Prime Minister Narendra Modi degree controversy: दिल्ली यूनिवर्सिटी किसे दिखाएगा PM नरेन्द्र मोदी की डिग्री? HC में किया खुलासा; सुनवाई में हुआ ‘अजनबी’ का जिक्र

Prime Minister Narendra Modi degree controversy: दिल्ली यूनिवर्सिटी किसे दिखाएगा PM नरेन्द्र मोदी की डिग्री? HC में किया खुलासा; सुनवाई में हुआ ‘अजनबी’ का जिक्र

Authored By: JP Yadav

Published On: Thursday, February 27, 2025

Updated On: Thursday, February 27, 2025

PM नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद: HC में दिल्ली यूनिवर्सिटी का खुलासा
PM नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद: HC में दिल्ली यूनिवर्सिटी का खुलासा

Prime Minister Narendra Modi degree controversy: दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पक्ष रखते हुए तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी कोर्ट को डिग्री दिखा सकती है, लेकिन किसी अजनबी को डिग्री नहीं दिखाई जा सकती है.

Authored By: JP Yadav

Updated On: Thursday, February 27, 2025

Prime Minister Narendra Modi degree controversy: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को लेकर विवाद फिर चर्चा में आ गया है. केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में फिर सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि वो कोर्ट को डिग्री दिखा सकता है, लेकिन किसी अजनबी को नहीं. इसके साथ ही जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

अजनबी को डिग्री दिखाने पर एतराज

हिंदुस्थान समाचार एजेंसी के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने हैरानी इस बात पर भी जताई कि एक ऐसे व्यक्ति से डिग्री मांगी जा रही है जो देश का प्रधानमंत्री है. उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रत्येक वर्ष की डिग्रियों का रजिस्टर मेंटेंन करती है.

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क्या है याचिकाकर्ता का तर्क

दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि सूचना के अधिकार (Right To Information) के तहत किसी छात्र को डिग्री देना एक सार्वजनिक कार्य है ना कि निजी कार्य. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील शादान फरासत का तर्क था कि RTI कानून के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी एक सार्वजनिक प्राधिकार है. जाहिर है कि ऐसे में सूचना मांगने वाले की नीयत के आधार पर किसी की डिग्री की सूचना देने से इन्कार नहीं किया जा सकता है.

क्या है दिल्ली विश्वविद्यालय का तर्क

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपना पक्ष रखते हुए हाई कोर्ट से कहा था कि RTI दाखिल करना पेशा बन गया है. वहीं, DU की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि सवाल यह है कि क्या कोई भी आरटीआई दाखिल कर दूसरों की डिग्री मांग कर सकता है. उन्होंने अपना तर्क दिया कि कोई तीसरा पक्ष यह नहीं कह सकता कि उसे किसी की निजी जानकारी सिर्फ इसलिए चाहिए क्योंकि वह जिज्ञासु है. उन्होंने कहा कि किसी की डिग्री एक निजी जानकारी है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.

कौन हैं नीरज शर्मा, जिन्होंने मांगी है डिग्री की जानकारी

दिल्ली विश्वविद्यालय से मोदी की डिग्रियों की जानकारी आम आदमी पार्टी से जुड़े नीरज शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी है. वहीं, DU ने इसे निजी जानकारी बताते हुए साझा करने से इन्कार किया है. इस पर नीरज शर्मा ने केंद्रीय सतर्कता आयोग का रुख किया, जिसने दिल्ली विश्वविद्यालय की सूचना अधिकारी मीनाक्षी सहाय पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. वह हाई कोर्ट याचिका दायर की यही मांग कर चुके हैं.

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About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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