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Share Market: 81 फीसदी शेयर 200 DMA से नीचे, क्या शेयर बाजार में आ रही मंदी
Share Market: 81 फीसदी शेयर 200 DMA से नीचे, क्या शेयर बाजार में आ रही मंदी
Authored By: Suman
Published On: Friday, February 14, 2025
Last Updated On: Friday, February 14, 2025
एक रिपोर्ट के अनुसार निफ्टी 500 इंडेक्स के 500 शेयरों में से 404 यानी करीब 81 फीसदी शेयर अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज (200 DMA) से नीचे चल रहे हैं. यही नहीं, एनएसई निफ्टी50 इंडेक्स (Nifty50) भी अपने 200 डीएमए से नीचे चल रहा है. क्या यह शेयर बाजार में लंबी मंदी का संकेत है?
Authored By: Suman
Last Updated On: Friday, February 14, 2025
Indian Share Market: भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने में लगातार कई सत्रों में गिरावट आई है. पिछले एक हफ्ते में शेयर बाजार लगातार लाल निशान में बद हुआ. अब एक रिपोर्ट आई है कि निफ्टी 500 इंडेक्स (Nifty500 Index) के 81 फीसदी शेयर अपने 200 डीएमए से नीचे चल रहे हैं, इसका क्या मतलब है? क्या यह शेयर बाजार में लंबी मंदी का संकेत है? आइए इसे समझते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार निफ्टी 500 इंडेक्स के 500 शेयरों में से 404 यानी करीब 81 फीसदी शेयर अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज (200 DMA) से नीचे चल रहे हैं. यही नहीं, एनएसई निफ्टी50 इंडेक्स (Nifty50) भी अपने 200 डीएमए से नीचे चल रहा है.
क्या है 200 डीएमए का मतलब
तकनीकी रूप से इसे शेयर बाजार में तेजी के या मंदी के प्रमुख संकेतक के रूप मे देखा जाता है. जब कोई शेयर या इंडेक्स अपने 200 डीएमए से नीचे चलता है तो बियरिश यानी मंदी का ट्रेंड माना जाता है. 200 दिन के मूविंग एवरेज को निकालने के लिए किसी शेयर के 200 दिन के क्लोजिंग प्राइस के एवरेज को निकाला जाता है. इससे यह पता चलता है कि पिछले 200 दिन में शेयर का पैटर्न किस तरह का रहा. 200 दिन में एवरेज देखने का मतलब यह है कि लॉन्ग टर्म में शेयर का बिहेवियर पता चल जाता है और लॉन्ग टर्म का औसत खराब रहने का मतलब यह है कि शेयर के आगे लंबे समय तक गिरावट के दौर में रहने की आशंका होती है.
गुरुवार को भी शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुए थे. गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 32.11 अंकों की गिरावट के साथ 76,138.97 पर बंद हुआ. इसी तरह एनएसई निफ्टी (NSE Nifty50) 13.85 अंकों की गिरावट के साथ 23,031.40 पर बंद हुआ. इसके बाद शुक्रवार को भी बाजार लाल निशान में रहे.
क्यों आ रही बाजार में गिरावट
कई देशों में जंग के माहौल से शेयर बाजार उबर भी नहीं पाए थे कि अमेरिका में ट्रंप सरकार के आने के बाद जो अनिश्चितता बनी उसका भी बाजारों पर भारी नेगेटिव असर पड़ा. जानकार कहते हैं कि दिसंबर की तीसरी तिमाही में कंपनियों की कमाई के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं और शेयरों का वैल्यूएशन भी ऊंचा है जिसकी वजह से इनमें कुछ गिरावट आ रही है. यही नहीं, आर्टिफिशल इंटेलीजेंस में बढ़ते दबदबे की वजह से अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई चीनी टेक कंपनियों की तरफ आकर्षित हुए हैं और भारतीय बाजार से निकासी कर रहे हैं.
शेयर बाजार में गिरावट के माहौल में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों (Midcap and Smallcap Shares) पर बिकवाली का दबाव बढ़ जाता है. शेयर बाजार के पिछले पीक लेवल 27 सितंबर 2024 से तुलना करें तो निफ्टी 500 इंडेक्स से अडानी ग्रीन एनर्जी, व्हर्लपूल, होन्सा कंज्यूमर, स्टर्लिंग ऐंड विल्सन रीन्यूएबल एनर्जी में 52 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. इसी तरह शोभा डेवलपर्स, राजेश एक्सपोर्ट्स , चेन्नई पेट्रोलियम, थर्मेक्स, एचएफसीएल, ज्यूपिटर वैगन्स, राइट्स, पीवीआर आईनॉक्स, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, गोदरेज प्रॉपर्टीज, सूजलॉन एनर्जी, एनसीसी, स्टार हेल्थ, जियो फाइनेंशसियल सर्विसेज जैसे शेयरों में 30 से 50 फीसदी की भारी गिरावट आई है.
जानकारों का कहना है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हालातों की वजह से अभी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. कई जानकार यह भी कहते हैं कि बाजार पर नजर रखनी चाहिए. अगर निफ्टी 23,000 के लेवल से नीचे जाता है तो फिर गिरावट और तेज हो सकती है.