LIC ने क्यों दिए अडानी ग्रुप की इस कंपनी को 5 हजार करोड़ रुपये, क्या होगा फायदा

LIC ने क्यों दिए अडानी ग्रुप की इस कंपनी को 5 हजार करोड़ रुपये, क्या होगा फायदा

Authored By: Suman

Published On: Friday, May 30, 2025

Last Updated On: Friday, May 30, 2025

LIC investment in Adani Ports: 5,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड निवेश की बातचीत का प्रतिनिधित्व करती एक चित्र जिसमें दोनों कंपनियों के लोगो और पोर्ट का दृश्य है.
LIC investment in Adani Ports: 5,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड निवेश की बातचीत का प्रतिनिधित्व करती एक चित्र जिसमें दोनों कंपनियों के लोगो और पोर्ट का दृश्य है.

सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) ने अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड (APSEZ) को 5,000 करोड़ रुपये दिए हैं. कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल पुराने लोन चुकाने और कारोबार के विस्तार में करेगी.

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Last Updated On: Friday, May 30, 2025

LIC investment in Adani Ports: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) ने अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड (APSEZ) को 5,000 करोड़ रुपये दिए हैं.

असल में अडानी पोर्ट्स ने 5,000 करोड़ रुपये का नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) इश्यू जारी किया था, जिसे एलआईसी ने पूरा खरीद लिया है. इस बॉन्ड में निवेश करने का मतलब यह है कि अडानी को एलआईसी से एक तरह से लोन मिला है. इसके बदले एलआईसी को सालाना 7.75 फीसदी का ब्याज मिलेगा.

सस्ता लोन

अडानी पोर्ट्स निजी क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी पोर्ट ऑपरेटर है. कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल पुराने लोन चुकाने और कारोबार के विस्तार में करेगी. कंपनी को इसमें फायदा यह है कि उसे काफी कम ब्याज 7.75 फीसदी पर यह लोन मिल रहा है. बाजार के अन्य स्रोतों से उसे लोन काफी महंगा पड़ता.

अडानी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड ने गुरुवार को घरेलू पूंजी बाजार में 15 साल के लिए 5,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए थे. यह कंपनी का अब तक सबसे बड़ा बॉन्ड इश्यू है और उसने पहली बार 15 साल का बॉन्ड जारी किया है. इसके लिए सिर्फ एलआईसी ने बोली लगाई क्योंकि इसके लिए शायद दोनों पक्षों में पहले बातचीत हो गई थी.

काफी लंबी अवधि का बॉन्ड होने की वजह से शायद बैंक इसमें निवेश के लिए आकर्षित नहीं होते. अगर एलआईसी ने पूरा बॉन्ड नहीं खरीद लिया होता तो इसमें कुछ म्यूचुअल फंड निवेश कर सकते थे. आमतौर पर बॉन्ड मार्केट में 10 साल के बॉन्ड जारी किए जाते हैं. हालांकि यह रेट सरकारी प्रतिभूतियों के मुकाबले करीब सवा फीसदी ज्यादा है. शुक्रवार को बीएसई पर अडानी के शेयर करीब आधा फीसदी टूटकर 1432 रुपये के आसपास कारोबार कर रहे थे.

इसके पहले जनवरी 2024 में भी अडानी पोर्ट्स ने 10 साल के बॉन्ड के जरिये कैपिटल मार्केट से 250 करोड़ रुपये जुटाए थे. हालांकि तब उसने इसके लिए 8.80 फीसदी का ब्याज दिया था

सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के पास देश के करोड़ों बीमाधारकों के प्रीमियम के रूप में हजारों करोड़ रुपये जमा हैं जिसे वह शेयर बाजार, बॉन्ड और अन्य साधनों में लगाती रहती है. वित्त वर्ष 2025 में ही एलआईसी ने भारतीय बॉन्ड बाजार में करीब 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह इसके पिछले एक साल के मुकाबले करीब 30 फीसदी ज्यादा था.

अडानी पोर्ट्स देश में करीब 15 बंदरगाहों और टर्मिनल का संचालन करती है. इसके अलावा वह चार अंतरराष्ट्रीय पोर्ट-टर्मिनल का भी संचालन करती है.कंपनी की पूरे देश के कार्गो कारोबार में करीब 27 फीसदी हिस्सेदारी है और देश के कन्टेनर कार्गो हैंडलिंग में करीब 45 फीसदी की हिस्सेदारी है. कंपनी ने काफी महत्वाकांक्षी विस्तार योजना बनाई है.

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About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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