Somvati Amavasya 2024 : हर मनोकामना को पूर्ण करा सकती है सोमवती अमावस्या के अवसर पर की जाने वाली पूजा-अर्चना

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, August 28, 2024

Last Updated On: Wednesday, August 28, 2024

Somvati Amavasya 2024
Somvati Amavasya 2024

Somvati Amavasya 2024 : सोमवती अमावस्या के अवसर पर शिव-पार्वती की पूजा करने से नकारात्मक विचारों का नाश होता है और मन शांत होता है। ऐसा माना जाता है कि इस अवसर पर की गई पूजा-अर्चना हर मनोकामना की पूर्ति में सहायक बनती है। सोमवती अमावस्या आगामी 2 सितंबर को है।

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Last Updated On: Wednesday, August 28, 2024

हर दिन का अपना महत्व है। जिस तरह जीवन के लिए प्रकाश और अंधकार दोनों जरूरी है, ठीक उसी तरह धर्म और अध्यात्म के लिए पूर्णिमा और अमावस्या दोनों की महत्ता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि यह अमावस्या जीवन की सभी समस्याओं को दूर कर देता है। इस अवसर पर किये गए दान का भी महत्व है। वैसे इस अवसर पर सभी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन भोले शिव शंकर के प्रति भक्तगण विशेष आस्था प्रकट करते हैं। आइये विस्तार से सोमवती अमावस्या के बारे में जानते हैं।

नकारात्मक विचारों का नाश

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024 ) का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह सोमवार को अमावस्या तिथि पर पड़ता है। सोमवती अमावस्या के अवसर पर भक्तगण सुबह पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इसके बाद व्रत और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव और पार्वती की पूजा करने से नकारात्मक विचारों का नाश, शांति की प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति जैसे लाभ मिलते हैं। कहते हैं कि इस पूजा से विवाहित स्त्री-पुरुष के जीवन से समस्या भी दूर हो जाती है।

पूजा, योग और साधना के लिए शुभ है सोमवती अमावस्या

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) के दिन स्नान करने का सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त है। यह सुबह 04:29 बजे से 05:15 बजे तक है। इसके बाद भक्त पूजा और दान कर सकते हैं। सोमवती अमावस्या के दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक है। इसे अभिजीत मुहूर्त भी कहा जाता है। इस वर्ष सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। सोमवती अमावस्या के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। शिव योग और सिद्ध योग। शिव योग सूर्योदय से शाम 6:20 बजे तक है। इसके बाद सिद्ध योग बनेगा, जो अगले दिन तक रहेगा। शिव योग को पूजा, योग, साधना और किसी भी कार्य के लिए की की जाने वाली मेहनत के लिए बढ़िया माना जाता है।

पितरों को संतुष्ट करने के लिए तर्पण

सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024 ) के दिन आप अपने पितरों को संतुष्ट करने के लिए तर्पण कर सकते हैं। इसमें मृत पूर्वजों की आत्मा को जल या अन्य चीजें अर्पित की जा सकती हैं। यह स्नान के बाद किया जाना चाहिए। पितरों के लिए तर्पण जल, सफेद फूल, काले तिल और कुशा से किया जाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि पितृ लोक में पानी की कमी होती है, इसलिए तर्पण करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं।



About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।


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