Bhadrapada 2025: भाद्रपद में कौन से देवता पूजे जाते हैं

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, August 5, 2025

Last Updated On: Tuesday, August 5, 2025

Bhadrapada 2025 में पूजे जाने वाले देवता – भगवान गणेश, श्रीकृष्ण और ऋषियों की पूजा की तस्वीर.
Bhadrapada 2025 में पूजे जाने वाले देवता – भगवान गणेश, श्रीकृष्ण और ऋषियों की पूजा की तस्वीर.

Bhadrapada 2025 : प्रत्येक हिंदी माह विशिष्ट देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना को समर्पित होता है. जिस तरह से श्रावण शिवजी की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, ठीक उसी तरह भाद्रपद माह में कौन से देवता पूजे जाते हैं?

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Tuesday, August 5, 2025

हिंदू पंचांग में प्रत्येक माह विशिष्ट देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना को समर्पित होता है. (Bhadrapada 2025) इन देवताओं की आराधना के लिए त्योहार और अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं. अभी श्रावण का माह है, जो भगवान शिव को समर्पित है. इसी तरह भाद्रपद माह भगवान कृष्ण और भगवान गणेश से जुड़ा हुआ माना जाता है.

भाद्रपद में जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी (Janmashtami & Ganesh Chaturthi in Bhadrapada)

भाद्रपद हिंदू पंचांग का छठा महीना है. यह आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त और सितंबर महीने के समय होता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाद्रपद पवित्र व्रत और भक्ति के लिए विशेष महीना है. भाद्रपद या भादो के नाम से प्रसिद्ध यह महीना जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी मनाए जाने के कारण विशिष्ट है.

कब से कब तक है भाद्रपद (Bhadrapada Month 2025 Date)

  • इस वर्ष भाद्रपद शनिवार, 23 अगस्त 2025 से शुरू होगा. यह सोमवार, 22 सितंबर 2025 को समाप्त होगा.
  • हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्र माह हर साल महालया अमावस्या तिथि के साथ समाप्त होता है.

भाद्रपद माह में किस देवता की होती है पूजा (Worshipping in Bhadrapada)

हिंदू पंचांग के एक महीने में मुख्य रूप से भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है. भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु की विशिष्ट पूजा की जाती है. इस अवसर पर श्रीविष्णु के सत्यनारायण रूप में पूजा होती है. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली कृष्ण जन्माष्टमी भी भाद्रपद महीने में आती है. देवी राधा की भी इस माह में पूजा की जाती है. खासकर उत्तर भारत में राधा अष्टमी मनाई जाती है.

  • भगवान विष्णु : भाद्रपद पूर्णिमा में भगवान विष्णु की ध्यान-अराधना की जाती है. मान्यता है कि इससे शांति, समृद्धि आती है और पापों का नाश होता है.
  • भगवान कृष्ण : भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद का प्रमुख त्योहार है. भक्त उनके सम्मान में व्रत रखते हैं और अनुष्ठानों में भाग लेते हैं.
  • देवी राधा: राधा का जन्मोत्सव राधा अष्टमी भी भाद्रपद में मनाई जाती है, यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है.

भादो में कैसे करें ईश्वर की अराधना (How to worship God)

पौराणिक कथा के अनुसार, भाद्रपद पर किसी तरह की विशिष्ट पूजा नहीं की जाती है. भाद्र पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजा की जाती है. भक्तगणों को सुबह जल्दी उठकर गंगा या नर्मदा नदी में स्नान करना चाहिए. घर में सुबह सत्यनारायण पूजा की जाती है. भक्त भगवान को पंचामृत और फल का भोग लगाते हैं. सत्यनारायण पूजा के बाद सत्यनारायण कथा कही जाती है. भगवान शिव, ब्रह्मा, विष्णु और लक्ष्मीजी की पवित्र कथाओं का भी पाठ किया जाता है. भक्तगण उपवास रखकर केवल फल और दूध का सेवन करते हैं. वे इस दिन अनाज, दाल और नमक का सेवन करने से परहेज करते हैं. भाद्रपद पूर्णिमा महामृत्युंजय हवन के लिए भी आदर्श दिन है. यह जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता और बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए किया जाता है.

विशिष्ट महीनों में कौन से देवता पूजे जाते हैं

महीना पूज्य देवी-देवता
चैत्र सूर्य देव, भगवान राम, हनुमानजी और माता दुर्गा की पूजा की जाती है. इसी महीने में चैत्र नवरात्रि भी मनाई जाती है.
वैशाख भगवान नरसिंह, भगवान परशुराम, मां गंगा, चित्रगुप्त और विष्णु के कूर्मावतार की पूजा की जाती है.
ज्येष्ठ गंगा माता, धूमावती, गायत्री माता और शनि देव की पूजा की जाती है.
आषाढ़ भगवान विष्णु, विशेष रूप से वामन की पूजा की जाती है. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है.
श्रावण यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और शिव भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है.
कार्तिक दीपों का त्योहार दिवाली और सूर्य देव को पूजने का त्योहार छठ भी इसी महीने मनाया जाता है.
माघ माघ में शिव और पार्वती को पूजने के लिए महाशिवरात्रि मनाई जाती है.

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।


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