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heart lamp banu mushtaq: कौन हैं बानू मुश्ताक और क्या है लघु कहानी ‘हार्ट लैंप’ में, जिसके लिए मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025
heart lamp banu mushtaq: कौन हैं बानू मुश्ताक और क्या है लघु कहानी ‘हार्ट लैंप’ में, जिसके लिए मिला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025
Authored By: JP Yadav
Published On: Wednesday, May 21, 2025
Last Updated On: Wednesday, May 21, 2025
heart lamp banu mushtaq: लघु कहानी संग्रह 'हार्ट लैंप' के लिए लेखिका बानू मुश्ताक (Writer banu mushtaq) को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 (banu mushtaq booker prize) मिला है.
Authored By: JP Yadav
Last Updated On: Wednesday, May 21, 2025
heart lamp banu mushtaq: लेखिका बानू मुश्ताक (Writer banu mushtaq) को उनकी लघु कहानी संग्रह ‘हार्ट लैंप’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 (banu mushtaq booker prize) मिला है. यह भारत के लिए बड़ी उपलब्ध है. मूलरूप से कर्नाटक की रहने वाली लेखिका, कार्यकर्ता और वकील बानू मुश्ताक की किताब ‘हार्ट लैंप लंदन में प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ पुस्तक बन गई है. अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 (international booker prize 2025) के रूप में बानू को करीब 58 लाख रुपये भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी पहली लघु कहानी स्कूल के दिनों में लिखी थी, जबकि ‘हार्ट लैंप’ 1990 से 2023 तक की अवधि में लिखी गई 12 कहानियों का संग्रह है।
क्या है ‘हार्ट लैंप’ की खूबियां
बानू मुश्ताक की पुस्तक ‘हार्ट लैंप’ दुनियाभर में 6 कृतियों में से चुनी गई है. इसने निर्णायकों को पारिवारिक और सामुदायिक तनावों को चित्रित करने की अपनी ‘मजाकिया, जीवंत, बोलचाल, मार्मिक और कटु’ शैली के कारण आकर्षित किया है. इस मौके पर बानू मुश्ताक ने कहा कि यह पुस्तक इस विश्वास से जन्मी है कि कोई भी कहानी कभी छोटी नहीं होती, मानव अनुभव के ताने-बाने में हर धागा समग्रता का भार रखता है.
संग्रह का अंग्रेजी अनुवाद किया है दीपा भास्थी ने
यहां पर बता दें कि इससे पहले 25 फरवरी, 2025 को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 सूची की घोषणा बुकर पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा की गई थी. इस सूची में 13 पुस्तकें शामिल थीं, जिनमें पहली बार कन्नड़ और रोमानियाई भाषा की पुस्तकें भी स्थान पाने में सफल रही थीं. इसमें कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक की लघु कथा संग्रह ‘हार्ट लैंप’ इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 के लिए चयनित पुस्तकों में शामिल थीं. इस संग्रह का अंग्रेजी अनुवाद दीपा भास्थी ने किया है.
2022 में गीतांजलि श्री को मिला था बुकर
यहां पर बता दें कि बानू मुश्ताक से पहले 2022 में गीतांजलि श्री को ‘रेत समाधि’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिया गया था. यह हिंदी में लिखा पहला उपन्यास था, जिसे बुकर पुरस्कार मिला था. वहीं, इसका अंग्रेजी अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया था.
कौन हैं बानू मुश्ताक
- बानू मुश्ताक के बारे में यह सर्वविदित है कि वह दलित और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की मुखर समर्थक हैं.
- बानून को कर्नाटक साहित्य अकादमी और दाना चिंतामणि अतींभे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
- बानू मुश्ताक की चर्चित पुस्तक ‘हार्ट लैंप’ पहले ही उर्दू, हिंदी, तमिल और मलयालम में अनुवादित हो चुकी है.
- अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 की सूची में 11 उपन्यास और दो लघु कथा संग्रह शामिल थे.
- 77 वर्षीय लेखिका मुश्ताक कर्नाटक के हासन की रहने वाली हैं और मध्यम वर्गीय परिवार से हैं.
- बहुत कम लोग जानते हैं कि बानू ने अपनी शुरुआती पढ़ाई उर्दू माध्यम से की है.
- महिला केंद्रित साहित्य के लिए मशहूर बानू कई किताबें लिख चुकी हैं.
- बानू कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता रह चुकी हैं. उन्होंने महिला अधिकारों औऱ भेदभाव पर भी काम किया है.