चीन की मिलिट्री मेडिकल यूनिवर्सिटी का बड़ा खुलासा, सात साल के अध्ययन में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Published On: Friday, August 1, 2025
Last Updated On: Friday, August 1, 2025
Healthचीन की मिलिट्री मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने करीब 90 हजार लोगों की नींद की आदतों पर 7 साल तक गहराई से रिसर्च की और चौंकाने वाला खुलासा किया. इस अध्ययन में सामने आया कि नींद की मात्र अवधि नहीं, बल्कि उसका समय, निरंतरता और गहराई, तीनों ही सेहत के लिए बेहद अहम हैं.
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Last Updated On: Friday, August 1, 2025
Sleep Disturbances Health Risk:अभी तक हम यही मानते रहे हैं कि रोज़ाना 7-8 घंटे सो लेना सेहत के लिए काफी है, मगर ताज़ा रिसर्च ने इस सोच को बदल दिया है. चीन की मिलिट्री मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने करीब 90 हजार लोगों की नींद की आदतों का सात साल तक गहराई से अध्ययन किया. इस शोध में साफ हुआ कि नींद का सिर्फ घंटों का हिसाब नहीं, बल्कि उसकी नियमितता और गुणवत्ता भी उतनी ही ज़रूरी है.
नींद क्यों है जरूरी?
- रिसर्च के मुताबिक, जो लोग रोज़ एक तय समय पर सोते और जागते नहीं हैं, रात में कई बार नींद से उठ जाते हैं या कभी बहुत कम, तो कभी बहुत ज़्यादा सोते हैं उन पर दिल की बीमारियों, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मानसिक रोगों का खतरा ज़्यादा मंडराता है.
- नींद के दौरान शरीर कई अहम काम करता है. कोशिकाओं की मरम्मत होती है, हार्मोन का संतुलन बनता है और दिमाग़ दिनभर की थकान से उबरता है. अगर नींद बार-बार टूटे या सोने-जागने का समय हर दिन बदलता रहे, तो शरीर में सूजन बढ़ती है, इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है और गंभीर बीमारियाँ जन्म लेने लगती हैं.
- शोध के वरिष्ठ लेखक प्रो. शेंगफेंग वांग बताते हैं कि अच्छी नींद का मतलब सिर्फ 7-8 घंटे सोना नहीं है, बल्कि रोज़ लगभग एक ही समय पर सोना और उठना और नींद के दौरान बार-बार न जागना भी ज़रूरी है. नींद की यह रिदम यानी सर्केडियन रिदम शरीर के दिल, दिमाग़, हार्मोन और पाचन तंत्र तक असर डालती है.
क्यों टूटती है नींद?
विशेषज्ञ बताते हैं कि देर रात मोबाइल-टीवी देखना, तनाव, अनियमित दिनचर्या, शाम के बाद चाय-कॉफी या शराब का सेवन ये सब नींद को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.
सिर्फ घंटे नहीं, ये बातें भी जरूरी
नींद गहरी हो, बिना बार-बार टूटे और हर दिन एक जैसा सोने-जागने का समय हो तभी सेहत अच्छी रहती है. रिसर्च में पता चला कि जो लोग ऐसा करते हैं, उनमें बीमारियों का खतरा कम होता है, मन भी शांत रहता है और दिनभर शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.
क्या करें ?
शोधकर्ताओं ने आसान उपाय बताए हैं-
- सोने-जागने का वक्त तय करें, छुट्टी के दिन भी.
- सोने से आधा घंटा पहले मोबाइल, टीवी, लैपटॉप से दूरी.
- सोने का कमरा ठंडा, शांत और हल्की रोशनी वाला रखें.
- शाम के बाद चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक न पिएँ.
- ध्यान, प्राणायाम या हल्की स्ट्रेचिंग से दिमाग़ को शांत करें.
नींद को प्राथमिकता दें
रिसर्च कहती है कि अगर हम नींद को भी उतनी ही अहमियत दें, जितनी हम डाइट और एक्सरसाइज को देते हैं, तो न सिर्फ थकान और तनाव कम होगा, बल्कि दिल, दिमाग़ और शरीर भी स्वस्थ रहेंगे.
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