Samosa Increases Diabetes Risks : स्टडी बताती है कि भारत में मधुमेह को बढ़ावा दे रहे हैं समोसा, पकौड़ा, चिप्स

Samosa Increases Diabetes Risks : स्टडी बताती है कि भारत में मधुमेह को बढ़ावा दे रहे हैं समोसा, पकौड़ा, चिप्स

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, October 8, 2024

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

samosa pakauda chips increases diabetes
samosa pakauda chips increases diabetes

हाई AGE वाले खाद्य पदार्थ से जोखिम बढ़ जाता है। ये तले हुए खाद्य पदार्थ: चिप्स, फ्राइड चिकन, समोसे, पकौड़े, बेक किए हुए सामान: कुकीज़, केक, क्रैकर्स, प्रोसेस किए गए खाद्य पदार्थ, मार्जरीन, मेयोनीज़, उच्च तापमान पर पकाए गए पशु-आधारित खाद्य पदार्थ: बेकन, बीफ़ और पोल्ट्री जैसे ग्रिल्ड या भुना हुआ मांस, भुने हुए ड्राइ फ्रूट: भुने हुए अखरोट, भुने हुए सूरजमुखी के बीज में पाए जाते हैं।

Authored By: स्मिता

Updated On: Wednesday, February 5, 2025

भारत को दुनिया की मधुमेह राजधानी कहा जाता है। यहां 10 करोड़ से अधिक लोग इस रोग से पीड़ित हैं। डाइबिटीज मुख्य रूप से खराब जीवनशैली के कारण होता है। भारत में यह अपनी तरह से पहला अध्ययन है, जिसके निष्कर्ष बताते हैं कि कम-एजीई वाले आहार मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यह अध्ययन शीर्ष चिकित्सा पैनल- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Medical Council of Research और मद्रास मधुमेह अनुसंधान फाउंडेशन, चेन्नई (Madras Diabetes Research Foundation, Chennai) के सहयोग से किया (Samosa Increases Diabetes Risks) गया।

क्या है एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट (Advanced Glycation End Products)

एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) हाई ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस या हाइपरग्लाइसेमिया की स्थितियों के लिए जिम्मेदार होता है। यह प्रोसेसड फूड और तले हुए पदार्थ में सबसे अधिक पाया जाता है। ये तब बनते हैं जब कुछ खाद्य पदार्थों को उच्च तापमान पर पकाया जाता है, खास तौर पर प्रोसेस्ड और तले हुए खाद्य पदार्थों में। ये यौगिक सूजन, इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान करने के लिए जाने जाते हैं।इससे डाइबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

किन लोगों पर किया गया अध्ययन (Study on Advanced Glycation End Products and Diabetes)

इसमें 25 से 45 वर्ष की आयु के 38 अधिक वजन वाले और मोटे वयस्कों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनमें से सभी का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 23 या उससे अधिक था। शोधकर्ताओं ने 12 सप्ताह की अवधि में दो आहारों के प्रभावों की तुलना की, जिनमें से एक में एजीई अधिक और दूसरे में कम था।

टाइप 2 डाइबिटीज का जोखिम (Type 2 Diabetes Health Risks)

अध्ययन में प्रतिभागियों ने 12 सप्ताह तक कम-AGE और उच्च-AGE दोनों आहारों का पालन किया। अध्ययन में क्रॉसओवर विधि का उपयोग किया गया, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक प्रतिभागी ने दोनों आहारों को आजमाया। इससे शोधकर्ताओं को लोगों के एक ही समूह के भीतर प्रभावों की तुलना करने की अनुमति मिली। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंसेज एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित निष्कर्ष आशाजनक थे। कम-AGE आहार ने प्रतिभागियों की इंसुलिन संवेदनशीलता में काफी सुधार किया, जिसे ओरल डिस्पोज़िशन इंडेक्स (ODI) नामक एक परीक्षण द्वारा मापा गया। इंसुलिन संवेदनशीलता से तात्पर्य है कि शरीर ब्लड शुगर को कम करने के लिए इंसुलिन (हार्मोन) का कितना अच्छा उपयोग करता है। खराब इंसुलिन संवेदनशीलता टाइप 2 मधुमेह के विकास में एक महत्वपूर्ण कारक है।

सूजन का हाई लेवल मधुमेह के जोखिम को बढ़ा सकता है (Diabetes Risks)

कम-AGE आहार पर प्रतिभागियों ने खाने के 30 मिनट बाद लो ब्लड शुगर का स्तर भी दिखाया। उनके ब्लड में AGE और सूजन संबंधी मार्करों का स्तर कम था। इसके विपरीत हाई -AGE आहार में ये स्वास्थ्य लाभ नहीं थे। यह AGEs और सूजन के हाई लेवल से जुड़ा था। यह हृदय रोग और मधुमेह के जोखिम को बढ़ा सकता है।

तलना और ग्रिल करना बढ़ा देता है AGE (Fried and Grilled food increases AGE)

शोधकर्ताओं के अनुसार हाई AGE वाले खाद्य पदार्थ से मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है। तले हुए खाद्य पदार्थ: चिप्स, फ्राइड चिकन, समोसे, पकौड़े, बेक किए हुए सामान: कुकीज़, केक, क्रैकर्स, प्रोसेस किए गए खाद्य पदार्थ, मार्जरीन, मेयोनीज़, उच्च तापमान पर पकाए गए पशु-आधारित खाद्य पदार्थ: बेकन, बीफ़ और पोल्ट्री जैसे ग्रिल्ड या भुना हुआ मांस, भुने हुए ड्राइ फ्रूट: भुने हुए अखरोट, सूरजमुखी के बीज। ये खाद्य पदार्थ भारतीय आहार में आम हैं और नियमित रूप से खाना पकाने के तरीकों का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं। ये उनके AGE स्तरों को बढ़ाते हैं, जैसे तलना, भूनना, ग्रिल करना और पकाना।

तले और प्रोसेस किए हुए फूड की बजाय फ्रेश फूड लें

यह भारत में अपनी तरह का पहला अध्ययन है। यह सुझाव देता है कि कम AGE आहार लेना मधुमेह के जोखिम को कम करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। प्रोसेस किए हुए फूड और तले हुए खाद्य पदार्थों की बजाय ताजे, संपूर्ण खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार अपनाने से अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में इंसुलिन संवेदनशीलता और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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