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Pakistan Train Hijack: बलूच अलगाववादियों ने पाकिस्तान की ट्रेन को क्यों किया हाईजैक, जाने क्या-क्या हुआ अब तक
Pakistan Train Hijack: बलूच अलगाववादियों ने पाकिस्तान की ट्रेन को क्यों किया हाईजैक, जाने क्या-क्या हुआ अब तक
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, March 12, 2025
Updated On: Wednesday, March 12, 2025
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के अलगाववादियों ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में करीब 500 यात्रियों को ले जा रही ट्रेन पर हमला कर उसे हाईजैक कर लिया. दावा किया गया है कि उन्होंने 214 से अधिक बंधकों को पकड़ लिया है. इसमें कम से कम 30 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी गई है.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Wednesday, March 12, 2025
हाईलाइट
- बलूच लिबरेशन आर्मी ने करीब 500 लोगों को ले जा रही ट्रेन पर हमला किया.
- समूह के मुताबिक 214 लोगों को बंधक बनाया गया है और 30 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए हैं.
- बीएलए ने धमकी दी कि अगर सैन्य हस्तक्षेप किया गया तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा.
- बंधक बनाए गए में अधिकांश सैन्य एवं सुरक्षा कर्मी हैं.
Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान (Pakistan) में करीब 500 लोगों को ले जा रही एक यात्री ट्रेन को 11 मार्च को बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत में बलूच विद्रोहियों ने हाईजैक कर लिया. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA)ने इसकी जिम्मेदारी ली है. विद्रोहियों ने कहा है कि उसने 214 लोगों को बंधक बनाया है. साथ ही 30 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी को मार दिया है.
बलूच अधिकारियों या रेलवे ने अभी तक हताहतों की संख्या और बंधकों की स्थिति की पुष्टि नहीं की है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र को घेर लिया है. इस विद्रोह समूह ने धमकी दी है कि अगर सुरक्षा बल पीछे नहीं हटे तो वे सभी बंधकों को मार देंगे.
पाकिस्तान का दावा
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि देर रात तक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अपहृत ट्रेन से करीब 80 यात्रियों को बचा लिया है. वहीं विद्रोही समूह इसे गलत बता रहे हैं. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दोनों तरफ से गोलीबारी हो रही है. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 13 विद्रोहियों को मार गिराया है.
बलूच कैदियों को छोड़ने की मांग
विद्रोहियों के नेता ने पाकिस्तान सरकार के सामने बंधकों को छोड़ने के एवज में कई शर्त रखे हैं. इनमें बलूच राजनीतिक कैदियों, जबरन गायब किए गए लोगों और राष्ट्रीय प्रतिरोध कार्यकर्ताओं की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग महत्वपूर्ण है. विद्रोहियों ने इसके लिए 48 घंटे की समयसीमा तय की है.
पेशावर जा रही थी ट्रैन
हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस ट्रैन बलूचिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही थी. यह ट्रैन क्वेटा से थोड़ा आगे बढ़ी ही थी कि इस पर विद्रोहियों ने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि हमले के बाद ट्रेन एक सुरंग में फंस गई.
विद्रोही समूह का दावा
कथित तौर पर दोनों तरफ से भारी गोलीबारी चल रही है. हालांकि, विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने सेना के जमीनी हमले को पूरी तरह से विफल कर दिया है. उन्हें पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. भीषण झड़पों के बाद, पाकिस्तान के जमीनी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. पाकिस्तानी हेलीकॉप्टरों और ड्रोन द्वारा बमबारी अभी भी जारी है.
महिला, बच्चों को छोड़ा गया
विद्रोहियों ने शुरुआती बयान में दावा किया था कि उन्होंने महिलाओं, बच्चों और बलूच यात्रियों को रिहा कर दिया है! इन्हें रिहा करने से पहले यह सुनिश्चित किया गया है कि शेष सभी बंधक पाकिस्तानी सेना के सेवारत कर्मी हैं.
सैन्य कर्मियों को बनाया है बंधक
बलूच लिबरेशन आर्मी ने दावा किया कि उन्होंने जिन लोगों को बंधक बनाया है, वे पाकिस्तानी सैन्यकर्मी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों, मसलन, पुलिस, आतंकवाद निरोधी बल (एटीएफ) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सदस्य हैं. बताया गया है कि इस हमले का नेतृत्व बीएलए के मजीद ब्रिगेड ने किया था. साथ ही स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशन स्क्वॉड (एसटीओएस) और फतेह स्क्वॉड-विशेष इकाइयों ने भी इस हमले को अंजाम दिया था.