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अमेरिका ने फिर से UNESCO से खुद को किया अलग, ट्रंप ने ग्लोबल बॉडी को बताया ‘एंटी-इजराइल अड्डा’
अमेरिका ने फिर से UNESCO से खुद को किया अलग, ट्रंप ने ग्लोबल बॉडी को बताया ‘एंटी-इजराइल अड्डा’
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, July 23, 2025
Last Updated On: Wednesday, July 23, 2025
अमेरिका ने एक बार फिर यूनेस्को से खुद को अलग कर लिया है. ट्रंप प्रशासन ने संगठन को ‘इजराइल विरोधी अड्डा’ बताते हुए इसके वैश्विक एजेंडे को अमेरिकी हितों के खिलाफ बताया है. यूनेस्को ने इस पर गहरा खेद जताया है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, July 23, 2025
UNESCO: एक बार फिर अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को से बाहर निकलने का फैसला किया है. मंगलवार को विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यूनेस्को “विभाजनकारी सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों” को बढ़ावा दे रहा है और सतत विकास पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रहा है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के तहत अमेरिका ने यूनेस्को की विचारधारा और फिलिस्तीन को सदस्यता देने जैसे फैसलों को अपने ‘अमेरिका फर्स्ट’ सिद्धांत के खिलाफ बताया है. इससे पहले बाइडेन कार्यकाल में अमेरिका फिर से यूनेस्को में शामिल हुआ था, लेकिन अब ट्रंप की वापसी के साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अमेरिका की दूरी फिर चर्चा में है.
बाइडेन के समय में UNESCO में शामिल अमेरिका
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में यह दूसरी बार है जब अमेरिका पेरिस स्थित यूनेस्को से अलग हो रहा है. वाशिंगटन दो साल पहले अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन के कार्यकाल में इसमें फिर से शामिल हुआ था.
नोटिस जारी करने के बाद, ब्रूस ने कहा कि यह वापसी अगले साल के अंत में प्रभावी होगी. उन्होंने कहा कि यूनेस्को का अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए वैश्विक, वैचारिक एजेंडा हमारी अमेरिका प्रथम विदेश नीति के विपरीत है और यूनेस्को में निरंतर भागीदारी संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय हित में नहीं है.
एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन ने जताया खेद
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘यूनेस्को की स्थापना के बाद से अमेरिका ने इसमें जो प्रमुख भूमिका निभाई है, उसे देखते हुए, उन्हें इस वापसी पर गहरा खेद है.’
ट्रंप प्रशासन के लिए प्रमुख मुद्दे यूनेस्को की इजरायल विरोधी नीतियों को लेकर हैं, जिनका वह इजराइल के साथ विरोध करता है, और फिलिस्तीन की सदस्यता है.
ब्रूस ने कहा, ‘फिलिस्तीन राज्य’ को सदस्य राज्य के रूप में स्वीकार करने का यूनेस्को का निर्णय अत्यधिक समस्याग्रस्त है. यह अमेरिकी नीति के विपरीत है, और इसने संगठन के भीतर इजरायल विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा दिया है.’
ट्रंप ने ग्लोबल बॉडी को बताया ‘एंटी-इजराइल अड्डा’
अमेरिका का यूनेस्को से बाहर होना, ट्रंप द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की तीखी आलोचना और उनसे खुद को अलग करने के अनुरूप है.
कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को अलग कर लिया, कोविड महामारी से निपटने के उसके तरीके की आलोचना की और उस पर अपनी भूमिका का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया.
ऑड्रे अजोले ने इसे बताया मूलभूत सिद्धांतों के विपरीत
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक शाखा की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय बहुपक्षवाद के मूलभूत सिद्धांतों के विपरीत है, और सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में हमारे कई साझेदारों को प्रभावित कर सकता है – वे समुदाय जो विश्व धरोहर सूची में स्थान पाने, रचनात्मक शहर का दर्जा पाने और विश्वविद्यालय अध्यक्ष बनने की इच्छा रखते हैं.’
उन्होंने कहा, “हालांकि यह खेदजनक है, लेकिन इस घोषणा की उम्मीद थी, और यूनेस्को ने इसके लिए तैयारी कर ली है.”
2023 में यूनेस्को को अमेरिका का योगदान 28 मिलियन डॉलर था, जो संगठन के बजट का 22 प्रतिशत था. अजोले ने कहा, “आज, बड़ी संख्या में सदस्य देशों और निजी योगदानकर्ताओं के निरंतर समर्थन से संगठन वित्तीय दृष्टि से बेहतर संरक्षित है, जिससे अमेरिकी योगदान घटकर 8 प्रतिशत रह गया है.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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