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बांग्लादेशी हिंदुओं को ब्रिटेन के सांसदों का मिला समर्थन, यूनुस सरकार के खिलाफ कार्रवाई का किया आह्वान
बांग्लादेशी हिंदुओं को ब्रिटेन के सांसदों का मिला समर्थन, यूनुस सरकार के खिलाफ कार्रवाई का किया आह्वान
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Friday, July 11, 2025
Last Updated On: Friday, July 11, 2025
ब्रिटेन के कई प्रमुख राजनेताओं ने बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की दुर्दशा पर प्रकाश डाला है तथा प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार से एक्शन की मांग की है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाए, क्योंकि वह दक्षिण एशियाई देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में नाकाम रही है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Friday, July 11, 2025
Bangladeshi Hindus: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है और बांग्लादेश में पुलिस और सेना मूकदर्शक बनी हुई है. ऐसे में ब्रिटेन के कई प्रमुख राजनेता, पूर्व और वर्तमान सांसद, मानवाधिकार कार्यकर्ता और विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाए. गौरतलब है कि 21 सितंबर से 31 दिसंबर 2024 के बीच 174, 1 जनवरी से 30 जून 2025 के बीच 258 घटनाएं दर्ज की गई.
ब्रिटेन के कई प्रमुख राजनेता, पूर्व और वर्तमान सांसद, मानवाधिकार कार्यकर्ता और विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाए, क्योंकि वह दक्षिण एशियाई देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में नाकाम रही है.
हिंदुओं के खिलाफ 2,010 हिंसक घटनाएं
कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश (सीएफओबी) की ओर से आयोजित एक सेमिनार में, इस बात पर प्रकाश डाला गया कि जब यूनुस ने शेख हसीना की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई अवामी लीग सरकार के हटने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला, तब (5 अगस्त से 20 सितंबर, 2024 के बीच) हिंदुओं के खिलाफ 2,010 हिंसक घटनाएं हुईं.
कई पत्रकारों को जेल में डाला
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी रही और 21 सितंबर से 31 दिसंबर 2024 के बीच 174, 1 जनवरी से 30 जून 2025 के बीच 258 घटनाएं दर्ज की गई. बताया गया कि, बांग्लादेश में पुलिस और सेना मूकदर्शक बनी हुई है. पिछले 11 महीनों में यूनुस की ‘गैर-जिम्मेदार, अपारदर्शी, गैर-निर्वाचित सरकार’ ने 168 पत्रकारों का पंजीकरण रद्द कर दिया और 43 पत्रकारों को जेल में डाल दिया.
शांति और सद्भाव की अपील
सेमिनार की शुरुआत सीएफओबी अध्यक्ष अंजेनारा रहमान-हक ने की और इसकी अध्यक्षता हैरो ईस्ट के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने की, जो 1922 समिति के अध्यक्ष, 2024 से बैकबेंच बिजनेस कमेटी के अध्यक्ष और कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश (सीएफओबी) के संसदीय अध्यक्ष भी हैं. वक्ताओं ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यक बांग्लादेश के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता में योगदान करते हैं और राजनीति में उनका आनुपातिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए ताकि अल्पसंख्यक न्याय, शांति और सद्भाव की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकें.
“हिंदू दहशत में जी रहे हैं”
ब्रिटेन के यूनाइटेड हिंदू अलायंस के हराधन भौमिक ने कहा कि हिंदू दहशत में जी रहे हैं. वे घर पर चैन से सो नहीं सकते, क्योंकि उन्हें नहीं पता है कि कल क्या होगा. उन्होंने कहा कि 26 जून को मुरादनगर में एक हिंदू महिला के साथ कुमिला के एक स्थानीय राजनेता ने बलात्कार किया और उसके नग्न शरीर के वीडियो दुनिया भर में सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए.
ब्रिटेन के बौद्ध समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए बैरिस्टर प्रशांत बरुआ ने बांग्लादेश में समाज के कट्टरपंथ के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की और मलेशिया में 36 बांग्लादेशी चरमपंथियों की गिरफ्तारी का भी उल्लेख किया.
ढाका में हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) के गुर्गों की आवाजाही, बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों की बढ़ती मौजूदगी का संकेत देती है और यूनुस सरकार उनके खिलाफ कोई गंभीर कार्रवाई नहीं कर रही है. बरुआ ने चटगांव हिल ट्रैक्स में स्थानीय लोगों पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर अपनी आशंकाएं भी व्यक्त कीं.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)