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Health Insurance policy: इन बातों का रखेंगे ध्यान तो हेल्थ पॉलिसी चुनना होगा आसान
Health Insurance policy: इन बातों का रखेंगे ध्यान तो हेल्थ पॉलिसी चुनना होगा आसान
Authored By: Suman
Published On: Sunday, April 20, 2025
Last Updated On: Sunday, April 20, 2025
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने का कोई मन बना ले तो उसके बाद उसका चुनाव कर पाना भी इतना आसान नहीं होता. सैकड़ों स्कीम और जटिल नियम-शर्तें कंफ्यूज कर देती हैं.
Authored By: Suman
Last Updated On: Sunday, April 20, 2025
Health Insurance Policy : हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना आज के समय में बहुत जरूरी है. इलाज के लिए खर्च लगातार महंगा होता जा रहा है ऐसे में बिना हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए किसी भी व्यक्ति के यह बजट में नहीं होता. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस लेने का कोई मन बना ले तो उसके बाद उसका चुनाव कर पाना भी इतना आसान नहीं होता. सैकड़ों स्कीम और जटिल नियम-शर्तें कंफ्यूज कर देती हैं. तो हम आपको ऐसी कुछ बेसिक जानकारियां दे रहे हैं जिनके आधार पर आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव आसानी से कर सकते हैं.
इंडिविजुअल और फैमिली फ्लोटर में क्या अंतर
इंडिविजिअुल इंश्योरेंस प्लान के तहत एक व्यक्ति के लिए सम इंश्योर्ड यानी हेल्थ कवर दिया जाता है. दूसरी तरफ, फैमिली फ्लोटर प्लान में आपके पूरे परिवार को हेल्थ कवर मिल सकता है. जैसे कि आपके साथ पति या पत्नी, बच्चों और डिपेंडेंट पेरेंट्स के लिए. आपको हमेशा इंडिविजुअल की जगह फैमिली फ्लोटर प्लान (family floater plan) को तरजीह देनी चाहिए. इस तरह के प्लान में एक सिंगल प्रीमियम में पूरे परिवार को कवर किया जाता है.
क्रिटिकल इलनेस प्लान
हार्ट अटैक, कैंसर, स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के लिए अलग से क्रिटकल इलनेस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (critical illness plan) होते हैं. ये आमतौर पर फिक्स बेनिफिट प्लान होते हैं. मतलब किसी गंभीर बीमारी के उपचार पर लगी पूरी रकम आपको प्लान के तहत मिल जाती है. इसको अक्सर लोग रेगुलर प्लान के साथ टॉप-अप के रूप में लेते हैं. इसका फायदा यह होता है कि कुछ अतिरिक्त मामूली प्रीमियम देकर आप गंभीर बीमारियों का प्रीमियम हासिल कर सकते हैं.
सुपर टॉप-अप या टॉप-अप प्लान
टॉप-अप या सुपर टॉप-अप प्लान (super top up health insurance) के जरिए आप अपने मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज में भारी बढ़त कर सकते हैं. मान लीजिए आपने पांच लाख रुपए का हेल्थ कवरेज लिया है और किसी साल में यह पूरा पांच लाख रुपया क्लेम करना पड़ा तो इसके बाद उस साल जो भी अतिरिक्त खर्च होगा यह आपको टॉप-अप या सुपर टॉप-अप कवरेज से मिल जाएगा.
खास बीमारियों के लिए प्लान
अब कुछ खास बीमारियों जैसे डेंगू, हॉर्ट की बीमारियों, कोविड आदि के लिए अलग से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान भी आने लगे हैं. किसी एक-दो बीमारी के लिए होने की वजह से ये प्लान काफी सस्ते होते हैं.
सीनियर सिटीजन के लिए प्लान
ऐसे प्लान 60 साल या उससे ऊपर के लोगों के व्यक्तियों के कवरेज के लिए आते हैं. इसमें वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों के लिए प्री एग्जिक्स्टिंग यानी पहले से मौजूद रोगों, ओपीडी कवरेज जैसी अतिरिक्त सुविधाएं शामिल होती हैं.
किस तरह से करें चुनाव?
सबसे पहले तो आप एक अच्छा फैमिली फ्लोटर प्लान चुनें. इसके साथ ही बजट हो तो आपको क्रिटिकल इलनेस प्लान और एक सुपर टॉप-अप प्लान भी लेना चाहिए. सही कवरेज चुनने का मतलब यह है कि भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों, डे केयर खर्चों, एम्बुलेंस, आपके परिवार में पहले से मौजूद बीमारियों आदि का कवरेज हो.
कितनी राशि का इंश्योरेंस पर्याप्त?
यह समझने के लिए यह देखना होगा कि आपका बजट कितने प्रीमियम के लिए है. साथ ही, इतना सम इंश्योर्ड होना चाहिए कि पूरे परिवार की एक साल की सभी हेल्थ संबंधी इमरजेंसी जरूरतों को पूरा कर सके.
राइडर का विकल्प चुनें
ज्यादातर प्लान में आपको राइडर या वैकल्पिक कवरेज का विकल्प दिया जाता है. यह कुछ मामूली अतिरिक्त प्रीमियम देकर आप ले सकते हैं. इससे आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की कवरेज थोड़ी व्यापक हो जाती है.पर्सनल एक्सीडेंट कवर, क्रिटिकल इलनेस राइडर, कैश बेनिफिट, मैटर्निटी एवं न्यू बोर्न बेबी कवर, ओपीडी (OPD) कवर ऐसे कुछ प्रमुख राइडर हैं.
इन बातों का रहे ध्यान
- बीमा कंपनी का नेटवर्क हॉस्पिटल कवरेज अच्छा होना चाहिए
- यह देखें कि बीमा कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो ऊंचा हो
- ऐसे प्लान चुनें जिनका प्री-एक्सिटिंग डिसीज के लिए वेटिंग पीरियड कम हो
- किसी प्रतिष्ठित बीमा कंपनी की पॉलिसी ही चुनें, सभी नियम-शर्तों को अच्छे से पढ़ लें
- यह भी देखें कि बीमा पॉलिसी वैक्सीनेशन और हेल्थ चेकअप के लिए कवर देती है या नही
- पॉलिसी के तहत भर्ती होने पर हर दिन का खर्च यानी डेली अलाउंस ज्यादा से ज्यादा मिल रहा हो
- हॉस्पिटलाइजेशन पर खर्च, एंबुलेस चार्ज, डे केयर, रूम रेंट, मैटर्निटी एक्सपेंस आदि कितना मिलेगा, यह जरूर देखें