दिल्ली-एनसीआर में हुई बारिश, उत्तर भारत शीत लहर की चपेट में

दिल्ली-एनसीआर में हुई बारिश, उत्तर भारत शीत लहर की चपेट में

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, December 23, 2024

Delhi-NCR mein hui barish aur Uttar Bharat sheet lahar ki chhapet mein
Delhi-NCR mein hui barish aur Uttar Bharat sheet lahar ki chhapet mein

एनसीआर में रात और सुबह हुई हल्की से मध्यम बारिश ने ठंड में और इजाफा कर दिया है। बारिश के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, और शीत लहर का असर बढ़ गया है। मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत में ठंड के और तेज होने की संभावना जताई है।

Authored By: सतीश झा

Updated On: Monday, December 23, 2024

राष्ट्रीय राजधानी में तापमान गिरने के कारण लोग रैन बसेरों में रह रहे हैं। गाजियाबाद में शीतलहर जारी है, ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। माउंट आबू में तापमान में गिरावट के कारण शीतलहर जारी है।कश्मीर घाटी में शीतलहर जारी है। डल झील की सतह जमी हुई दिखी।

बारिश का असर

दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में बारिश के कारण ठंडक बढ़ गई है। सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता में कमी आई और यातायात प्रभावित हुआ। कई स्थानों पर जलभराव की भी खबरें मिली हैं, जिससे स्थानीय लोगों को असुविधा हुई।

शीत लहर की चेतावनी

मौसम विभाग ने उत्तर भारत के कई हिस्सों में शीत लहर की स्थिति के बने रहने की चेतावनी दी है। पहाड़ी राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी जारी है, जिससे मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाएं आ रही हैं। IMD के अनुसार, दिल्ली का न्यूनतम तापमान 6°C के आसपास रहने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश: IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक शोभित कटियार ने कहा, “आज राज्य में कई जगहों पर हल्की बारिश और बर्फबारी होगी। शिमला और उसके आसपास के इलाकों में हल्की बर्फबारी होगी, 27 तारीख को ऊंचाई वाले इलाकों में फिर बर्फबारी होगी और 28 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के असर से कई जगहों पर बारिश और बर्फबारी होगी। हिमाचल में कई जगहों पर कल से 2 से 3 डिग्री तक तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।

शिमला में सीजन की दूसरी बर्फबारी, पर्यटकों में खुशी की लहर

हिमाचल प्रदेश में सोमवार को मौसम ने अचानक करवट ली और राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया है, वहीं निचले और मैदानी हिस्सों में घने बादल छाए हुए हैं। खासकर राजधानी शिमला में हल्की बर्फबारी हो रही है। इससे सर्दी का प्रकोप और भी तेज हो गया है।

शिमला के प्रसिद्ध रिज मैदान और मॉल रोड पर बर्फ के सफेद फाहे गिर रहे हैं, जिससे यहां का दृश्य बेहद खूबसूरत बन गया है। बाहरी राज्यों से उमड़े पर्यटक बर्फबारी का लुत्फ उठा रहे हैं। इसके अलावा शिमला से सटे पर्यटन स्थल कुफरी और नारकण्डा में भी हल्की बर्फबारी हो रही है। यह बर्फबारी पर्यटकों के लिए एक शानदार तोहफा साबित हो रही है क्योंकि यहां आने वाले सैलानियों के चेहरे खुशी से चमक रहे हैं।

शिमला में बर्फबारी के बाद पर्यटकों का तांता लगना शुरू हो गया है और वे बर्फबारी के इस मनोरम दृश्य का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचे हैं। शिमला में विंटर सीजन की ये दूसरी बर्फबारी है। इस बार शिमला में 15 दिनों के बाद दूसरी बार बर्फबारी हो रही है जिससे पर्यटकों को सर्दियों का भरपूर मजा लेने का मौका मिल रहा है।

यह बर्फबारी शिमला और आसपास के पर्यटन स्थलों के लिए एक बहुत अच्छा संकेत है क्योंकि इससे पर्यटन उद्योग को संजीवनी मिलती है। खासकर दिसंबर के महीने में बर्फबारी का मौसम पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र होता है। शिमला के होटल, रिसॉर्ट्स और अन्य आवासीय सुविधाओं में इन दिनों जबरदस्त बुकिंग हो रही है। यहां क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों के दौरान पर्यटकों की संख्या में और भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस समय शिमला में करीब 80 फीसदी होटल पहले ही सैलानियों से पैक हो चुके हैं।

शिमला की बर्फबारी न सिर्फ पर्यटकों के लिए एक खास अनुभव है, बल्कि यह स्थानीय व्यापारियों और होटलों के लिए भी एक अच्छा अवसर साबित हो रहा है। सैलानियों के आने से यहां के होटल व्यवसाय और पर्यटन से जुड़े अन्य उद्योगों को मजबूती मिल रही है। बर्फबारी के कारण शिमला और आसपास के क्षेत्रों में पर्यटकों की आमद बढ़ने से रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो रहा है।

मैदानी इलाकों में अगले तीन दिन शीतलहर और कोहरे की चेतावनी

मौसम विभाग ने राज्य के मैदानी व मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में अगले तीन दिन यानी 24 से 26 दिसम्बर तक शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस अवधि में मंडी और बिलासपुर जिलों के मैदानी स्थानों पर घने कोहरे का येलो अलर्ट रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को राज्य के छह शहरों का न्यूनतम तापमान माइनस में रिकार्ड किया गया। लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम पारा -10.2 डिग्री सेल्सियस रहा। यह राज्य में सबसे ठंडा स्थल रहा। लाहौल स्पीति, किन्नौर और कुल्लू के ऊंचे इलाकों में पारा गिरने से झीलों, झरनों, नालों व अन्य प्राकृतिक जलस्रोतों का पानी जम गया है। समाधो में पारा -5.3 डिग्री, कुकुमसेरी में -3.7 डिग्री, कल्पा में -2.5 डिग्री, रिकांगपिओ में -0.4 डिग्री, कुफ़री में 0.7 डिग्री, बजुआरा में 0.9 डिग्री, भुंतर में 1 डिग्री, सोलन में 1.3 डिग्री, पालमपुर में 1.5 डिग्री, सुंदरनगर में 1.7 डिग्री, मनाली में 1.8 डिग्री, ऊना में 2.4 डिग्री, सियोबाग में 2.5 डिग्री, बरठीं में 2.8 डिग्री, भरमौर में 2.9 डिग्री, सराहन व हमीरपुर व चम्बा में 3.3 डिग्री व शिमला में 3.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

सामाजिक और परिवहन प्रभाव

ठंड के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। खुले में काम करने वाले मजदूरों और गरीब वर्ग के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। रेलवे और हवाई यातायात पर भी कोहरे का असर पड़ा है। कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं, और कुछ उड़ानों को रद्द करना पड़ा है।

सरकार की तैयारी

दिल्ली सरकार ने रैन बसेरों में व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। जरूरतमंद लोगों को कंबल और गर्म कपड़े वितरित किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाव के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।

अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2-3 दिनों तक शीत लहर का प्रकोप जारी रहेगा। कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश और तेज हवाओं के चलते ठंड और बढ़ सकती है। लोगों को घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनने और स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी गई है। उत्तर भारत में ठंड का यह मौसम जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। लोग गर्म पेय पदार्थों और हीटर का सहारा लेकर ठंड का मुकाबला कर रहे हैं।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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