Share Market: क्या गिरावट का दौर है खरीदारी का मौका? दुनिया के दिग्गज निवेशक ने किया रणनीति का खुलासा

Share Market: क्या गिरावट का दौर है खरीदारी का मौका? दुनिया के दिग्गज निवेशक ने किया रणनीति का खुलासा

Authored By: Suman

Published On: Monday, February 17, 2025

Updated On: Monday, February 17, 2025

शेयर बाजार में गिरावट और निवेश की रणनीति
शेयर बाजार में गिरावट और निवेश की रणनीति

बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पिछले साल के 27 सितंबर के अपने पीक स्तर से करीब 12 फीसदी टूट चुका है. निफ्टी (NSE Nifty) भी करीब 13 फीसदी टूट चुका है. ऐसे में तमाम दिग्गज निवेशक क्या रणनीति अपना रहे हैं? इसका संकेत मिला दुनिया के दिग्गज निवेशक जिम रोजर्स के एक इंटरव्यू से.

Authored By: Suman

Updated On: Monday, February 17, 2025

Indian Share Market: भारतीय शेयर बाजार में खूनखराबे का दौर चल रहा है. शेयर बाजार पिछले पूरे हफ्ते लाल निशान में बंद हुआ और इस हफ्ते की शुरुआत भी लाल निशान के साथ हुई है. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पिछले साल के 27 सितंबर के अपने पीक स्तर से करीब 12 फीसदी टूट चुका है.  निफ्टी (NSE Nifty) भी करीब 13 फीसदी टूट चुका है. यही नहीं, इस महीने की शुरुआत 4 फरवरी से अब तक सेंसेक्स करीब पौने चार फीसदी टूट चुका है.

कई देशों में जंग के माहौल से शेयर बाजार उबर भी नहीं पाए थे कि अमेरिका में ट्रंप सरकार के आने के बाद जो अनिश्चितता बनी उसका भी बाजारों पर भारी नेगेटिव असर पड़ा. दिसंबर की तीसरी तिमाही में कंपनियों की कमाई के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं और शेयरों का वैल्यूएशन भी ऊंचा है जिसकी वजह से इनमें कुछ गिरावट (Share Market down) आ रही है. जून 2024 के बाद बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये से नीचे चला गया.

यही नहीं, हाल के दिनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने भी भारतीय बाजार से धड़ाधड़ बिकवाली की है. इन सब वजहों से शेयर बाजार में गिरावट का​ सिलसिला बना हुआ है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में बढ़ते दबदबे की वजह से अब विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी एफपीआई चीनी टेक कंपनियों की तरफ आकर्षित हुए हैं और भारतीय बाजार से निकासी कर रहे हैं. फरवरी महीने के पहले पखवाड़े में ही एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से करीब 21 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. यही नहीं, जनवरी में तो एफपीआई ने करीब 78 हजार करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए थे.

क्या कहते हैं दिग्गज

लेकिन शेयर बाजार में एक सिद्धांत यह चलता है कि जब सभी लोग धड़ाधड़ बिकवाली कर रहे हों समझदार निवेशक अपनी नकदी निकालने लगते हैं और सस्ते शेयरों में खरीदारी का फायदा उठाते हैं. बाजार में लगातार गिरावट का मतलब यह है कि बहुत से अच्छे शेयर सस्ते वैल्युएशन पर उपलब्ध हैं. दिग्गज निवेशक वारेन बफेट का भी फेमस क्वोट है कि जब दूसरे लोग लालची हो रहे हों तो आपको डरना चाहिए और जब दूसरे लोग डरे हुए हों तो आपको लालची होना चाहिए.

भारतीय बाजार में गिरावट के दौर में तमाम दिग्गज निवेशक क्या रणनीति अपना रहे हैं? इसका संकेत मिला दुनिया के दिग्गज निवेशक जिम रोजर्स के एक इंटरव्यू से. अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक इंटरव्यू में जिम रोजर्स ने यह राज खोल दिया कि वे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के किए किस मौके के इंतजार में हैं.

उन्होंने साफ कहा कि वे ऐसे बाजार में ही खरीदारी करते हैं जहां भारी गिरावट हो रही हो और निवेशक परेशान हों. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय बाजार में गिरावट जारी रहती है और निवेशक उदास, चिंतित, हताश हो जाते हैं तो मैं शायद भारतीय शेयर खरीदूंगा. उन्होंने कहा कि वे अभी भारतीय शेयर बाजार में निवेश नहीं कर रहे. भारतीय शेयर बाजार वैश्विक घटनाओं खासकर ट्रंप से जुड़े ऐलान पर ओवर रिएक्टिव है यानी जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया जता रहा है. लेकिन अगर आगे भी भारतीय बाजार में गिरावट आती है तो वे भारतीय शेयरों की खरीद करेंगे. यानी जिम रोजर्स अभी भारतीय बाजार में और गिरावट का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब लोग भारतीय बाजार को लेकर हताश हो जाएंगे तब वे वहां से खरीदारी शुरू करेंगे.

जिम रोजर्स एक अमेरिकी निवेशक और फाइनेंशियल कमेंटेटर हैं और सिंगापुर में रहते हैं. दुनिया भर के शेयर बाजारों पर उनकी पैनी नजर रहती है. वह क्वांटम फंड के को-फाउंडर रहे हैं और फिलहाल रोजर्स होल्डिंग्स के चेयरमैन हैं.

क्या करना चाहिए

अब सवाल उठता है कि क्या आपको गिरावट के इस मौके पर निवेश करना चाहिए. तो जानकार यही कहते हैं कि अच्छे फंडामेंटल और अच्छे वैल्युएशन वाले शेयरों में आप निवेश कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि आपको तत्काल फायदा नहीं मिलने वाला. अच्छे फायदे के लिए आपको साल-दो साल के लॉन्ग टर्म तक इंतजार करना पड़ सकता है. बेहतर यही है कि शेयरों में निवेश के लिए किसी सेबी रजिस्टर्ड सलाहकार से गाइडेंस लें.

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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