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बढ़ते अपराध पर चुप क्यों है सरकार? विपक्ष ने खोली नीतीश कुमार की ‘सुशासन’ की पोल!
बढ़ते अपराध पर चुप क्यों है सरकार? विपक्ष ने खोली नीतीश कुमार की ‘सुशासन’ की पोल!
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, July 12, 2025
Last Updated On: Saturday, July 12, 2025
बिहार में कानून व्यवस्था (Law & Order in Bihar) को लेकर राजनीतिक घमासान तेज़ हो गया है. राज्य में लगातार सामने आ रही आपराधिक घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की "सुशासन" वाली छवि पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है और जंगलराज की वापसी का आरोप लगाया है.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Saturday, July 12, 2025
Rising crime in Bihar: राजद (RJD), कांग्रेस (Congress)और वाम दलों सहित पूरे INDI गठबंधन ने नीतीश (Nitish Kumar) सरकार से पूछा है कि अगर यही सुशासन है, तो फिर अपराधी बेलगाम क्यों हैं? वहीं, सोशल मीडिया पर भी #जंगलराज_बिहार ट्रेंड कर रहा है.
विपक्ष के तीखे सवाल
राजद (RJD) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “राज्य में हर दिन हत्या, लूट, बलात्कार और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं. नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बताएं कि क्या यही उनके सुशासन का मॉडल है? अब न केवल विपक्ष, बल्कि जनता भी कह रही है कि बिहार फिर उसी अंधेरे दौर में लौट रहा है.”
बिहार में कानून व्यवस्था पर बोले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद: “यह हर किसी के लिए चिंता का विषय”
बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने चिंता जताई है. उन्होंने इसे “दुखद और सभी के लिए चिंता का विषय” बताया है. पत्रकारों से बातचीत में खुर्शीद ने कहा, “यह दुख का विषय है… यह हर एक के लिए चिंता का विषय है. जो सरकार में हैं और जो सरकार में नहीं हैं. यकीनन जो सरकार से बाहर है, उसका यह दायित्व बनता है कि वो सरकार को आगाह करे और सरकार को दिशा दिखाए कि आपके होते हुए जो हो रहा है वो गलत है.”
कांग्रेस (Congress) नेता शक्ति सिंह गोहिल ने भी कहा, “नीतीश जी को अब आत्ममंथन करना चाहिए. जनता को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन यहां खुद सरकार ही असहाय दिख रही है.”
जदयू पर भी सवाल
अपराध की बढ़ती घटनाओं पर अब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जदयू (JDU) भी विपक्ष के निशाने पर आ गई है. पहले RJD के साथ सत्ता में होने के चलते जंगलराज के आरोपों से घिरने वाली JDU अब एनडीए (NDA) में रहते हुए भी वही सवालों के घेरे में है.
हाल की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
हाल ही में पटना, मुजफ्फरपुर, आरा और भागलपुर जैसे शहरों में हत्या, गैंगवार, महिलाओं पर अत्याचार और पुलिस पर हमले जैसी घटनाओं ने आम जनता को डरा दिया है. व्यापारियों के बीच भी असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है.
सरकार की चुप्पी या रणनीति?
सरकार की ओर से अब तक इन आरोपों पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल में अपराध नियंत्रण को लेकर अधिकारियों को निर्देश जरूर दिए हैं, लेकिन विपक्ष इसे “मौखिक आदेश” करार दे रहा है और ठोस कार्रवाई की मांग कर रहा है.
पटना एयरपोर्ट पर बम की धमकी के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा
पटना हवाई अड्डे पर उस समय हड़कंप मच गया जब बम होने की धमकी की सूचना मिली. इसके बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने तत्काल सतर्कता बढ़ा दी और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया. CISF और एयरपोर्ट सुरक्षा बलों ने पूरे परिसर में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. यात्रियों की जांच कड़ी कर दी गई है और एयरपोर्ट के भीतर और बाहर हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, एक अनजान कॉल के जरिए बम की धमकी दी गई थी, जिसके बाद एंटी-सबोटेज टीम और बम डिस्पोजल स्क्वॉड को मौके पर बुलाया गया. एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, अब तक किसी संदिग्ध वस्तु की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं. धमकी की वजह से कुछ फ्लाइट्स में देरी की सूचना है, हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी.
बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर उठते सवाल अब केवल विपक्ष तक सीमित नहीं रह गए हैं. आम जनता भी असुरक्षित महसूस कर रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह चुनौती सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि उनकी सुशासन वाली साख को बचाने की भी बन गई है. अब देखना होगा कि सरकार कितनी गंभीरता से इस चुनौती का सामना करती है.