कौन है निमिषा प्रिया जिसे बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है याचिका, जानें क्या है आरोप

कौन है निमिषा प्रिया जिसे बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है याचिका, जानें क्या है आरोप

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Thursday, July 10, 2025

Last Updated On: Thursday, July 10, 2025

Nimisha Priya Case फांसी से बचाने की गुहार, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, जानें हत्या के आरोप और पूरा मामला.
Nimisha Priya Case फांसी से बचाने की गुहार, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, जानें हत्या के आरोप और पूरा मामला.

केरल की 37 वर्षीय भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक नागरिक की हत्या मामले में मौत की सजा से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. यह याचिका ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई पर सहमति जताई है.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Thursday, July 10, 2025

Nimisha Priya Case: आठ साल से यमन की जेल में बंद निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. निमिषा प्रिया को बचाने के लिए ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्द सुनवाई की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 14 जुलाई 2025 को सुनवाई करेगा. यमन की अदालत ने उन्हें 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई है और 16 जुलाई को फांसी तय मानी जा रही है.

वकील ने बताया कि केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक की हत्या के मामले में 16 जुलाई को फांसी होनी है. वकील ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वो राजनीतिक हस्तक्षेप के जरिए यमन सरकार से बात करे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई पर सहमति जताई है.

कौन हैं निमिषा प्रिया और क्या है आरोप?

निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली एक भारतीय नर्स हैं, जिन्हें यमन में 2017 में अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जानकारी के अनुसार, केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की नर्स निमिषा प्रिया 2008 में अपने गरीब माता-पिता की मदद के लिए यमन चली गई थीं. उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया और आखिरकार अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया. 2017 में निमिषा प्रिया और उनके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के बीच विवाद हो गया. 

बताया जाता है कि निमिषा ने तलाल को बेहोश करने के लिए एक सेडेटिव इंजेक्शन दिया, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई. इसके बाद शव को टुकड़ों में काटकर छुपाने की भी कोशिश की गई. यमन की अदालत ने 2018 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. अब 16 जुलाई 2025 को उनकी फांसी तय कर दी गई है. यह मामला तब और गंभीर हो गया जब यमन की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतिम अपील भी खारिज कर दी.

क्या हैं निमिषा प्रिया के दावे?

निमिषा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. कोर्ट में उनके वकील ने तर्क दिए थे कि महदी ने उन्हें शारीरिक यातनाएं दीं, उनका सारा पैसा छीन लिया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और बंदूक से धमकाया. निमिषा के वकील ने कोर्ट से कहा था कि वह सिर्फ बेहोशी की दवा देकर महदी से वापस अपना पासपोर्ट हासिल करना चाहती थीं लेकिन दुर्घटनावश दवा की मात्रा अधिक हो गई.

साल 2020 में सना की एक ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में फैसले को बरकरार रखा. हालांकि, उसने ब्लड मनी का विकल्प खुला रखा.

क्या कह रही सरकार?

इस बीच, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा था, “हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में पता है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है. सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है.”

यह बयान उस समय आया था जब यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी की ओर से निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दी गई थी. निमिषा की 57 वर्षीय मां प्रेमा कुमारी अपनी बेटी की मृत्युदंड की सजा माफ करवाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं.

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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