Oral Bacteria can cause Colon Cancer : मुंह में पाया जाने वाला बैक्टीरिया फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम बन सकता है कोलन कैंसर का कारण

Oral Bacteria can cause Colon Cancer : मुंह में पाया जाने वाला बैक्टीरिया फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम बन सकता है कोलन कैंसर का कारण

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, September 18, 2024

Updated On: Wednesday, September 18, 2024

oral bacteria colon cancer
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अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट की स्टडी बताती है कि हमारे मुंह में मौजूद बैक्टीरिया कोलोरेक्टल कैंसर का कारण बन सकते हैं।अध्ययन के अनुसार, फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम (Fusobacterium nucleatum-Fn) बैक्टीरिया आंत तक जा सकता है और पेट के कैंसर का कारण बन सकता है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, September 18, 2024

हमारे मुंह में गुड बैक्टीरिया और बैड बैक्टीरिया दोनों रहते हैं। बैड बैक्टीरिया ही कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकते हैं। कभी -कभार ये कैंसर की भी वजह बन जाते हैं। अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट की स्टडी बताती है कि हमारे मुंह में मौजूद बैक्टीरिया कोलोरेक्टल कैंसर का कारण बन सकते हैं।

अध्ययन के अनुसार, यह बैक्टीरिया फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम (Fusobacterium nucleatum-Fn) आमतौर पर मुंह में पाया जाता है। यह आंत तक जा सकता है और पेट के कैंसर का कारण बन सकता है।

पेट में ट्यूमर सेल को विकसित करता है बैक्टीरिया (Oral Bacteria can cause colon cancer)

अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट में मुंह में मौजूद बैक्टीरिया पर एक स्टडी की गई। इसमें पाया गया कि मुंह में पाया जाने वाला एक विशेष बैक्टीरिया फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम पेट में ट्यूमर सेल को विकसित करने में मदद करता है। ऐसा अध्ययन में परीक्षण किए गए 50% ट्यूमर में पाया गया। यह निष्कर्ष कोलोरेक्टल कैंसर के लिए चिकित्सीय दृष्टिकोण और प्रारंभिक जांच के तरीकों को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है। भारत में शीर्ष दस सबसे आम प्रकार के कैंसर में से एक है कोलोरेक्टल कैंसर या कोलन कैंसर।

ट्यूमर टिश्यू में बैक्टीरिया की अधिकता (Bacteria cause Tumor)

यह बैक्टीरिया आंत तक जा सकता है और पेट के कैंसर के ट्यूमर में विकसित हो सकता है। यह सूक्ष्म जीव कैंसर को बढ़ने के लिए भी जिम्मेदार है। इसके कारण कैंसर के उपचार के बावजूद रोगी के परिणाम खराब हो जाते हैं। 200 रोगियों से निकाले गए कोलोरेक्टल कैंसर ट्यूमर की जांच करते हुए टीम ने फ़्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम के स्तर को मापा। एक जीवाणु जो ट्यूमर को संक्रमित करने के लिए जाना जाता है। लगभग 50% मामलों में, उन्होंने पाया कि स्वस्थ ऊतक की तुलना में ट्यूमर टिश्यू में बैक्टीरिया का एक विशिष्ट सब क्लास एलिवेट करते हुए पाया गया।

दो अलग-अलग जीन से बना है क्लैड्स (Clads of Gene)

शोधकर्ताओं ने स्वस्थ लोगों के मल के नमूनों की तुलना में कोलन कैंसर रोगियों के मल के नमूनों में भी इस सूक्ष्म जीव को अधिक संख्या में पाया। कोलोरेक्टल कैंसर ट्यूमर में फ़्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम का प्रमुख समूह, जिसे सिंगल सब क्लास माना जाता है। वास्तव में यह दो अलग-अलग जीन से बना है, जिन्हें क्लैड्स कहा जाता है।

पेट के एसिड का बैक्टीरिया पर प्रभाव नहीं पड़ता है (oral bacteria for cancer)

इन समूहों के बीच आनुवंशिक अंतर को अलग करके, शोधकर्ताओं ने पाया कि ट्यूमर-घुसपैठ करने वाले एफएनए सी 2 प्रकार ने विशिष्ट आनुवंशिक लक्षण प्राप्त कर लिए हैं। यह पेट में एसिड का सामना कर सकता है और फिर निचले गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक में बढ़ सकता है। कोलन कैंसर के रोगियों के स्वस्थ ऊतकों के साथ ट्यूमर ऊतक की तुलना करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि केवल सबक्लास Fna C2 कोलोरेक्टल ट्यूमर टिश्यू में काफी समृद्ध है। यह कैंसर के विकास के लिए जिम्मेदार है।

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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