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विदेश से मेडिकल की पढ़ाई (Medical Studies) के नए खतरे!
विदेश से मेडिकल की पढ़ाई (Medical Studies) के नए खतरे!
Authored By: ओम दत्त
Published On: Saturday, June 22, 2024
Updated On: Wednesday, November 27, 2024
विदेश से मेडिकल डिग्री धारक डाक्टरों के लिये देश में प्रैक्टिस करने के लिये पंजीकरण कराना हुआ मुश्किल, जानिए एनएमसी (NMC) द्वारा क्या है नया आदेश...
Authored By: ओम दत्त
Updated On: Wednesday, November 27, 2024
भारत में डॉक्टर बनने की राह हुई कठिन: विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स (Foreign Medical Graduates) के लिए नए मानदंड
शनल मेडिकल कमीशन (NMC) यानी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा आयोग के पंजीकरण के लिये जारी आदेश ने विदेश से एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने वाले डाक्टरों के लिए अब देश में प्रैक्टिस करने की मान्यता पाना मुश्किल बना दिया है।
विदेशी मेडिकल कॉलेजों से स्नातक डिग्री पाने वालों के लिये नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी नये नोटिफिकेशन के अनुसार ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों के सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं दी जाएगी, साथ ही भारत में डॉक्टर बनने के लिए पहले एग्जाम और फिर 2 साल की इंटर्नशिप को क्लियर करना होगा।
विभिन्न एफएमजी (FMG) और मेडिकल संगठनों ने इस नए एफएमजीई इंटर्नशिप नियम 2024 के खिलाफ आवाज उठाई है और इसे लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
विस्तार से जानिये क्या है विदेशी मेडिकल स्टूडेंट्स के लिये नियम और क्या हुआ है इसमें बदलाव
MBBS की पढ़ाई कर Foreign Medical Graduates के लिये भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए पहले नियम था कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल सर्विसेज द्वारा आयोजित Foreign Medical Graduate examination यानी (FMGE) को पास करना पड़ता है। यह स्क्रीनिंग परीक्षा पास करने के बाद ही उन्हें प्रॉविजनल मेडिकल रजिस्ट्रेशन दिया जाता है। इसके बाद इंटर्नशिप करनी पड़ती है जो एक साल की होती थी। लेकिन रूस यूक्रेन युद्ध या फिर कोविड 19 के कारण नेशनल मेडिकल कमीशन ने 28 जुलाई, 2022 को एक नोटिस जारी कर कहा कि जिन FMG’S की पढ़ाई में बाधा पहुची है उनके लिये दो साल की इंटर्नशिप करना अनिवार्य होगा।
अब 7 जून, 2024 को एनएमसी के अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) ने फिर से एक सार्वजनिक सूचना जारी की है जिसमें कहा गया कि अब से ऑफलाइन प्रैक्टिकल या क्लीनिकल ट्रेनिंग की जगह ऑनलाइन क्लासेज द्वारा विदेश में अपने मूल संस्थानों से प्राप्त प्रतिपूरक प्रमाणपत्रों (Compensatory Certificates) को अब से स्वीकार नहीं किया जायेगा।
साथ ही एनएमसी ने एफएमजीई के लिए 2 साल की इंटर्नशिप की घोषणा की है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।