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साइबर क्राइम में भारत दसवें नंबर, क्या है देश की यही वास्तविक स्थिति
साइबर क्राइम में भारत दसवें नंबर, क्या है देश की यही वास्तविक स्थिति
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, October 3, 2024
Last Updated On: Friday, April 25, 2025
'मैपिंग ग्लोबल जियोग्राफी ऑफ साइबर क्राइम विद द वर्ल्ड साइबर क्राइम इंडेक्स' शीर्षक से जारी एक शोध रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने उन देशों की पहचान की है जहां साइबर अपराध सबसे अधिक हो रहे हैं। इस सूची में 15 देशों का नाम शामिल है, जिसमें भारत 10वें स्थान पर है।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Friday, April 25, 2025
इस रिपोर्ट के अनुसार, साइबर अपराध (Cyber Crimes) के मामले में भारत की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और विशेषज्ञों ने इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया है। रिपोर्ट ने यह भी संकेत दिया है कि साइबर सुरक्षा (Cyber Security) के क्षेत्र में जागरूकता और कड़े उपायों की आवश्यकता है।
दुनिया का पहला साइबर क्राइम इंडेक्स जारी
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के शोधकर्ताओं ने इस साल दुनिया का पहला साइबर क्राइम इंडेक्स जारी किया है, जिसमें भारत को खास स्थान मिला है। ‘मैपिंग ग्लोबल जियोग्राफी ऑफ साइबर क्राइम विद द वर्ल्ड साइबर क्राइम इंडेक्स’ शीर्षक से जारी इस शोध रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने उन देशों को सूचीबद्ध किया है, जहां साइबर अपराध सबसे ज्यादा हो रहे हैं। इस सूची में 15 देशों के नाम शामिल हैं, जिसमें भारत 10वें स्थान पर है।
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह संदेह जताया है कि कई साइबर अपराध विदेशों से अंजाम दिए जा रहे हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत के कई शहर साइबर अपराधियों का केंद्र बन चुके हैं। रोजमर्रा की छोटी-मोटी घटनाओं की बढ़ती संख्या इस बात की पुष्टि करती है। असल सवाल यह उठता है कि सरकार की साइबर अपराध निरोधक एजेंसियां इन घटनाओं को रोकने में सफल क्यों नहीं हो रही हैं? अगर अपराध का यह जाल फैलता रहेगा, तो कभी-कभार बड़ी घटनाएं होना भी स्वाभाविक है, जैसे हाल ही में ओसवाल परिवार इसका शिकार बना।
साइबर सुरक्षा के बिना भारत के विकास की कल्पना करना असंभव
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह (Amit Shah) का दृढ़ विश्वास है कि आज के युग में साइबर सुरक्षा के बिना भारत के विकास की कल्पना करना असंभव है। 20 जून, वर्ष 2022 को नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था। इसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री श्री, नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई पहल के कारण देश ने प्रगति की है। इसके अलावा उन्होंने कहा, “हालांकि, अगर साइबर सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो सारी मेहनत बेकार चली जाएगी।“
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भारत सरकार ने समय-समय पर जताई है चिंता और दिखाया है रास्ता
डिजिटल दुनिया (Digital World) को सभी के लिए सुरक्षित बनाने के लिए समन्वित कार्रवाई आवश्यक है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने तेजी से परस्पर जुड़ी दुनिया में साइबर लचीलेपन को मजबूत करने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। 13 जुलाई, 2023 को गुरुग्राम में आयोजित ’एनएफटी, एआई और मेटावर्स के युग में अपराध और सुरक्षा’ विषय पर जी 20 सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, उन्होंने सामूहिक रूप से साइबर खतरों से निपटने के लिए पारंपरिक भौगोलिक सीमाओं को पार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की जी20 प्रेसीडेंसी थीम, ’वसुधैव कुटुम्बकम’ या ’द वर्ल्ड इज वन फैमिली’, भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है और आज की डिजिटल दुनिया में अत्यधिक प्रासंगिक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि साइबर सुरक्षा अब डिजिटल दायरे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब यह राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा का मामला है। प्रौद्योगिकी के मानवीय पहलू पर जोर देते हुए, उन्होंने इसके उपयोग में करुणा और संवेदनशीलता सुनिश्चित करने के लिए ’इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ को ’इमोशंस ऑफ थिंग्स’ के साथ एकीकृत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
अपने मोबाइल को करें सुरक्षित
मोबाइल फोन आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। इनका उपयोग संचार, सहयोग और डेटा एक्सेस सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसीलिए अगर मोबाइल फोन का सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए तो यह सुरक्षा के लिए खतरा भी हो सकता है। व्यक्तिगत और संगठनात्मक डेटा की सुरक्षा के लिए मोबाइल फोन का सुरक्षित उपयोग आवश्यक है। इनके दुरुपयोग से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें डेटा चोरी, वित्तीय हानि, अनधिकृत पहुंच, मैलवेयर संक्रमण आदि शामिल हैं।