निपाह वायरस (Nipah Virus) संक्रमण के कारण केरल में एक किशोर की मौत, कैसे किया जा सकता है इस वायरस से बचाव

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, July 23, 2024

Last Updated On: Tuesday, July 23, 2024

Nipah Virus
Nipah Virus

केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus) से संक्रमित एक बच्चे की मौत हो गई है। भारत में इस साल निपाह से यह पहली मौत हुई है। इसका टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण इसके प्रति सतर्क रहना बहुत जरूरी है। चमगादड़ और सूअर से फैलने वाला यह वायरस जानलेवा भी हो सकता है। जानते हैं इसके कारण शरीर में दिखाई देने वाले लक्षण और उपचार के बारे में।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Tuesday, July 23, 2024

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केरल के मल्ल्पुरम अस्पताल में जिस निपाह वायरस (Nipah Virus) संक्रमित बच्चे का इलाज चल रहा था, उसकी मौत (Deadly Nipah) हो गई है। वह वेंटिलेटर पर था। इस साल भारत में निपाह वायरस संक्रमण (Nipah Virus Infection in India) के कारण होने वाली यह पहली मौत थी। दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने के कारण उसकी मौत हो गई। किशोर के संपर्क में 246 लोग थे, जिसमें 63 लोग हाई रिस्क पर हैं। इन लोगों को क्वैरेन्टाइन किया जा रहा है। क्या यह वायरस इतना खतरनाक (Deadly Nipah) है कि लोगों की जान ले सकता है? इस बारे में क्या कहता है वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन?

आइये अब जानते हैं निपाह वायरस के बारे में (Nipah virus)

सबसे पहले यह वर्ष 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह स्थान पर इस वायरस का पता चला था। इसी स्थान के नाम पर इसका नाम निपाह वायरस पड़ा। यह एक प्रकार के चमगादड़ फ्रूट बैट (Fruit Bat) से फैलता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है। इसका अब तक टीका (Nipah Vaccine) उपलब्ध नहीं है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, निपाह वायरस (NIV) एक जूनोटिक वायरस (Zoonotic Virus) है। यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। दूषित भोजन या सीधे संक्रमण से भी यह लोगों के बीच फ़ैल सकता है। यह सांस की बीमारी और घातक एन्सेफलाइटिस (Encephalitis) जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है।

संक्रमित होने पर ये हो सकते हैं लक्षण(Nipah Symptoms)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, संक्रमित लोगों में शुरू में बुखार, उल्टी और गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। सिरदर्द(Headache), मांसपेशियों में दर्द (Muscular Pain) भी हो सकता है। इनके अलावा, चक्कर आना, नींद नहीं आना, और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम (Neurological Problems) भी हो सकते हैं। एन्सेफलाइटिस, सांस लेने में बहुत अधिक दिक्कत सहित असामान्य निमोनिया भी हो सकता है। जिन्हें तीव्र इन्सेफलाइटिस होता है, उनमें नर्वस सिस्टम संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

क्या हो सकता है उपचार (Treatment)

निपाह वायरस संक्रमण के लिए अभी कोई विशिष्ट दवा या टीका (Nipah Vaccine) उपलब्ध नहीं है। हालांकि डब्ल्यूएचओ (WHO) ने निपाह को प्राथमिक बीमारी के रूप में पहचाना है। गंभीर श्वसन और तंत्रिका संबंधी जटिलताओं के इलाज के लिए गहन देखभाल की जरूरत पर बल दिया जाता है।

निपाह वायरस से बचाव के उपाय (Prevention)

  • निपाह वायरस से बचाव ही एकमात्र उपचार है। यदि किसी भी तरह के संक्रमण का संदेह होता है, तो व्यक्ति को तुरंत क्वारंटाइन किया जाना चाहिए। लोगों में संचरण के जोखिम को कम करने के लिए संक्रमित जानवरों को मारना, शवों को दफनाने या जलाने में भी कड़ी निगरानी जरूरी है।
  • निपाह वायरस फल पर रहने वाले चमगादड़ या सूअर से फ़ैल सकता है। इसलिए इनसे बचाव करना जरूरी है।
  • टीके के अभाव में लोगों में संक्रमण से बचाव का एकमात्र तरीका जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। लोगों को निपाह वायरस के जोखिम को कम करने के उपायों के बारे में शिक्षित करना है।
  • संचरण को रोकने के प्रयासों में सबसे पहले खजूर के रस और अन्य ताजे खाद्य उत्पादों तक चमगादड़ की पहुंच को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। फलों को सेवन करने से पहले अच्छी तरह से धोकर और छील लेना चाहिए। चमगादड़ के काटने के निशान वाले फलों को फेंक देना चाहिए।
  • पशु-से-मानव संचरण के जोखिम को कम करना।
  • संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
  • निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के साथ असुरक्षित शारीरिक संपर्क से बचना चाहिए। बीमार लोगों की देखभाल करने या उनसे मिलने के बाद नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए।
About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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