Share Market: सावधान! इस हफ्ते शेयर बाजार में रह सकता है भारी उतार-चढ़ाव

Share Market: सावधान! इस हफ्ते शेयर बाजार में रह सकता है भारी उतार-चढ़ाव

Authored By: Suman

Published On: Monday, March 31, 2025

Updated On: Monday, March 31, 2025

भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव, निवेशकों की बढ़ी चिंता | स्टॉक मार्केट गिरावट का संकेत | बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी अपडेट
भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव, निवेशकों की बढ़ी चिंता | स्टॉक मार्केट गिरावट का संकेत | बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी अपडेट

Share Market: शेयर बाजार के लिए वित्त वर्ष 2025 का अंतिम महीना यानी मार्च इसके पिछले महीनों से बेहतर साबित हुआ है. लेकिन अप्रैल के पहले हफ्ते में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है.

Authored By: Suman

Updated On: Monday, March 31, 2025

Indian Share Market: भारतीय शेयर बाजार के लिए वित्त वर्ष 2025 का अंतिम महीना यानी मार्च इसके पिछले महीनों से बेहतर साबित हुआ है. लेकिन अप्रैल के पहले हफ्ते में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है. तमाम एक्सपर्ट इस हफ्ते शेयर बाजार में फूंक-फूंक कर कदम रखने की सलाह दे रहे हैं. सोमवार को ईद की वजह से भारतीय शेयर बाजार बंद है और मंगलवार को शेयर बाजार का पहला सत्र होगा.

बाजार को किस बात का डर

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) 2 अप्रैल यानी बुधवार से रेसिप्रोकल टैक्स (Reciprocal Tax) यानी बराबरी का शुल्क लगाने जा रहे हैं. अगर उन्होंने भारत सहित कई देशों के आयात पर भारी टैक्स लगा दिया तो वैश्विक कारोबार काफी उलट-पुलट जाएगा और दुनिया में ट्रेड वॉर की आशंका भी बढ़ जाएगी. उनके इस कदम पर विदेशी बाजारों का क्या रुख रहता है और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां किस तरह की रहती हैं, उसके आधार पर इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा भी तय होगी.

ट्रंप ने रविवार को कहा कि वह रेसिप्रोकल टैक्स सिर्फ 10-15 देशों पर ही नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों पर लगाएंगे. ट्रंप का कहना है कि दुनिया के देश उनके सामान के निर्यात पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं इसलिए वह भी उनसे होने वाले आयात पर रेसिप्रोकल यानी जवाबी या बराबरी का टैक्स लगाएंगे.

ट्रंप का जो भी फैसला होगा उसका बाजारों पर भारी असर होगा और उसकी वजह से उतार-चढ़ाव होगा. अगर रेसिप्रोकल टैक्स ऐलान के मुताबिक लगा तब तो बाजारों में भारी गिरावट की आशंका है. लेकिन अगर इस रेसिप्रोकल टैक्स पर बाजार कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दिखाता तो विदेशी निवेशकों का भी प्रवाह जारी रह सकता है.

इस हफ्ते भारतीय बाजार में भी कई अहम आंकड़े आएंगे. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के ​लिए परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई (PMI) के आंकड़े आएंगे. इन आंकड़ों पर निवेशकों की नजर तो होगी. इसके अलावा रुपये और कच्चे तेल की कीमतों का भी बाजार पर असर हो सकता है.

मार्च में बाजार में तेजी

भारतीय शेयर बाजार के लिए मार्च 2025 की बात करें तो यह जून 2024 के बाद से सबसे अच्छा महीना साबित हुआ है. मार्च में निफ्टी (NSE Nifty) 6.3 फीसदी चढ़ा, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 9.5 फीसदी और 7.84 फीसदी बढ़े, जो जून 2024 और नवंबर 2023 के बाद से उनकी सबसे मजबूत बढ़त है.

विदेशी निवेशकों का बढ़ा निवेश

भारतीय शेयर बाजार में तेजी के बीच विदेशी निवेशक लगातार खरीदारी कर रहे हैं. ताजा डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, बीते छह कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने करीब 31,000 करोड़ रुपये का निवेश शेयर बाजार में किया है. डिपॉजिटरी के डेटा के मुताबिक, मार्च में एफपीआई की खरीदारी बढ़ने के कारण कुल आउटफ्लो कम होकर 3,973 करोड़ रुपये हो गया है.

एफपीआई के बड़ी मात्रा में निवेश करने की वजह शेयर बाजार का आकर्षक वैल्यूएशन, डॉलर के मुकाबले रुपये का मजबूत होना और अर्थव्यवस्था में तेजी आना है. एफपीआई की वापसी से भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी रिकवरी देखने को मिली है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार और निवेश संबंधी खबरें सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी जाती हैं. इसे निवेश सलाह नहीं मानना चाहिए. ​किसी भी तरह के निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड किसी सलाहकार की राय जरूर लें.)

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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