‘Delhi Crime season 3’ की रिलीज डेट की घोषणा, Shefali Shah ने कहा- ‘यह दिवाली का पटाखा…’
Authored By: Galgotias Times Bureau
Published On: Saturday, October 18, 2025
Updated On: Saturday, October 18, 2025
शेफाली शाह ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में दिवाली के प्रति अपने प्यार और इसे अपना पसंदीदा त्योहार बताया. उन्होंने कहा कि इस बार दिवाली उनके लिए और खास है क्योंकि इसी दौरान ‘दिल्ली क्राइम सीजन 3’ रिलीज हो रहा है. उन्होंने इसे एक पटाखा जैसा सरप्राइज कहा.
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Updated On: Saturday, October 18, 2025
Delhi Crime season 3: त्योहारों का मौसम शेफाली शाह के लिए खास बन गया है. दिवाली से ठीक पहले उन्होंने अपने लोकप्रिय शो ‘दिल्ली क्राइम सीजन 3‘ अगले महीने आने की घोषणा की है. शेफाली इसे ‘ईश्वरीय कृपा’ मानती हैं और कहती हैं, ‘ऐसा लग रहा है जैसे यह दिवाली का पटाखा हो. ‘ उन्होंने बताया कि लोग लगातार पूछ रहे थे कि अगला सीजन कब आ रहा है, और उनके लिए इस राज को छुपाना मुश्किल था. अब जब रिलीज डेट सामने आ गई है, तो वह इसे एक लंबे दिवाली उत्सव की शुरुआत मानती हैं जो दर्शकों के साथ लंबे समय तक चलेगा.
शेफाली शाह के लिए दिवाली बचपन की यादों और खुशियों से भरा त्योहार है
शेफाली शाह के लिए दिवाली हमेशा मस्ती, पुरानी यादों और उत्साह से भरा समय होता है. वह बताती हैं, ‘दिवाली के दौरान मुझमें बच्चों जैसा जोश होता है. सच कहूँ तो मैं अपने बच्चों से भी ज़्यादा एक्साइटेड हो जाती हूँ, वह मुस्कुराते हुए कहती हैं, ‘यह मेरा पसंदीदा त्योहार है, जिसका मैं हर साल इंतज़ार करती हूँ. ‘
त्योहार की हर रस्म उनके लिए खास मायने रखती है. वह कहती हैं, ‘मुझे पूजा करना, घर सजाना, सबका एक साथ आना बहुत अच्छा लगता है. दिवाली की रात हमारे सभी करीबी लोग मिलते हैं, सजते-संवरते हैं और साथ में खाना खाते हैं, यही असली त्योहार है. ‘
अपने बचपन की दिवाली याद करते हुए शेफाली कहती हैं, ‘बचपन में दिवाली बहुत बड़ी बात होती थी. हम नए पर्दे लगवाते थे, सुबह-सुबह पटाखों की खुशबू से जाग जाते थे. मेरी माँ लक्ष्मी जी की रंगोली बनाती थीं और मैं उनके साथ पूरी रात जागती थी. अगर कोई उसे बिगाड़ देता था तो मुझे बहुत गुस्सा आता था. उस समय का माहौल ही दिवाली का असली एहसास था. ‘
शेफाली शाह के लिए दिवाली मतलब प्यार, रोशनी और देने की खुशी
शेफाली शाह के लिए दिवाली सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि प्यार और आत्मस्वीकृति का त्योहार भी है. वह कहती हैं, ‘मेरे जीवन की सबसे बड़ी रोशनी हमेशा मेरे परिवार और पालतू कुत्ते रहेंगे, मेरे पति विपुल अमृतलाल शाह, मेरे बच्चे और मेरे पिल्ले, लेकिन इस बार मैंने खुद को भी उस रोशनी में शामिल किया है. हम दूसरों के प्रति जितने दयालु होते हैं, उतने खुद के लिए नहीं होते. मैंने इसे बदलने की कोशिश की है और इससे मैं और मजबूत बनी हूँ. ‘
शेफाली को दिवाली पर सबसे ज्यादा खुशी उपहार देने से मिलती है. वह बताती हैं, ‘मुझे गिफ्ट देना बहुत पसंद है, लेकिन मैं खुद जाकर हर गिफ्ट चुनती हूँ. इस साल मैं मुंबई के क्रॉफर्ड मार्केट गई, धूल और गर्मी झेली, लेकिन हर चीज खुद चुनी, घर आकर पैक की और एक प्यारे नोट के साथ भेजी. ‘ हंसते हुए वह कहती हैं, ‘मुझे तो गिफ्ट देना अच्छा लगता है, लेकिन शायद अब दूसरों को बताने का समय आ गया है कि वे भी मुझे गिफ्ट देना शुरू करें’
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