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Canada New PM Mark Carney: कौन हैं कनाडा के नए प्रधानमंत्री एवं जस्टिन ट्रूडो के उत्तराधिकारी मार्क कार्नी
Canada New PM Mark Carney: कौन हैं कनाडा के नए प्रधानमंत्री एवं जस्टिन ट्रूडो के उत्तराधिकारी मार्क कार्नी
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Monday, March 10, 2025
Updated On: Monday, March 10, 2025
कनाडा को आज नया प्रधानमंत्री मिल गया है. निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जनवरी में इस्तीफा दिया था. आज मार्क कार्नी को उनका उत्तराधिकारी चुन लिया गया. कल कनाडा की सत्ताधारी लिबरल पार्टी के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के लिए मतदान किया. इसमें कार्नी को 80 फीसदी से ज्यादा वोट मिला.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Monday, March 10, 2025
हाईलाइट
- मार्क कार्नी, जस्टिन ट्रूडो के बाद कनाडा के नए प्रधानमंत्री एवं वहां की लिबरल पार्टी के नेता बने.
- कार्नी गोल्डमैन सैक्स के पूर्व कार्यकारी हैं. वे बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के प्रमुख रहे हैं.
- नए प्रधानमंत्री कार्नी को ट्रंप का आलोचक माना जाता है. यानी हाल के दिनों में कनाडा-अमेरिका संबंध सुधरने वाला नहीं है.
- कार्नी ऐसे समय प्रधानमंत्री बने हैं, जब कनाडा के सामने कई समस्याएं मुंह बाये खड़ी है.
Canada New PM Mark Carney: करीब दो महीने के इंतजार के बाद कनाडा को निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का उत्तराधिकारी मिल गया. 59 वर्षीय मार्क कार्नी कनाडा के नए प्रधानमंत्री होंगे. ट्रूडो के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री के रेस में लिबरल पार्टी के कई नेता थे. कार्नी उन सभी नेताओं को पछाड़ते हुए प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं. इनके कार्यकाल में कनाडा-भारत संबंध के साथ-साथ कनाडा-अमेरिका संबंध पर भी लोगों की नजर रहेगी.
अमेरिका के साथ कनाडा के चल रहे तनाव के बीच कनाडा में सत्ता परिवर्तन अहम माना जा रहा है लेकिन पूर्व में कार्नी और ट्रंप के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं. पूर्व में कार्नी अक्सर डोनाल्ड ट्रंप का उपहास किया करते थे. यहां तक कि एक बार उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलना हैरी पॉटर के खलनायक लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट से भी कर दी थी.
कल हुआ मतदान
कल 9 मार्च को सत्ताधारी लिबरल पार्टी के सदस्यों ने नया नेता चुनने के लिए मतदान किया. इस मतदान में कार्नी को 80 प्रतिशत से ज्यादा मत मिला. जिसके बाद वे जस्टिन ट्रूडो के उत्तराधिकारी चुने गए. साथ ही वे लिबरल पार्टी के नेता बने. नए प्रधानमंत्री कार्नी के सामने कई चुनौतियां हैं. जिससे उन्हें निपटते हुए, इसी साल होने वाले आम चुनाव में अपनी पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी भी होगी।
कनाडा में इसी साल होंगे आम चुनाव
कनाडा में इसी साल आम चुनाव होने वाला है. यह अक्टूबर में किसी भी समय हो सकता है. आम चुनाव में लिबरल पार्टी का मुकाबला विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के साथ होगा. यानी कार्नी का मुकाबला कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिएवर से होगा. जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में पियरे पोलिएवर की लोकप्रियता काफी बढ़ी थी. कार्नी को इस चुनौती का भी सामना करना होगा.
कौन हैं मार्क कार्नी
मार्क कार्नी का जन्म 16 मार्च 1965 को नॉर्थ वेस्ट टेरिटरीज के फोर्ट स्मिथ में हुआ था. उनका पालन-पोषण एडमॉन्टन, अल्बर्टा में हुआ. इन्होंने 1988 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री ली. उनके बाद ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है. कार्नी अच्छे खिलाड़ी भी रहे हैं. वे हार्वर्ड में आइस हॉकी खिलाड़ी थे. वहां वे बैकअप गोलकीपर रहे हैं. वहीं ऑक्सफोर्ड में वे विश्वविद्यालय के आइस हॉकी क्लब के सह-कप्तान थे. कार्नी के पास तीन देशों कनाडाई, ब्रिटिश और आयरिश की नागरिकता है.
बैंकर रहे हैं कार्नी
मार्क कार्नी गोल्डमैन सैक्स के कार्यकारी रहे हैं। 2003 में वे बैंक ऑफ कनाडा के डिप्टी गवर्नर नियुक्त हुए थे. इसके पहले उन्होंने लंदन, टोक्यो, न्यूयॉर्क और टोरंटो में 13 साल तक काम किया. 2007 में कार्नी बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर बने. गवर्नर रहते उन्होंने कनाडा को 2008 आर्थिक संकट के सबसे बुरे दौर से निकालने और ब्रेक्जिट को प्रबंधित करने में मदद किया था. इसके लगभग पांच वर्षों के बाद (2012 में) कार्नी को बैंक ऑफ इंग्लैंड का गवर्नर बनाया गया था. बैंक ऑफ इंग्लैंड (इसकी स्थापना 1694 से) में इस पद पर सेवा देने वाले कार्नी पहले विदेशी थे. 2020 में बैंक ऑफ इंग्लैंड छोड़ने के बाद उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के रूप में कार्य किया.
कार्नी की चुनौतियां
कार्नी ऐसे समय सत्ता संभाल रहे हैं, जब कनाडा के सामने कई बड़ी समस्याएं खड़ी हैं. जनवरी में ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापस आने के बाद से ही अमेरिका-कनाडा संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. कनाडा-अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध छिड़ा हुआ है. प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने के बाद उन्होंने कहा भी कि कनाडा अंधेरे, काले दिनों का सामना कर रहा है. यह एक ऐसे देश द्वारा लाया गया है, जिस पर हम अब भरोसा नहीं कर सकते. टैरिफ पर उन्होंने कहा, ‘जब तक अमेरिकी हमें सम्मान नहीं देते, तब तक वे अमेरिकी आयातों पर टैरिफ को यथावत रखेंगे.’