अब डोर-टू-डोर जनगणना का समय गया, नई जनगणना कैसे होगी जानें

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Thursday, April 25, 2024

Last Updated On: Thursday, April 25, 2024

know how the new census will be conducted
know how the new census will be conducted

न्यूजीलैंड दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है, जहां डेटा आधारित जनगणना कराया जाएगा। हालांकि भारत भी अगली जनगणना डिजिटली कराने वाली है।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Last Updated On: Thursday, April 25, 2024

देश में होने वाली जनगणना को अधिकांश लोगों ने देखा और उसमें शामिल हुआ होगा। हर दस वर्ष में घर के दरवाजे पर रजिस्टर लिए एक महिला या पुरुष घर के मुखिया से कई तरह के सवाल करते हैं। फिर जवाब को अपने रजिस्टर में दर्ज कर चले जाते हैं। लेकिन अब जनगणना में भी तकनीक प्रवेश करने जा रहा है। इसकी शुरुआत न्यूजीलैंड से होने वाली है। न्यूजीलैंड दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है, जहां डेटा आधारित जनगणना कराया जाएगा। हालांकि भारत भी अगली जनगणना डिजिटली कराने वाली है।

न्यूजीलैंड की एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में आगामी जनगणना (वर्ष 2028) डोर-टू-डोर नहीं कराया जाएगा। इसके लिए विभाग देश के अलग-अलग सरकारी संस्थाओं का डेटा का इस्तेमाल करेगा। इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जनगणना करने वाले विभाग कर विभाग, समाज कल्याण विभाग और न्याय विभाग जैसे सरकारी संस्थाओं के डेटा का उपयोग कर जनगणना करेगा। इसके पीछे का कारण जनगणना पर बढ़ता खर्च बताया गया है। न्यूजीलैंड में प्रत्येक पांच साल पर जनगणना कराया जाता है।

न्यूजीलैंड में पिछली जनगणना 2023 में हुई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कुल 1500 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। हालांकि बताया जाता है कि पिछले जनगणना से ही न्यूजीलैंड ने डेटा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। 2018 में यहां जनगणना कराने में 620 करोड़ रुपए खर्च हुआ था। पांच वर्ष में इस पर खर्च ढाई गुणा बढ़ गया। इसीलिए न्यूजीलैंड अब डेटा पर आधारित जनगणना कराएगी ताकि इस पर होने वाले खर्च को कम किया जा सके। वर्तमान में न्यूजीलैंड की आबादी 51 लाख से थोड़ा ज्यादा है।

जनगणना कराने के लिए सभी देश अपने बजट में बड़ी धनराशि रखती है। भारत में दस वर्षों में होने वाली जनगणना पर हजारों करोड़ रुपए खर्च होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2021 की जनगणना करने के लिए 24 दिसंबर 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 8,754.23 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी। हालांकि कोरोना महामारी की वजह से 2021 की जनगणना अभी तक नहीं है। भारत में अंतिम जनगणना 2011 में हुई थी। इस जनगणना में पहली बार बायोमेट्रिक से लोगों का डेटा इकट्ठा किया गया था।

भारत के जनगणना आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत में अगली जनगणना जब भी होगी, वह डिजिटल ही की जाएगी। यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि जनगणना के दौरान लोगों से 31 सवाल पूछे जाएंगे। इसमें लोगों को अपना आधार और मोबाइल नंबर देना जरूरी होगा। इसके लिए सेल्फ-एन्यूमरेशन पोर्टल बनाया जा रहा है। भारत में जनगणना केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कराता है।



गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।


Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य खबरें