अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी, रूसी तेल खरीद पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Saturday, August 23, 2025
Last Updated On: Saturday, August 23, 2025
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता अभी जारी है, लेकिन किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों पर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर दृढ़ है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही अतिरिक्त टैरिफ लागू करने जा रहे हैं.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Saturday, August 23, 2025
India US Trade Talks Jaishankar: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता एक बार फिर सुर्खियों में है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025’ में कहा कि बातचीत जारी है, लेकिन भारत की कुछ स्पष्ट सीमाएं हैं जिन पर समझौता संभव नहीं. खासतौर पर किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा ने इस चर्चा को और गंभीर बना दिया है. इस बीच केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी राष्ट्रीय हित और भारतीय उद्योग की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत तेज करने का संकेत दिया.
अमेरिका के साथ बातचीत जारी
- ‘इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025’ में विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है. उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, “हमारी चिंता इस बात को लेकर है कि सीमाएं मुख्य रूप से हमारे किसानों और कुछ हद तक हमारे छोटे उत्पादकों के हित से जुड़ी हैं. हम, एक सरकार के रूप में, अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम इस पर पूरी तरह दृढ़ हैं. इस पर समझौता नहीं किया जा सकता.”
- विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दुनिया और यहां तक कि अपने देश के साथ भी व्यवहार करने का तरीका पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बेहद अलग है. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर 27 अगस्त से एडिशनल 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने जा रहे हैं, यानी देश पर कुल 50 प्रतिशत लागू हो जाएगा.
भारतीय उद्योग की प्राथमिकता जरूरी
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत जब भी किसी देश के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की बातचीत करता है तो उसका आधार राष्ट्रीय हित और भारतीय उद्योग की ज़रूरतें होती हैं.
मंत्री ने कहा, “मेरी सोच हमेशा साफ रही है. जब हम किसी व्यापार समझौते पर बातचीत करते हैं तो सबसे पहले हमें अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करनी होती है. आमतौर पर हम दूसरे देशों के साथ चर्चा शुरू करने से पहले ही कुछ प्रारंभिक बिंदुओं पर सहमति बना लेते हैं. इसमें एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करना बहुत ज़रूरी है. हर देश के पास कुछ ऐसे क्षेत्र होते हैं जो उनके लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं.”
व्यापार के मोर्चे पर समझौता मुश्किल
पीयूष गोयल ने आगे बताया कि भारत यूरोपीय संघ (EU) के साथ लगातार बातचीत कर रहा है और तीन से चार प्रमुख व्यापार समझौतों पर चर्चा तेजी से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा, “यूरोपीय संघ के भी कुछ सेक्टर बेहद संवेदनशील हैं और हम उनका सम्मान करते हैं, जैसे वे हमारे क्षेत्रों का करते हैं. इस वजह से मुझे लगता है कि आगे बढ़कर किसी नतीजे पर पहुंचना मुश्किल नहीं होगा.”
गोयल ने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और यहां निवेश और विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं.
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