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रिजर्व बैंक ने रेपो दर में की आधा फीसदी की कटौती, EMI में आएगी भारी कमी
रिजर्व बैंक ने रेपो दर में की आधा फीसदी की कटौती, EMI में आएगी भारी कमी
Authored By: Suman
Published On: Friday, June 6, 2025
Last Updated On: Friday, June 6, 2025
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार को रेपो दर में 50 बेसिस पॉइंट यानी आधा फीसदी की कटौती का ऐलान किया.
Authored By: Suman
Last Updated On: Friday, June 6, 2025
RBI repo rate cut 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार को रेपो दर में 50 बेसिस पॉइंट यानी आधा फीसदी की कटौती का ऐलान किया. यह मध्यम वर्गीय लोगों के लिए काफी राहत की खबर है क्योंकि इससे होम लोन जैसे कई तरह के लोन की ईएमआई में काफी कमी अएगी.
इससे रेपो रेट अब 6 फीसदी से घटकर 5.5 फीसदी हो गई है. इसके अलावा एमपीसी ने कैश रिजर्व रेश्यो में 100 बेसिस पॉइंट यानी एक फीसदी की कटौती है. रिजर्व बैंक ने अपना रुख न्यूट्रल यानी तटस्थ रखते हुए महंगाई का टारगेट भी घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया है.
मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4 जून को शुरू हुई थी और आज इसके फैसलों का ऐलान किया गया. समिति ने लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती है. महंगाई पिछले कई महीनों से काफी नीचे और रिजर्व बैंक के टारगेट से कम थी इसकी वजह से ही रिजर्व बैंक को लगातार कटौती करने की सहूलियत मिली है. अप्रैल में खुदरा महंगाई महज 3.16 फीसदी रही.
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय बैंक ने जनवरी से अब तक सिस्टम में करीब 9.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी डाली है. उन्होंने बताया कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है और इससे करीब 11 महीने आगे का आयात किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि देश में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश घटकर 1.7 अरब डॉलर रह गया है.
रिजर्व बैंक ने पहले महंगाई 4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून सामान्य से बेहतर रहने की वजह से यह उम्मीद बनी है. हालांकि आगे इस पर ध्यान रखने की जरूरत होगी कि मौसम में किस तरह की अनिश्चितता रहती है. रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.5 पर ही बरकरार रखा है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि काफी तेजी से रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती के बाद अब मौद्रिक नीति में वृद्धि को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश रह गई है. एमपीसी ने साथ ही अपना रुख अकोमोडेटिव से न्यूट्रल कर दिया है. उन्होंने साथ ही कहा कि अब एमपीसी भविष्य की नीति तैयार करने के लिए आय के आंकड़ों और उभरते परिदृश्य का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी.
अधिकांश अर्थशास्त्रियों रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती का अनुमान लगाया था. हालांकि कुछ अर्थशास्त्रियों ने रेपो रेट में 50 बीपीएस की कटौती की मांग की थी.