लिवर कैंसर से बचना चाहते हैं? बेंगलुरु के लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन ने बताए 6 आसान लाइफस्टाइल टिप्स

Authored By: Galgotias Times Bureau

Published On: Monday, November 3, 2025

Last Updated On: Monday, November 3, 2025

बेंगलुरु के लिवर सर्जन ने लिवर कैंसर से बचने के लिए 6 आसान लाइफस्टाइल टिप्स बताए.
बेंगलुरु के लिवर सर्जन ने लिवर कैंसर से बचने के लिए 6 आसान लाइफस्टाइल टिप्स बताए.

डॉ. बसंत का कहना है कि भारत में लिवर कैंसर के बढ़ते मामलों की बड़ी वजह खराब जीवनशैली है. वे लोगों को सलाह देते हैं कि अगर वे लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो अपनी रोज़मर्रा की आदतों में सुधार करें और कुछ ज़रूरी हेल्दी लाइफस्टाइल टिप्स को अपनाएँ.

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Prevent Liver Cancer Tips: लिवर कैंसर भारत में तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन गया है, लेकिन अब भी इस पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना अन्य बीमारियों पर दिया जाता है. लिवर हमारे शरीर का एक बेहद जरूरी अंग है, जो शरीर को डिटॉक्स करने, मेटाबॉलिज़्म को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन अस्वास्थ्यकर खानपान, मोटापा, शराब का सेवन और हेपेटाइटिस बी व सी जैसी बीमारियों के कारण यह अंग लगातार खतरे में रहता है.

एचटी लाइफस्टाइल से बातचीत में बेंगलुरु के एचसीजी कैंसर सेंटर के लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. बसंत महादेवप्पा ने बताया कि लिवर कैंसर से बचाव के लिए 6 सरल जीवनशैली आदतें अपनाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘लिवर कैंसर के लक्षण देर से सामने आते हैं, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है. इससे लोग अपने और अपने परिवार के लिवर स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए सही निर्णय ले सकते हैं.’

हेपेटाइटिस से बचाव और टीकाकरण

डॉ. बसंत ने बताया कि हेपेटाइटिस बी का एक टीका लिवर कैंसर से बचाव के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच की तरह काम करता है. यह टीका सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत मुफ़्त उपलब्ध है और शिशुओं से लेकर वयस्कों तक सभी के लिए जरूरी है.

उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी और सी की जांच समय पर करवाने से बीमारी का जल्दी पता लगाया जा सकता है और इलाज से आगे होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है.

शराब का सेवन कम करें या पूरी तरह छोड़ दें

डॉ. बसंत का कहना है कि शराब लिवर के लिए एक धीमा जहर है, जो धीरे-धीरे उसे नुकसान पहुँचाती है और कैंसर का खतरा बढ़ाती है। वे बताते हैं कि कभी-कभार ज़्यादा शराब पीना भी लिवर पर दबाव डालता है और उसकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है.

उन्होंने सुझाव दिया कि पार्टी या समारोह में शराब की जगह नींबू पानी या नारियल पानी लें, यह न सिर्फ़ ताजगी देता है, बल्कि लिवर के लिए भी सुरक्षित और फायदेमंद है.

स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखें

डॉ. बसंत के अनुसार, अधिक वजन लिवर पर अतिरिक्त बोझ डालता है, जिससे फैटी लिवर और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि फाइबर से भरपूर भोजन, जैसे बाजरा, ओट्स, पालक और गाजर, शरीर में चर्बी कम करने में मदद करते हैं.

उन्होंने सुझाव दिया कि मीठे पेय और तले हुए खाने की जगह हल्के नाश्ते, जैसे फ्रूट चाट या भुने हुए मखाने खाएँ. साथ ही रोज़ाना टहलना या योग करना, जैसे सूर्य नमस्कार, न सिर्फ़ वजन घटाने में मदद करता है बल्कि मन को भी ताजगी देता है.

एफ्लाटॉक्सिन से बचाव करें

डॉ. बसंत के अनुसार, एफ्लाटॉक्सिन एक जहरीला फफूंद होता है, जो अक्सर मूंगफली या मक्का जैसे अनाजों में तब बनता है जब उन्हें ठीक से नहीं रखा जाता. यह फफूंद लिवर को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है.

उन्होंने बताया कि अनाज को सूखी और हवादार जगह पर, बंद डिब्बों में रखें और हमेशा विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदें। खाना पकाने से पहले अगर फफूंद की गंध या रंग में बदलाव लगे, तो उसे इस्तेमाल न करें। उन्होंने कहा, ‘थोड़ी सी सावधानी आपके परिवार की थाली को सुरक्षित बना सकती है और लिवर को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकती है.’

धूम्रपान छोड़ें और जहरीले रसायनों से बचें

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के मुताबिक, धूम्रपान चाहे बीड़ी हो या सिगरेट, हर कश लिवर को नुकसान पहुँचाता है. इसे छोड़ना आसान नहीं, लेकिन पूरी तरह मुमकिन है.

डॉ. बसंत सलाह देते हैं कि कठोर क्लीनर या कीटनाशकों जैसे रसायनों से दूरी रखें, जो अक्सर घरों में इस्तेमाल होते हैं. ये धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुँचा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘धूम्रपान-मुक्त और रसायन-मुक्त घर बच्चों के लिए सबसे अच्छा तोहफ़ा है, जो उन्हें साफ़ हवा और स्वस्थ लिवर दोनों देता है.’

नियमित स्वास्थ्य जांच और लिवर स्क्रीनिंग जरूरी है

डॉ. बसंत का कहना है कि समय पर जांच जान बचा सकती है. वे बताते हैं कि हर साल लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए, जैसा कि एनपीसीडीसीएस (राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम) में सुझाया गया है.

जिन परिवारों में हेपेटाइटिस या शराब के सेवन का इतिहास है, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.
डॉ. बसंत कहते हैं, ‘जाँच को एक पारिवारिक आदत बना लें. एक छोटा सा ब्लड टेस्ट वो सब दिखा सकता है जो बाहर से नजर नहीं आता, ताकि लिवर चुपचाप और ठीक से काम करता रहे.’

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