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दिल्ली में ट्रंप के दूत से आज होगी ट्रेड टॉक, खत्म हो सकती है टेंशन
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Tuesday, September 16, 2025
Last Updated On: Tuesday, September 16, 2025
भारत और अमेरिका के बीच जारी टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी व्यापार दल आज दिल्ली में भारतीय प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगा. इस बैठक में दोनों देशों के बीच प्रस्तावित ट्रेड डील और व्यापारिक तनाव को कम करने पर चर्चा होगी.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Tuesday, September 16, 2025
Delhi Trade Talks with Trump Envoy: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर जारी तनातनी अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गई है. अमेरिकी मुख्य व्यापार वार्ताकार ब्रेंडन लिंच आज दिल्ली पहुंचे हैं, जहां उनकी मुलाकात भारत के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल से होगी. इस दौरे का मकसद प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को लेकर बातचीत को आगे बढ़ाना और हाल के टैरिफ विवाद से समाधान की राह तलाशना है. इससे पहले दोनों देशों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन छठा दौर अमेरिकी अतिरिक्त शुल्कों के चलते टल गया था. लिंच का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में नई दिशा और संभावित समझौते की उम्मीदें बढ़ रही हैं.
गौरतलब है कि बीटीए पर छठे दौर की वार्ता के लिए अमेरिकी व्यापार दल 25-29 अगस्त को भारत आने वाला था, लेकिन अमेरिका की ओर से भारत पर 50% का भारी शुल्क थोपने के कारण यह स्थगित हो गया, जिसमें से 25% रूस से तेल खरीदने पर लगाया जाने वाला दंडात्मक शुल्क है.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
अधिकारियों ने बताया कि बैठक का मुख्य मकसद व्यापार वार्ता के भविष्य पर चर्चा करना है. इसमें केवल व्यापार से जुड़े मुद्दों पर होने वाली कार्रवाई पर विचार किया जाएगा. फिलहाल प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर अगले दौर की औपचारिक बातचीत नहीं होगी. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पिछले हफ्ते ट्रंप ने अपने बयानों में अधिक लचीला रुख दिखाया था और व्यापार समझौते को लेकर आशावादी संकेत दिए थे.
भारत-अमेरिका के बीच अब तक की वार्ताएं
भारत और अमेरिका के बीच मार्च 2025 से अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन छठा दौर बीच में ही अटक गया था.
- 26 से 29 मार्च को पहली वार्ता हुई.
- 2 अप्रैल को ट्रंप ने सभी देशों पर 10% बेसलाइन टैरिफ लगाने का ऐलान किया. इससे भारत पर कुल 26% टैरिफ लागू हो गया.
- 5 अप्रैल को यह बेसलाइन टैरिफ अमल में आ गया.
- 21 अप्रैल को पीएम मोदी और जेडी वेंस की मुलाकात हुई.
- इसके बाद 14 से 18 जुलाई तक पांचवें दौर की वार्ता चली.
लेकिन इसी बीच अमेरिका ने टैरिफ और बढ़ा दिया, जिससे वार्ता की गति धीमी हो गई.
क्यों अहम है यह दौरा
अमेरिकी व्यापार दल का यह भारत दौरा इसलिए खास है क्योंकि अमेरिकी टैरिफ की वजह से भारतीय निर्यातकों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारी टैरिफ की वजह से अमेरिकी आयातक भारत से ऑर्डर रद्द करने लगे हैं और दूसरी जगहों से सामान मंगवा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि सरकार निर्यातकों की नकदी की तंगी से निपटने के लिए राहत पैकेज पर काम कर रही है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में भारत का अमेरिका को निर्यात घटकर 6.86 अरब डॉलर रह गया, जबकि जुलाई में यह 8.01 अरब डॉलर था. कुल वस्तु निर्यात भी जुलाई के 37.24 अरब डॉलर से घटकर अगस्त में 35.10 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले नौ महीनों का सबसे निचला स्तर है. हालांकि इस दौरान व्यापार घाटा घटकर 26.49 अरब डॉलर पर आ गया.
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