इस दीवाली डिजिटल सुरक्षा के प्रकाश से रहें समृद्ध
Authored By: विशेष संवाददाता, गलगोटियाज टाइम्स
Published On: Thursday, October 31, 2024
Updated On: Friday, November 1, 2024
पीएम नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार यानी 27 अक्टूबर को पूरे देश को रेडियो पर मन की बात के माध्यम से संबोधित करते हुए देश में तेजी से बढ़ी डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर छोटे-बड़े सबको सचेत करते दिखे। आइए जानते हैं कि आखिर डिजिटल अरेस्ट जैसी ठगी का शिकार होने से बचना कितना जरूरी है...
हाइलाइट्स
- 2024 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून की अवधि में देशवासी डिजिटल अरेस्ट में 120 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की ठगी का शिकार हो चुके हैं।
- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार पहली तिमाही में कुल साइबर क्राइम में डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग स्कैम, इन्वेस्टमेंट स्कैम और डेटिंग एप के स्कैम शामिल हैं।
- साइबर क्राइम की करीब 7.4 लाख शिकायतें इन तीन महीनों में देश में दर्ज की गई हैं।
- एक और रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम में 1,776 करोड़ रुपये ठगे गए।
यह त्य़ोहार का समय है। धनतेरस, छोटी दीवाली, दीपपर्व, भाईदूज और अन्नकूट के रूप में उत्सव, उल्लास की बयार बहेगी। आप सोना-चांदी, बर्तन, कार आदि खरीदेंगे, लेकिन साथ ही डिजिटल सुरक्षा के रूप में भी समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि देश में साइबर अपराध नित नए रूप धर लोगों को ठगने का जरिया बन रहा है। डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम (Digital Arrest Cyber Crime) का सबसे नया रूप है। छह-सात दिन तक लोगों को डिजिटली अरेस्ट रखकर करोड़ों ठगने की खबरें सामने आ चुकी हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने रविवार 27 अक्टूबर को पूरे देश को एक बार फिर रेडियो पर मन की बात के माध्यम से संबोधित किया। किसी परिवार के मुखिया की तरह वह सबकी चिंता करते हुए देश में तेजी से बढ़ी डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर छोटे-बड़े सबको सचेत करते दिखे।
2024 की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून की बात करें तो डिजिटल अरेस्ट के अपराध का भयावह स्वरूप सामने आता है। इस अवधि में देशवासी डिजिटल अरेस्ट में 120 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की ठगी का शिकार हो चुके हैं। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के आंकड़े तस्वीर को और साफ करते हैं। इसके अनुसार पहली तिमाही में कुल साइबर क्राइम में डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग स्कैम, इन्वेस्टमेंट स्कैम और डेटिंग एप के स्कैम शामिल हैं। साइबर क्राइम की करीब 7.4 लाख शिकायतें इन तीन महीनों में देश में दर्ज की गई हैं। एक और रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्राइम में 1,776 करोड़ रुपये ठगे गए।
डिजिटल अरेस्ट कैसे एक बड़े साइबर अपराध के रूप में सामने आ रहा है, इसे समझने के लिए यही तथ्य काफी है कि इसका शिकार बनने वालों में समाज के उच्च शिक्षित एवं बुद्धिजीवी वर्ग के लोग भी शामिल हैं। वे लोग जो समाज में होने वाली हर घटना, राजनीतिक, सामाजिक बदलाव, चलन आदि से रूबरू रहते हैं, जब वे भी डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने लगें तो समझ लेना चाहिए कि मामला अतिगंभीर है। आमतौर पर केंद्रीय एजेंसियां या पुलिस वाट्सएप, फेसबुक या अन्य डिजिटल माध्यमों से न तो पूछताछ करती है और न ही किसी तरह की कार्रवाई। चूंकि ये एजेंसियां आपराधिक कृत्यों की जांच से जुड़ी होती हैं तो ठग इनका गलत प्रयोग कर लोगों को दबाव में लेने की कोशिश करते हैं और कई बार सफल भी हो जाते हैं। सरकार ने कई व्यवस्थाएं कर रखी हैं, बस लोगों के समझने और खुद को डिजिटली सुरक्षित और समृद्ध रखने की कोशिश करने की बात है। इसीलिए पीएम ने कहा, स्टाप, थिंक एंड टेक एक्शन के तीन स्टेप से लोग खुद को डिजिटल अरेस्ट से बचाएं। स्टाप इसलिए कि काल आते ही समझ जाओ कि कुछ गड़बड़ है…फिर विचार करो और आखिर में एक्शन लो यानी सरकार की डिजिटल सुरक्षा हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत कर इस तरह के ठगों को पकड़वाने की पहल करें। त्योहार मनाएं और साथ ही जीवन को सुरक्षित-समृद्ध रखने के लिए भी आगे आएं।
सीईआरटी-इन ने भी सचेत किया है
सतर्क रहें: धमकाने या मनी लांड्रिंग के मामलों वाली फोन काल, वीडियो काल आदि पर ध्यान न दें, काल उठा भी लें तो कतई घबराएं नहीं। ठग विभिन्न प्रकार से आपको फ्रेम करने की कोशिश करते हैं, घबराएं नहीं…उन्हें कतई यह न लगे कि आप डर रहे हैं। काल के अतिरिक्त फिशिंग से भी बचें यानी मेल आदि से आने वाले इस तरह के मैसेज से बचें।
क्यों जरूरी है अलर्ट रहनाः राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े कहते हैं कि 2017 में साइबर अपराध के देश में 3,400 से कुछ अधिक मामले थे जो 2020 यानी तीन साल में ही करीब न गुना बढ़कर 10,000 के ऊपर पहुंच गए। 2021 में इनमें करीब 4,000 की बढ़ोतरी हुई और 2022 में यह संख्या 17,000 के ऊपर रही।
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