कैसे खुलता है NPS खाता, क्या हैं इसके फायदे

कैसे खुलता है NPS खाता, क्या हैं इसके फायदे

Authored By: Suman

Published On: Wednesday, March 26, 2025

Updated On: Wednesday, March 26, 2025

NPS खाता खोलने की प्रक्रिया और इसके फायदों की जानकारी, रुपये की गड्डी के साथ।
NPS खाता खोलने की प्रक्रिया और इसके फायदों की जानकारी, रुपये की गड्डी के साथ।

मार्च का यह हफ्ता टैक्स बचत के लिहाज से निवेश के लिए अंतिम मौका है. ऐसे में NPS की पूछ बढ़ गई है. पुरानी पेंशन योजना सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए थी. लेकिन नई पेंशन योजना सबके लिए लाई गई है.

Authored By: Suman

Updated On: Wednesday, March 26, 2025

National Pension System : मार्च का यह हफ्ता टैक्स बचत के लिहाज से निवेश के लिए अंतिम मौका है. ऐसे में नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS की पूछ-परख बढ़ गई है. असल में तमाम निवेश साधनों में पैसा लगाकर या होम लोन के इंट्रेस्ट के बदले आप तीन से चार लाख रुपये तक ही अपनी टैक्सेबल इनकम घटा पाते हैं, लेकिन एनपीएस में पैसा लगाकर एकमुश्त 50 हजार रुपये तक आपकी टैक्सेबल इनकम से कम हो जाते हैं. क्या है यह योजना, क्या हैं इसके फायदे आइए समझते हैं.

नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS असल में नई पेंशन योजना या न्‍यू पेंशन सिस्‍टम के नाम से भी लोकप्रिय है. पुरानी पेंशन स्‍कीम में कर्मचारियों को एक तय पेंशन मिलती है. कर्मचारी की अंतिम सैलरी के 50 फीसद के बराबर पेंशन दी जाती है. लेकिन नई नेशनल पेंशन स्‍कीम (NPS) में पेंशन राश‍ि कंट्रीब्‍यूटरी है. यानी सब्‍सक्राइबर हर महीने जितना योगदान करेगा उसके मुताबिक पेंशन बनेगी. साल 2004 में नई नेशनल पेंशन स्‍कीम लाई गई. सरकारी कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए सरकार उनके लिए 1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) लागू करने जा रही है. लेकिन निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए तो पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं होती. उनके लिए यह एनपीएस ही बुढ़ापे का सबसे बड़ा सहारा है.

टैक्स बचत का फायदा

एनपीएस के तहत सबसे प्रमुख फायदा टैक्स बचत का होता है. ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने वाले लोगों को इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत कुल मिलाकर 1.5 लाख रुपये टैक्सेबल इनकम में कटौती करने का मौका होता है. इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस, होम लोन के इंट्रेस्ट के जरिये भी दो से तीन लाख रुपये तक की बचत की जा सकती है. लेकिन एनपीएस के तहत अतिरिक्त बचत भी काफी आकर्षक है.

इनकम टैक्स की धारा 80CCD के तहत आप नेंशल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस के तहत आप 50 हजार रुपये का अतिरिक्त निवेश कर उसे अपनी टैक्सेबल इनकम से घटा सकते हैं.

किसके लिए है एनपीएस

पुरानी पेंशन योजना सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए थी. लेकिन नई पेंशन योजना सबके लिए लाई गई है. इसमें कोई भी व्‍यक्ति निवेश कर पेंशन का पात्र हो सकता है. यह लोगों में रिटायरमेंट के लिए बचत की आदत डालने की एक कोश‍िश है. एनपीएस के तहत किसी व्‍यक्ति की हर महीने की बचत को एक पेंशन फंड में जमा किया जाता है. फंड की रकम को फिर पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा शेयर बाजार, सरकारी बॉन्‍ड, बिल, कॉरपोरेट डिबेंचर जैसे कई साधनों में निवेश किया जाता है. इस फंड का प्रबंधन प्रोफेशनल फंड मैनेजर करते हैं.

NPS के मुताबिक किसी व्‍यक्ति के कामकाज वर्ष के दौरान जुटाए गए कुल धन का करीब 60 फीसद हिस्‍सा वह रिटायरमेंट के टाइम निकाल सकता है. लेकिन बाकी 40 फीसद हिस्‍सा उसे किसी एन्‍युइटी स्‍कीम (annuity scheme) में लगाना होता है. अगर किसी सब्‍सक्राइबर की बीच में ही मौत हो जाती है तो उसका पूरा फंड नॉमिनी या कानूनी वारिस को मिल जाता है.

इस स्‍कीम के जरिए ही व्‍यक्ति अपनी अंतिम सैलरी के अध‍िकतम 35 फीसदी के बराबर तक पेंशन पा सकता है. हालांकि, इस पेंशन की भी गारंटी नहीं होती, क्‍योंकि इसका रिटर्न बाजार यानी निवेश साधनों से जुड़ा होता है.

NPS में सब्सक्राइबर को कई तरह के निवेश विकल्‍प दिए जाते हैं. यानी वह यह चुन सकता है कि उसका पैसा कहां लगाया जाए. पेंशन निधि में कितनी बढ़त हो रही है? इसे वह मॉनिटर भी कर सकता है. अगर उसे संतुष्टि नहीं है तो वह एक विकल्‍प से दूसरे या एक फंड मैनेजर से दूसरे फंड मैनेजर का चुनाव भी कर सकता है. इसलिए इस सिस्टम को काफी लचीला माना जाता है. इस स्‍कीम में दो टियर का स्‍ट्रक्‍चर होता है.

टियर 1 अकाउंट: यह एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट होता है. सब्‍सक्राइबर द्वारा चुने गए पोर्टफोलियो और फंड मैनेजर के जरिए उसके निवेश का प्रबंधन होता है. यह अकाउंट सबके लिए अनिवार्य है. यानी जो भी NPS में सब्‍सक्राइब करेगा उसका सबसे पहले यही अकाउंट खोला जाएगा.

टियर 2 अकाउंट : यह एक स्‍वैच्छिक अकाउंट है, जिसमें से जरूरत पड़ने पर रकम निकाली जा सकती है. लेकिन यह अकाउंट तभी खुलता है, जब आपके पास पहले से कोई एक्टिव टियर 1 अकाउंट हो.

कैसे खुलता है खाता?

कोई भी व्‍यक्ति eNPS पोर्टल पर जाकर खाता खोल सकता है. इसके अलावा आप PFRDA द्वारा निर्धारित पॉइंट ऑफ प्रजेंश यानी POP सेंटर (बैंक आदि) के जरिए भी NPS खाता खोल सकते या सकती हैं. इसमें आप हर महीने नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड आदि के जरिए आसानी से अपने पेंशन फंड में योगदान कर सकते हैं. अगर आप निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं तो आपको अपने एचआर विभाग, अकाउंट ऑफिस या NPS के नोडल ऑफिस में संपर्क कर जानकारी लेनी चाहिए.

खाता खुलने के बाद आपको एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) दिया जाता है. यह एक यूनीक नंबर है जो जिंदगी भर रहता है. PRAN अकाउंट खुलने के बाद सब्‍सक्राइबर को एक ऑनलाइन लॉग-इन ID और पासवर्ड दिया जाता है. वह इस आईडी से ऑनलाइन अपने अकाउंट को मैनेज कर सकता है. एनपीएस का अकाउंट ब‍हुत ही सुविधाजनक बनाया गया है और आप नौकरी बदलें या स्‍थान इस अकाउंट पर कोई फर्क नहीं पड़ता, आप इसे नियमित रूप से बिना किसी झंझट के चलाते रह सकते हैं.

NPS Trust के फंड मैनेजर नियमित रूप से फंड के प्रदर्शन की मॉनिटरिंग करते रहते हैं. इस फंड को मैनेज करने की लागत बहुत कम है और इसमें आपको कम्‍पाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि बढ़त का फायदा मिलता है. इसलिए रिटायरमेंट तक एक अच्‍छी निध‍ि तैयार हो जाने की उम्‍मीद की जाती है. आप eNPS portal के जरिए अपने एनपीएस अकाउंट को ऑनलाइन भी मैनेज कर सकते हैं. आप अपना मंथली कंट्रीब्‍यूशन भी ऑनलाइन ही जमा कर सकते हैं.

कौन खोल सकता है खाता

खाता खोलने के लिए आवेदक की उम्र 18 से 70 साल तक होनी चाहिए. अकाउंट खोलने के लिए आपको नो योर कस्‍टमर नॉर्म (KYC) का पालन करना होगा. आप कम से कम 500 रुपए से खाता खोल सकते हैं. इसके बाद हर महीने कम से कम 500 या सालाना कम से कम 1000 रुपए का योगदान करना होता है.

कितना मिलता है रिटर्न

पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी PFRDA के आंकड़ों के मुताबिक नेशनल पेंशन सिस्टम का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1 मार्च 2025 तक 13.83 लाख करोड़ रुपये का था. NPS टियर वन इक्विटी स्कीम ने पिछले तीन साल में 10 से 14 फीसदी का रिटर्न दिया है. NPS टियर वन इक्विटी स्कीम में पिछले एक दशक में 9 से 12 फीसद का रिटर्न मिला है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार और निवेश संबंधी खबरें सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी जाती हैं. इसे निवेश सलाह नहीं मानना चाहिए. ​किसी भी तरह के निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड किसी सलाहकार की राय जरूर लें.)

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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