करोड़ रुपये अनुमानित है. इसमें केंद्र सरकार 20 प्रतिशत राशि देगी, जबकि यूपी सरकार की ओर से 24 प्रतिशत राशि का योगदान होगा, जिसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वहन करेगा. शेष लगभग 60 प्रतिशत राशि घरेलू बैंकों से लोन के रूप में ली जाएगी, ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके. चूंकि यह प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपये से कम का है, इसलिए इसे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट में नहीं ले जाया गया. मंत्रालय स्तर पर ही इसे मंजूरी दी गई है, जिससे प्रक्रिया तेज हो सके.
ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का भी इंतजार
जहां एक ओर बोड़ाकी मेट्रो रूट की तैयारी तेज हो रही है, वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को भी अपने मेट्रो रूट का बेसब्री से इंतजार है. इस रूट की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को यूपी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और केंद्र सरकार के पास भेजा गया है. जल्द ही पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठक प्रस्तावित है, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया बढ़ेगी.
सेक्टर-142 तक मेट्रो विस्तार
एक्वा लाइन के सेक्टर-142 स्टेशन से बॉटनिकल गार्डन (सेक्टर-38ए) तक मेट्रो का विस्तार भी प्रस्तावित है. इस रूट की डीपीआर को भी यूपी कैबिनेट ने जून 2024 में मंजूरी दी और जुलाई 2024 में केंद्र को भेजा गया. नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की बैठक में प्रेजेंटेशन दिया जा चुका है और यहां भी जल्द पीआईबी की बैठक होगी.
तकनीकी तैयारियां तेज
बोड़ाकी रूट के लिए टोपोग्राफिकल सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है और जियोटेक्निकल सर्वे का काम भी जल्द शुरू होगा. इस रूट पर मेट्रो लाइन स्टैंडर्ड गेज (1435 एमएम) की होगी, जिससे इसे मौजूदा नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. जिले के लिए बोड़ाकी रूट सबसे छोटा मेट्रो रूट होगा, लेकिन इसका महत्व सबसे बड़ा होगा. यहां का बड़ा मेट्रो स्टेशन, रेलवे टर्मिनल, बस अड्डा और होटल मिलकर एक ऐसा हब बनाएंगे, जहां से यात्रियों को दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, अन्य राज्यों और शहरों तक बेहतरीन कनेक्टिविटी मिलेगी.
एनएमआरसी के कार्यकारी निदेशक महेंद्र प्रसाद के अनुसार, इस रूट की वजह से हजारों लोगों को सफर में सहूलियत मिलेगी और नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को नई पहचान भी मिलेगी. बोड़ाकी मेट्रो रूट सिर्फ एक नया ट्रैक नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला प्रोजेक्ट है. तीन वर्षों में तैयार होने वाला यह रूट आने वाले समय में न सिर्फ आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा को एक नए मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में देश के मानचित्र पर उभारेगा.