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साइबर फ्रॉड रोकने के लिए SEBI उठाने जा रहा ये कदम, 1 अक्टूबर से लागू होगी नई व्यवस्था
साइबर फ्रॉड रोकने के लिए SEBI उठाने जा रहा ये कदम, 1 अक्टूबर से लागू होगी नई व्यवस्था
Authored By: Suman
Published On: Thursday, June 12, 2025
Last Updated On: Thursday, June 12, 2025
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) एक नया टूल लॉन्च करने जा रहा है जिससे किसी ट्रांजेक्शन में यूपीआई (Unified Payments Interface) का वेरिफिकेशन आसान हो जाएगा.
Authored By: Suman
Last Updated On: Thursday, June 12, 2025
SEBI New Guidelines 2025: शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, आईपीओ आदि में बढ़ते साइबर क्राइम के जोखिम को देखते हुए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) एक नया कदम उठाने जा रहा है. सेबी एक नया टूल लॉन्च करने जा रहा है जिससे सिक्योरिटी के लिए हुए किसी ट्रांजेक्शन में यूपीआई (Unified Payments Interface) का वेरिफिकेशन आसान हो जाएगा.
सेबी 1 अक्टूबर 2025 से नया सिस्टम लॉन्च कर रहा है जिससे निवेशक आसानी से यह पकड़ पाएंगे कि वे जिस इंटरमीडियरी के साथ लेनदेन कर रहे हैं वह सेबी के साथ रजिस्टर्ड है या नहीं.
क्या होगा बदलाव
इसके तहत सभी इंटरमीडियरीज को एक नया स्टेंडर्ड यूपीआई आईडी बनाना होगा जिससे पता चल जाएगा कि वह वैलिड यूपीआई है (जैसे कि @validhdfc)और इसके साथ ही उसमें एक ग्रीन ट्रायएंगल और थम्स अप (अंगूठे का) आइकन भी दिखेगा. इस तरह निवेशकों को इस बात की गारंटी मिल जाएगी कि वे जो पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं वह किसी वैध अकाउंट में ही जा रहा है.
सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि नए टूल से यूजर्स यह कन्फर्म कर पाएंगे कि कोई यूपीआई आईडी वास्तव में बैंक, ब्रोकर या अन्य वैध इंटरमिडियरी का है या नही. उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसा सिस्टम लाने जा रहे हैं जिससे यह जांच हो सकेगा कि कोई यूपीआई एड्रेस वैध है या नही. यह बहुत ही आसान होगा. इसे 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा.’
इससे निवेशक कोई रकम ट्रांसफर करने से पहले यह जान पाएंगे कि जिस यूपीआई हैंडल को वे यह रकम भेज रहे हैं वह सही है या नहीं. सेबी से रजिस्टर्ड किसी भी इकाई को इस नियम का पालन करना होगा जो किसी भी तरह से फंड जुटाते हैं.
करोड़ों निवेशकों को फायदा
पांडेय ने कहा, ‘साइबर फ्रॉड को लेकर लोगों में काफी चिंता है. हमें इसका कोई समाधान तलाशना है. हमारे पास 13 करोड़ निवेशक हैं और हमें सिक्योरिटी मार्केट में एक ऐसी व्यवस्था बनानी है जिसमें वे किसी ऐसे सिस्टम से निवेश कर सकें जिसमें उनको भरोसा हो कि वे सही जगह पैसा लगा रहे हैं.’
तो अगले एक अक्टूबर से सभी निवेश सलाहकार, रिसर्च एनालिस्ट, ब्रोकर आदि को नया यूपीआई आईडी अपनाना होगा. करीब 9,000 सेबी रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज को यह बदलाव करना होगा.
यह इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPOs), म्यूचुअल फंड जैसे निवेश प्लेटफॉर्म के लिए अनिवार्य सिक्योरिटी फीचर होगा. जानकारों का कहना है कि इससे निवेशकों को फिशिंग प्रयास जैसी किसी जालसाजी (Cyber Fraud) से बचाया जा सकेगा. इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा जिससे वे आसानी से यूपीआई लेनदेन के लिए तैयार होंगे.