बिना शेयर बेचे अपने डीमैट अकाउंट से साल में कमाएं 12 फीसदी का शानदार रिटर्न

Authored By: Suman

Published On: Sunday, August 24, 2025

Last Updated On: Sunday, August 24, 2025

डीमैट अकाउंट से बिना शेयर बेचे 12% सालाना रिटर्न कमाने का तरीका
डीमैट अकाउंट से बिना शेयर बेचे 12% सालाना रिटर्न कमाने का तरीका

स्टॉक लेंडिंग ऐंड बॉरोइंग मेकैनिज्म (SLBM) में आप को न तो एक भी शेयर बेचने हैं न उसकी ट्रेडिंग करनी है, लेकिन घर बैठे आपको हर महीने 1 फीसदी या सालाना 12 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है.

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Last Updated On: Sunday, August 24, 2025

अगर आप को अपने डीमैट अकाउंट (demat account returns) में लॉन्ग टर्म के​ लिए पड़े शेयर बेचे बिना ही कमाई हो जाए तो कैसा लगेगा. शेयर बाजार में लगाताार अनूठे प्रोडक्ट आ रहे हैं. ऐसा ही एक प्रोडक्ट आया है स्टॉक लेंडिंग ऐंड बॉरोइंग मेकैनिज्म (SLBM) का. इसमें आप को न तो एक भी शेयर बेचने हैं न उसकी ट्रेडिंग करनी है, लेकिन घर बैठे आपको हर महीने 1 फीसदी या सालाना 12 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है.

यह तरीका पूरी तरह से लीगल है और सेबी द्वारा मान्य है. जीरोधा Zerodha, एचडीएफसी सिक्योरिटीज, एसबीआई सिक्योरिटीज जैसे ब्रोकर एसएलबीएम सेवाएं दे रहे हैं. इन ब्रोकर के ऐप के जरिये आप मिनटों में ऐसी सेवाएं ले सकते हैं. यह तरीका अभी बहुत लोकप्रिय नहीं हो पाया है क्योंकि बहुत से निवेशकों को इसकी जानकारी ही नहीं है. यह शेयर बाजार से पैसिव इनकम हासिल करने का एक तरीका है.

कैसे काम करता है सिस्टम

एसएलबीएम के तहत आपका ब्रोकर आपके शेयरों को किसी शॉर्ट सेलर या ट्रेडर को लेंड करता है यानी उधार दे देता है. इसके बदले आपको हर महीने आधा से एक फीसदी लेडिंग फीस मिलती है. इस तरह आपको सालाना 12 फीसदी का शानदार रिटर्न बैठे-बिठाए यानी बिना शेयर बेचे या ट्रेडिंग किए मिल जाते हैं.

सबसे अच्छी बात यह है कि आपके शेयरों का स्वामित्व बना रहता है यानी आप अपने शेयरों के मालिक बने रहते हैं. आपके शेयर बस कुछ समय के लिए किसी को उधार दिए जाते हैं. आपको ​इन शेयरों पर डिविडेंड और अन्य सुविधाएं मिलती रहती हैं. शेयरों की कीमत में भी बाजार के अनुरूप बदलाव होता रहता है.

अब मान लीजिए कि आपने अपने करीब एक लाख रुपये के शेयर एसएलबीएम के तहत लेंड कर दिए तो आपको इस पर आपको हर महीने 1 हजार रुपये और पूरे साल में 12 हजार रुपये तक का रिटर्न मिल सकता है. आपको कितना रिटर्न मिलेगा और कितने अवधि तक शेयर लेंडिंग करनी है यह टर्म पहले ही तय हो जाता है.

इसके लिए उधार लेने वाले को कैश या सिक्योरिटीज के रूप में जमानत भी देनी पड़ती है. बॉरोअर इस तरह से उधार लिया हुआ शेयर शॉर्ट सेलिंग करके मुनाफा कमाता है और ड्यू डेट से पहले फिर सस्ते में उतने ही शेयर खरीदकर लेंडर को वापस कर देता है.

इस पर नेशनल सिक्योरिटीज क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (NSCCL) की गारंटी होती है और वह एसएलबी लेनदेन के लिए गारंटर का काम करता है. इसमें सेबी के नियम के मुताबिक अधिकतम 12 महीने तक के लिए ही शेयर उधार दिए जा सकते हैं. इस सुविधा को सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग कहते हैं यानी आप चाहें तो किसी और निवेशक के शेयर उधार भी ले सकते हैं. अक्सर इसमें लॉन्ग टर्म के लिए शेयर रखने वाले निवेशक अपने शेयर लेडिंग करते हैं यानी उधार देते हैं और शॉर्ट सेलिंग वाले निवेशक शेयर बॉरो करते हैं यानी उधार लेते हैं.

क्या सभी शेयर लेंडिंग कर सकते हैं

नहीं, सभी शेयरों की लेंडिंग या बॉरोइंग नहीं की जा सकती. अक्सर एफऐंडओ सेगमेंट के शेयर इस तरह की सुविधा के लिए उपलब्ध होते हैं. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हर महीने ऐसे शेयरों की लि​स्ट जारी करता है जिसकी लेंडिंग की जा सकती है. यह सूची आप एनएसई की वेबसाइट पर देख सकते हैं.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार और निवेश संबंधी खबरें सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी जाती हैं. इसे निवेश सलाह नहीं मानना चाहिए. ​किसी भी तरह के निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड किसी सलाहकार की राय जरूर लें.)



About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।


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