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भारत 2028 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, मॉर्गन स्टेनली का दावा
भारत 2028 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, मॉर्गन स्टेनली का दावा
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, July 23, 2025
Last Updated On: Wednesday, July 23, 2025
दिग्गज इन्वेस्टमेंट कंपनी मॉर्गन स्टेनली की ओर से बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. साथ ही, 2035 तक अर्थव्यवस्था का आकार 10.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, July 23, 2025
India Third Largest Economy: भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर एक सकारात्मक पूर्वानुमान सामने आया है. दिग्गज इन्वेस्टमेंट फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, यदि राज्यों की नीतियां और प्रतिस्पर्धी संघवाद प्रभावशाली साबित होता है, तो भारत न केवल वैश्विक उत्पादन का केंद्र बन सकता है, बल्कि आने वाले वर्षों में प्रति व्यक्ति आय भी दोगुनी हो सकती है.
1 ट्रिलियन डॉलर की होगी 5 राज्यों की अर्थव्यवस्था
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में बताया गया कि यह अनुमान इस संभावना पर आधारित है कि 2030 और 2035 के बीच तीन से पांच राज्य (महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक) की अर्थव्यवस्था लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर की होगी और ये शीर्ष 20 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में रैंकिंग में अच्छा सुधार दिखाने वाले राज्य छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश हैं.
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, दुनिया की कुल जीडीपी वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी आने वाले दशक में करीब 20 प्रतिशत रहेगी. ऐसे में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आय वृद्धि के लिए देश काफी अहम बाजार है.
राज्यों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा
मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने कहा, “इस परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए, अन्य चीजों के अलावा, भारत के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. राज्य न केवल राजकोषीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि उपयुक्त नीतियां बनाकर और प्रोत्साहन देकर व्यावसायिक परिस्थितियों को आसान बनाते हैं. साथ ही, निवेश के लिए प्रतिस्पर्धा भी करते हैं.”
उनके पास अलग-अलग जनादेशों वाले स्वतंत्र राजनीतिक चक्र होते हैं जो विकास को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं और उन्हें उत्पादन के कारकों को नियंत्रित करने के लिए कानून द्वारा सशक्त बनाया जाता है.
तेज गति से बढ़ रही भारत की अर्थव्यवस्था
मार्गन स्टेनली के अनुसार, भारत 1990 में दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, जो 2000 में 13वें स्थान पर आ गई और 2020 में 9वें स्थान पर और 2023 में पांचवें स्थान पर पहुंच गई. 2029 में वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 4.5 प्रतिशत होने का अनुमान है. यह भारत के विकास के तीन परिदृश्यों का अनुमान लगाती है.
शेयर बाजार को भी मिलेगी मजबूती
रिपोर्ट में बताया गया, “भारत के प्रतिस्पर्धी संघवाद की सफलता यह तय करने में मदद करेगी कि क्या वह दुनिया के लिए एक कारखाना बनेगा, आने वाले सात वर्षों में अपनी प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करेगा और क्या शेयर बाजार अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखेगा.”
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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