विट्ठलभाई पटेल के बहाने अमित शाह ने कही ये बात, विधायी कार्यों को संवेदनशीलता को सभी के सामने रखा

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, August 25, 2025

Last Updated On: Monday, August 25, 2025

अमित शाह का बयान विट्ठलभाई पटेल के बहाने
अमित शाह का बयान विट्ठलभाई पटेल के बहाने

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने देश के पूर्व स्वतंत्रता सेनानी और पहले निर्वाचित केंद्रीय विधानसभा अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल (Vitthalbhai Patel) के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने विधायी कार्यों की संवेदनशीलता और उसकी गंभीरता को पूरे समाज के सामने रखा था. अमित शाह ने कहा कि विट्ठलभाई पटेल ने भारतीय लोकतंत्र (Democracy in India) को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. उनके कार्यकाल में विधायिका की गरिमा और प्रक्रियाओं को जिस तरीके से स्थापित किया गया, वह आज भी सभी जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणा है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Monday, August 25, 2025

Amit Shah statement on Vitthalbhai Patel: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय विधानसभा अध्यक्ष सम्मेलन (All India Assembly Speaker’s Conference) का शुभारंभ किया. यह आयोजन स्वतंत्रता सेनानी विट्ठलभाई पटेल (Vitthalbhai Patel) के केन्द्रीय विधानसभा के पहले निर्वाचित भारतीय स्पीकर बनने के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया गया.

इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेंन रिजिजू, दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. सम्मेलन में विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा विधान परिषदों के सभापति एवं उपसभापति भाग ले रहे हैं.

आज ही के दिन हुई थी देश के विधायी इतिहास की शुरुआत

अमित शाह (Amit Shah) ने दिल्ली विधानसभा में आयोजित अखिल भारतीय विधानसभा अध्यक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन भारत के विधायी इतिहास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इसी दिन महान स्वतंत्रता सेनानी विट्ठलभाई पटेल को केन्द्रीय विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया था और यहीं से भारतीयों द्वारा हमारे विधायी इतिहास की औपचारिक शुरुआत हुई थी. अमित शाह ने कहा कि इस सदन में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कई महान नेता विधायक के रूप में जुड़े रहे और उन्होंने अपने विचारों से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी. उन्होंने उल्लेख किया कि महामना मदन मोहन मालवीय लगभग 20 वर्षों तक इस सदन के सदस्य रहे.

गृह मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के गुरु गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय और देशबंधु चितरंजन दास जैसे महान विभूतियों ने इस सदन में अपने प्रभावशाली वक्तव्यों के माध्यम से जनता की स्वतंत्रता की उत्कंठा और आजादी की आकांक्षा को शब्दों में व्यक्त किया.

विधानसभाओं की लाइब्रेरी में हो स्वतंत्रता सेनानियों के भाषणों का संकलन

अमित शाह ने रविवार को दिल्ली विधानसभा में आयोजित अखिल भारतीय विधानसभा अध्यक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा का इतिहास देश की आज़ादी के आंदोलन से जुड़ा हुआ है. इस सदन ने स्वतंत्रता की भावना जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस सदन में महान नेताओं द्वारा दिए गए सभी भाषणों का संकलन तैयार कर देश की सभी विधानसभाओं की लाइब्रेरी में उपलब्ध कराया जाए, ताकि आज की पीढ़ी और विधायक यह जान सकें कि स्वतंत्रता की चेतना किस प्रकार यहां से प्रस्फुटित हुई थी.

अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा द्वारा आयोजित विट्ठलभाई पटेल के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि ऐसी प्रदर्शनी देश की सभी विधानसभाओं में आयोजित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे न केवल विट्ठलभाई पटेल के जीवन और योगदान की जानकारी मिलेगी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से भी युवा और विधायकों को प्रेरणा प्राप्त होगी.

विट्ठलभाई पटेल ने रखी भारत की विधायी परंपराओं की नींव

अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी विट्ठलभाई पटेल ने भारत की विधायी परंपराओं की मजबूत नींव रखकर आज के लोकतंत्र को सशक्त बनाने का कार्य किया. भारतीय विचारों पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद रखने का श्रेय निस्संदेह वीर विट्ठलभाई पटेल को जाता है. उन्होंने कई ऐसी परंपराएँ स्थापित कीं, जो आज भी विधानसभाओं के कार्य संचालन और सभापति के दायित्वों के लिए ज्योतिर्मय दीपक की तरह मार्गदर्शन कर रही हैं.

गृह मंत्री ने कहा कि विट्ठलभाई पटेल कई कठिन परिस्थितियों से गुजरे, लेकिन हर परीक्षा में शत-प्रतिशत सफल हुए. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की गरिमा को कभी कम नहीं होने दिया, न ही सदन को जनता की आवाज दबाने दिया और न ही अंग्रेजों की मानसिकता को विधानसभा के कार्यों पर हावी होने दिया.

अमित शाह ने आगे कहा कि विट्ठलभाई पटेल के कार्यकाल में ही केन्द्र और राज्यों में विधायी विभाग तथा विधानसभा सचिवालय की स्थापना हुई. उनकी यह टिप्पणी आज भी प्रासंगिक है कि कोई भी विधानसभा चुनी हुई सरकारों के अधीन काम नहीं कर सकती. विधानसभा को स्वतंत्र होना चाहिए, तभी बहस की सार्थकता बनी रहती है.

सभापति को मिला संस्था का दर्जा, निष्पक्षता और न्याय लोकतंत्र की रीढ़

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत में सभापति को एक संस्था का दर्जा दिया गया है. सदन में सबसे कठिन भूमिका सभापति की होती है, क्योंकि वे किसी राजनीतिक दल से चुनकर आते हैं, लेकिन शपथ लेने के बाद वे निष्पक्ष अंपायर की भूमिका में आ जाते हैं. अमित शाह ने कहा कि संविधान लागू होने के 75 वर्षों में देशभर की विधानसभाओं और लोकसभा के सभापतियों ने हमेशा सदन की गरिमा को ऊँचाई दी है. निष्पक्षता और न्याय वे दो स्तंभ हैं, जिन पर अध्यक्ष की गरिमा टिकी रहती है. सभापति को एक ओर सदन का अभिभावक माना जाता है, तो दूसरी ओर वह जनता का सेवक भी होता है.

गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने लगभग 80 वर्षों में लोकतंत्र की नींव को पाताल तक गहरा किया है. यह सिद्ध हो चुका है कि भारतीय जनता की रग-रग और स्वभाव में लोकतंत्र बसता है. उन्होंने कहा कि कई देशों ने लोकतांत्रिक शासन से शुरुआत की, लेकिन कुछ दशकों में वहाँ अन्य प्रणालियाँ हावी हो गईं. जबकि भारत में आजादी के बाद सत्ता में अनेक परिवर्तन हुए, मगर हर बार शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण हुआ, क्योंकि हमने विधायी प्रक्रिया को संरक्षित और समयानुकूल परिवर्तित किया.

अमित शाह ने कहा कि विधानसभाओं में किसान की फसल से लेकर युवाओं के सपनों तक, महिला सशक्तिकरण से लेकर समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण तक, राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर देश की एकता-अखंडता तक हर विषय पर व्यापक चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही में विवेक, विचार और विधान पर बल देना जरूरी है. विवेक से विचार, और विचारों से विधान बनता है, जिसका अंतिम उद्देश्य जनकल्याण और सर्वसमावेशी विकास है.



About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है


Leave A Comment

अन्य राज्य खबरें